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समस्तीपुर: प्रशासनिक उदासीनता और भू-माफियाओं के जाल में उलझा पोखर, गड्ढे में हो रहा तब्दील

नगर परिषद ने सौंदर्यीकरण के लिए बहुत सारी योजनाएं बनाई. लेकिन, सौंदर्यीकरण की योजना कागजों में ही सिमट कर रह गई. पोखर का विकास करने के लिए मत्स्य विभाग के साथ-साथ नगर परिषद और जिला प्रशासन बड़ी-बड़ी बातें करता रहा. लेकिन इसकी नारकीय हालत किसी से छिपी नहीं है.

भूमाफियाओं के जाल में उलझा पोखर
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Published : Nov 20, 2019, 8:16 PM IST

समस्तीपुर: जिले का सरकारी पोखर कचरा डम्पिंग का स्थान बन गया है. आलम यह है कि सालभर में एक बार ही पोखर की सफाई होती है. शहर के केंद्र में बसे काशीपुर मोहल्ले का तालाब सरकारी उदासीनता की वजह से धीरे-धीरे गड्ढे में तब्दील होता जा रहा है. आलम यह है कि संरक्षण के अभाव में स्थानीय भू-माफियाओं के अतिक्रमण की वजह से ऐतिहासिक पोखर जल्द ही इतिहास बन जाएगा.

समस्तीपुर
काशीपुर मोहल्ले का सरकारी तालाब

कागजों में ही सिमटी रह गई योजनाएं
एक तरफ नदी-तालाबों के जीर्णोद्धार को लेकर बड़ी-बड़ी योजनाओं की शुरुआत की गई है. वहीं, लगभग 1 एकड़ से ज्यादा रकबे वाले सरकारी तालाब को अतिक्रमण और कूड़े-कचरे के अंबार ने एक गंदे पानी के गड्ढे में तब्दील कर दिया है. नगर परिषद ने सौंदर्यीकरण के लिए बहुत सारी योजनाएं बनाई लेकिन सौंदर्यीकरण की योजना कागजों में ही सिमट कर रह गई. पोखर का विकास करने के लिए मत्स्य विभाग के साथ-साथ नगर परिषद और जिला प्रशासन बड़ी-बड़ी बातें करता रहा. लेकिन इसकी नारकीय हालत किसी से छिपी नहीं है.

भू-माफियाओं के जाल में उलझा पोखर

'प्रशासन ने कई बार हटाया अतिक्रमण'
समाजिक कार्यकर्ता विश्वनाथ चौधरी ने बताया कि पोखर से जुड़े सरकारी योजनाओं के फाइलों के अनुसार साफ-सफाई और घेराबंदी के साथ-साथ इसके चारों तरफ पक्की सीढ़ी और लोगों के बैठने के लिए कुर्सी का निर्माण होना था. समस्तीपुर नगर परिषद ने बकायदा परिषद बोर्ड में पारित योजना को नगर आवास विभाग के पास भेजा भी था. लेकिन फिर यह योजना फाइलों में ही उलझा रह गया. साथ ही उन्होंने बताया कि कई बार जिला प्रशासन की तरफ से अतिक्रमण को हटाया गया है. लेकिन इसके बाद भी कुछ भागों में अभी भी अतिक्रमण है.

समस्तीपुर: जिले का सरकारी पोखर कचरा डम्पिंग का स्थान बन गया है. आलम यह है कि सालभर में एक बार ही पोखर की सफाई होती है. शहर के केंद्र में बसे काशीपुर मोहल्ले का तालाब सरकारी उदासीनता की वजह से धीरे-धीरे गड्ढे में तब्दील होता जा रहा है. आलम यह है कि संरक्षण के अभाव में स्थानीय भू-माफियाओं के अतिक्रमण की वजह से ऐतिहासिक पोखर जल्द ही इतिहास बन जाएगा.

समस्तीपुर
काशीपुर मोहल्ले का सरकारी तालाब

कागजों में ही सिमटी रह गई योजनाएं
एक तरफ नदी-तालाबों के जीर्णोद्धार को लेकर बड़ी-बड़ी योजनाओं की शुरुआत की गई है. वहीं, लगभग 1 एकड़ से ज्यादा रकबे वाले सरकारी तालाब को अतिक्रमण और कूड़े-कचरे के अंबार ने एक गंदे पानी के गड्ढे में तब्दील कर दिया है. नगर परिषद ने सौंदर्यीकरण के लिए बहुत सारी योजनाएं बनाई लेकिन सौंदर्यीकरण की योजना कागजों में ही सिमट कर रह गई. पोखर का विकास करने के लिए मत्स्य विभाग के साथ-साथ नगर परिषद और जिला प्रशासन बड़ी-बड़ी बातें करता रहा. लेकिन इसकी नारकीय हालत किसी से छिपी नहीं है.

भू-माफियाओं के जाल में उलझा पोखर

'प्रशासन ने कई बार हटाया अतिक्रमण'
समाजिक कार्यकर्ता विश्वनाथ चौधरी ने बताया कि पोखर से जुड़े सरकारी योजनाओं के फाइलों के अनुसार साफ-सफाई और घेराबंदी के साथ-साथ इसके चारों तरफ पक्की सीढ़ी और लोगों के बैठने के लिए कुर्सी का निर्माण होना था. समस्तीपुर नगर परिषद ने बकायदा परिषद बोर्ड में पारित योजना को नगर आवास विभाग के पास भेजा भी था. लेकिन फिर यह योजना फाइलों में ही उलझा रह गया. साथ ही उन्होंने बताया कि कई बार जिला प्रशासन की तरफ से अतिक्रमण को हटाया गया है. लेकिन इसके बाद भी कुछ भागों में अभी भी अतिक्रमण है.

Intro:शहर के केंद्र में बसे काशीपुर मोहल्ले का एक सरकारी तालाब , जो सरकारी उदासीनता के वजह से धीरे-धीरे गड्ढे में तब्दील होता जा रहा है । यही नहीं भूमाफिया व स्थानीय लोग के अतिक्रमण के दंश का हाल ऐसा की , शायद यह एतिहासिक पोखर जल्द ही इतिहास बन जायेगा ।


Body:एक तरफ नदी तालाबों के जीर्णोद्धार को लेकर बड़े-बड़े योजनाओं की शुरुआत की गई है । बदहाल पानी के ऐसे स्रोतों को फिर से जिंदा करने की कवायद की जा रही है । लेकिन हाल देखिए लगभग 1 एकड़ से ज्यादा रकबे वाले काशीपुर सरकारी तालाब का , अतिक्रमण व कूड़े-कचरे के अंबार ने इसे एक गंदे पानी के गड्ढे में तब्दील कर दिया है । वैसे स्थानीय स्तर पर कई सामाजिक संस्थाओं ने इसे बचाने का प्रयास जरूर किया , लेकिन विभागीय उदासीनता व भूमाफियाओं के बल के सामने वे कमजोर पड़ गए ।

बाईट - विश्वनाथ चौधरी , समाजिक कार्यकर्ता ।

वीओ - वैसे अगर इस पोखर से जुड़े सरकारी योजनाओं के फाइलों पर गौर करें तो , इसके साफ-सफाई व घेराबंदी के साथ-साथ इसके चारों तरफ पक्की सीढ़ी व लोगो के बैठने के लिए कुर्सी का निर्माण होना था । समस्तीपुर नगर परिषद ने बाकायदा परिषद बोर्ड में पारित योजना को नगर आवास विभाग के पास भेजा भी था । सूत्रों की मानें तो इस तालाब के विकास को लेकर जिला प्रशासन को हरी झंडी भी मिली , लेकिन फिर यह योजना फाइलों में ही उलझा रह गया । वैसे इस मामले पर परिषद के एक्सक्यूटिव ऑफिसर ने कहा की , तालाब को बचाने के लिए कार्यवाही शुरू की गई ।

बाईट - रजनीश कुमार , एक्सक्यूटिव ऑफिसर , समस्तीपर नगर परिषद ।


Conclusion:बहरहाल , अभी भी इस तालाब के राह में सरकारी सुस्ती साफ नजर आ रहा । सवाल , क्या समस्तीपुर नगर परिषद अपने क्षेत्र के इस एकमात्र तालाब को बचाने में सफल होगा ।

अमित कुमार की रिपोर्ट ।
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