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समस्तीपुर: छात्रसंघ चुनावों में बढ़ी सियासी दलों की दखलअंदाजी

मौजूदा छात्रसंघ चुनाव में करीब 33 हजार से ज्यादा छात्र मतदाता हैं. साथ ही कॉलेजों में भी कई हजार छात्र चुनाव में सक्रिय हैं. 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सभी सियासी दल छात्रसंघ चुनाव के माध्यम से युवाओं पर बेहतर प्रभाव बनाने में जुटे हैं.

समस्तीपुर
सियासी दलों की दखलअंदाजी
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Published : Nov 28, 2019, 5:09 PM IST

समस्तीपुर: छात्रसंघ चुनाव के मद्देनजर जिले में मिथिला यूनिवर्सिटी के करीब 12 अंगीभूत कॉलेजों में छात्र राजनीति पूरी तरह गर्म हो गई है. आलम ये है कि सभी छात्र संगठन अपनी-अपनी जीत को लेकर पूरा दम लगा रहे हैं. बता दें कि छात्रसंघ चुनाव में बड़े सियासी दलों के छात्र संगठन सरकार के एजेंडे के जरिए छात्रों पर प्रभाव डालने में जुटे हैं.

सियासी दलों से बचने की अपील
गौरतलब है कि छात्र संगठनों का मकसद कॉलेज परिसर की समस्याओं से ज्यादा छात्रों को दल विशेष के प्रति गोलबंद करना है. यही वजह है कि जेडीयू, बीजेपी और आरजेडी सभी सियासी दल छात्रसंघ चुनाव के जरिए अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की फिल्डिंग कर रहे हैं. वहीं, इस संबंध में छात्र नेताओं का भी मानना है कि छात्रसंघ चुनाव सियासत की पहली सीढ़ी है. साथ ही बहुत से छात्र नेता ऐसे भी हैं जो सियासी दलों के प्रभाव से छात्रों को बचने की अपील कर रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

हजारों छात्र चुनाव में हैं सक्रिय
गौरतलब है कि मौजूदा छात्रसंघ चुनाव में करीब 33 हजार से ज्यादा छात्र मतदाता हैं. साथ ही कॉलेजों में भी कई हजार छात्र चुनाव में सक्रिय हैं. बता दें कि 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सभी सियासी दल छात्रसंघ चुनाव के माध्यम से युवाओं पर बेहतर प्रभाव बनाने में जुटे हैं.

समस्तीपुर: छात्रसंघ चुनाव के मद्देनजर जिले में मिथिला यूनिवर्सिटी के करीब 12 अंगीभूत कॉलेजों में छात्र राजनीति पूरी तरह गर्म हो गई है. आलम ये है कि सभी छात्र संगठन अपनी-अपनी जीत को लेकर पूरा दम लगा रहे हैं. बता दें कि छात्रसंघ चुनाव में बड़े सियासी दलों के छात्र संगठन सरकार के एजेंडे के जरिए छात्रों पर प्रभाव डालने में जुटे हैं.

सियासी दलों से बचने की अपील
गौरतलब है कि छात्र संगठनों का मकसद कॉलेज परिसर की समस्याओं से ज्यादा छात्रों को दल विशेष के प्रति गोलबंद करना है. यही वजह है कि जेडीयू, बीजेपी और आरजेडी सभी सियासी दल छात्रसंघ चुनाव के जरिए अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की फिल्डिंग कर रहे हैं. वहीं, इस संबंध में छात्र नेताओं का भी मानना है कि छात्रसंघ चुनाव सियासत की पहली सीढ़ी है. साथ ही बहुत से छात्र नेता ऐसे भी हैं जो सियासी दलों के प्रभाव से छात्रों को बचने की अपील कर रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

हजारों छात्र चुनाव में हैं सक्रिय
गौरतलब है कि मौजूदा छात्रसंघ चुनाव में करीब 33 हजार से ज्यादा छात्र मतदाता हैं. साथ ही कॉलेजों में भी कई हजार छात्र चुनाव में सक्रिय हैं. बता दें कि 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सभी सियासी दल छात्रसंघ चुनाव के माध्यम से युवाओं पर बेहतर प्रभाव बनाने में जुटे हैं.

Intro:चुनाव भले कॉलेज कैम्पस के अंदर छात्रों से जुड़े मुद्दे पर हो रहा हो , लेकिन इन युवाओं के जरिये बड़े सियासी दलों की दखलअंदाजी इस चुनाव में दिखने लगा है । सवाल क्या छात्रों के जरिये बड़े सियासी दल , अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कुछ गुना भाग में तो नही जुटे ।


Body:छात्रसंघ चुनाव के मद्देनजर जिले में मिथिला यूनिवर्सिटी के करीब 12 अंगीभूत कॉलेजों में छात्र राजनीति पूरी तरह गर्म है । विभिन्न छात्र संगठन अपने अपने जीत को लेकर पूरा दम लगा रहे । लेकिन इन छात्रसंघ चुनाव में कई बड़े सियासी दल के युवा विंग्स , सरकार के एजेंडे के जरिये छात्रो पर प्रभाव डालने में जुटे है । दरअसल इनका मकसद कॉलेज कैम्पस के समस्याओं से ज्यादा , इस बात पर फोकस है की , कैसे इन युवाओं को दल विशेष के प्रति गोलबंद किया जाये । यही वजह है की , जदयू , बीजेपी , राजद हो या फिर अन्य सियासी दल , सब के सब इन छात्रसंघ चुनाव के जरिये अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की फिल्डिंग कर रहे । वैसे छात्र नेता का भी मानना है की , छत्रसंघ चुनाव सियासत की पहली सीढ़ी के तरह है ।

बाईट - विवेक सिन्हा , छात्र नेता ।

वीओ - दरअसल छात्रों के बीच कंही युवाओं से जुड़े बीजेपी सरकार की उपलब्धि गिनाई जा रही , तो कंही राज्य सरकार के सात निश्चय में युवाओं से जुड़े निश्चय का बखान हो रहा । यही नही राजद , लेफ्ट व जाप जैसे छात्र विंगस , युवाओं को लेकर केंद्र व राज्य के सरकार की विफलताओं को विस्तार से बता रहे । वैसे बहुत छात्र नेता सियासी दलों के प्रभाव से बचने की अपील भी कर रहे ।

बाईट - आदर्श आंनद , छात्र नेता ।


Conclusion:गौरतलब है की , इस छत्रसंघ चुनाव में करीब 33 हजार से ज्यादा छात्र मतदाता है । वंही इन कॉलेजों में कई हजार छात्र इस चुनाव में सक्रिय है । जाहिर सी बात है , 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले , इन सियासी दलों का इन युवाओं पर बेहतर प्रभाव का मंच साबित हो सकता है यह छत्रसंघ चुनाव ।
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