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बूढ़ी गंडक ने लिया विकराल रुप, सैकड़ों परिवारों के सिर से छीन गई छत - government negligence

स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें सरकारी मदद नहीं मिल रही है. वह जिंदगी और मौत के बीच बेबस खड़े हैं. प्रशासन की ओर से उन्हें अभी तक राहत सामाग्री नहीं दी गई है.

बाढ़ का कहर
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Published : Jul 20, 2019, 10:52 PM IST

समस्तीपुर: नेपाल में हो रही बारिश के कारण बिहार के कई जिले बुरी तरह प्रभावित हैं. बूढ़ी गंडक नदी भी खतरे के निशान को पार कर चुकी है. तटवर्ती इलाके में रहने वाले लोग तबाह हैं. हजारों परिवारों के घर नदी में डूब गए हैं. लोग किसी तरह सुरक्षित निकलकर बांध पर शरण लिए हुए हैं.

मदद नहीं मिलने से लोगों में आक्रोश

स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें सरकारी मदद नहीं मिल रही है. वह जिंदगी और मौत के बीच बेबस खड़े हैं. प्रशासन की ओर से उन्हें अभी तक राहत सामाग्री नहीं दी गई है. जिससे लोगों में आक्रोश दिख रहा है.

किसी तरह कर रहे गुजर बसर
मालूम हो कि गंडक नदी की किनारे हजारों परिवार विगत कई सालों से झोपड़ी बनाकर रहते आ रहे हैं. हर साल गंडक नदी इन सभी परिवारों के लिए तबाही और काल साबित होती है. इस बार भी गंडक नदी ने विकराल रुप धारण कर निचले इलाके में रहने वाले लोगों के सिर से छत छीन ली. बाढ़ पीड़ित किसी तरह बचे सामान को निकाल कर बांध पर शरण लिए हुए हैं.

samastipur
जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे लोग

हफ्तों से भूखे पड़े हैं बच्चे
बाढ़ से पीड़ित परिवार किसी तरह ऊंची जगह तलाश कर बांस-बल्ले और पन्नी के सहारे सिर ढ़क रहे हैं. स्थानीय लोगों का बताना है कि हर साल यही दुर्दशा होती है और प्रशासन इंतजाम में फेल होती है. स्थानीय लोगों का बताना है कि वह मजदूरी करने वाले लोग हैं. बाढ़ के कारण सब ठप है. जिस कारण वे मजदूरी करने नहीं जा सके. नतीजतन परिवार भूखा है.

अभी भी तैयारी में लगा है प्रशासन
इस बाबत जिलाधिकारी ने बताया अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देशित कर दिया गया है. वह प्रतिदिन निरीक्षण कर शाम में प्रतिवेदन करें ताकि लोगों को स्टेंडर्ड ऑपरेशन प्रोसिड्यौर के तहत राहत बितरण का कार्य कराया जा सके.

समस्तीपुर: नेपाल में हो रही बारिश के कारण बिहार के कई जिले बुरी तरह प्रभावित हैं. बूढ़ी गंडक नदी भी खतरे के निशान को पार कर चुकी है. तटवर्ती इलाके में रहने वाले लोग तबाह हैं. हजारों परिवारों के घर नदी में डूब गए हैं. लोग किसी तरह सुरक्षित निकलकर बांध पर शरण लिए हुए हैं.

मदद नहीं मिलने से लोगों में आक्रोश

स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें सरकारी मदद नहीं मिल रही है. वह जिंदगी और मौत के बीच बेबस खड़े हैं. प्रशासन की ओर से उन्हें अभी तक राहत सामाग्री नहीं दी गई है. जिससे लोगों में आक्रोश दिख रहा है.

किसी तरह कर रहे गुजर बसर
मालूम हो कि गंडक नदी की किनारे हजारों परिवार विगत कई सालों से झोपड़ी बनाकर रहते आ रहे हैं. हर साल गंडक नदी इन सभी परिवारों के लिए तबाही और काल साबित होती है. इस बार भी गंडक नदी ने विकराल रुप धारण कर निचले इलाके में रहने वाले लोगों के सिर से छत छीन ली. बाढ़ पीड़ित किसी तरह बचे सामान को निकाल कर बांध पर शरण लिए हुए हैं.

samastipur
जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे लोग

हफ्तों से भूखे पड़े हैं बच्चे
बाढ़ से पीड़ित परिवार किसी तरह ऊंची जगह तलाश कर बांस-बल्ले और पन्नी के सहारे सिर ढ़क रहे हैं. स्थानीय लोगों का बताना है कि हर साल यही दुर्दशा होती है और प्रशासन इंतजाम में फेल होती है. स्थानीय लोगों का बताना है कि वह मजदूरी करने वाले लोग हैं. बाढ़ के कारण सब ठप है. जिस कारण वे मजदूरी करने नहीं जा सके. नतीजतन परिवार भूखा है.

अभी भी तैयारी में लगा है प्रशासन
इस बाबत जिलाधिकारी ने बताया अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देशित कर दिया गया है. वह प्रतिदिन निरीक्षण कर शाम में प्रतिवेदन करें ताकि लोगों को स्टेंडर्ड ऑपरेशन प्रोसिड्यौर के तहत राहत बितरण का कार्य कराया जा सके.

Intro:बाढ़ स्पेशल
समस्तीपुर नेपाल से छोड़े जाने वाली पानी जिले के लोगों के लिए काल वन गई है ।बुढ़ी गंडक नदी भी खतरे के निशान के करीब पहुंचकर निचले इलाके में रहने बाले लोगों को तबाह कर दिया है । हजारों परिवार का घर नदी के पानी में डूब गया लोग किसी तरह सुरक्षित निकलकर बांध पर शरण लिए हुए हैं ।प्रशासन के द्वारा अभी तक किसी भी तरह का राहत वितरण का कार्य नहीं किया गया है । जिसे लोगों में आक्रोश दिख रहा है।


Body:गंडक नदी की किनारे हजारों परिवार विगत कई सालों से झोपड़ी बनाकर रहते आ रहे है । घटक साल गंडक नदी की पानी सभी परिवारों तबाह और बर्बाद कर जाती है। और छोड़ जाती मायूसी। इस बार भी गंडक नदी में पानी भरने से अपना विकराल रुप धारण कर निचले इलाके में रहने वाले लोगों के घर को डुबो दिया है ।बहुत सारे लोगों के घर का सामान पानी में डूब गया है ।किसी तरह बाकी बचे सामान को निकाल कर बांध पर शरण लिए हुए है ।खुद बांस बल्ले और पन्नी टांग कर रह रहे है । स्थानीय लोगो का बताना है कि हरे साल हम लोगों की यही दुर्दशा हो जाती है। लेकिन प्रशासन के द्वारा किसी भी तरह का राहत वितरण का काम किया नहीं किया जाता है ।गंडक नदी में पानी भरने के कारण नदी के किनारे मंदिर मंदिर भी पानी के चारों ओर से घिर गया है ।गंडक नदी का पानी धीरे-धीरे फैल रहा है और अपना कहर बरपा रही है ।


Conclusion:वहां स्थानीय लोगों का बताना है कि हम लोग मजदूरी करने वाले लोग हैं ।और तो दिनों से अपने घर के सामान को निकालने में लगे हुए हैं।मजदुरी करने नहीं गए हैं जिसके कारण बाल बच्चे भूखे हैं। जिलाधिकारी ने बताया अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देशित कर दिया गया है ।वह प्रतिदिन निरीक्षण कर शाम में प्रतिबेदन करें ताकि लोगों को स्टेंडर्ड ऑपरेशन प्रोसिड्यौर के तहत
राहत बितरण का कार्य कराया जा सके। अब देखना है गंडक नदी के निचले इलाके में डूबे परिवार को प्रशासन के द्वारा कब तक राहत मुहैया कहा जाता है।
बाईट : मोहमद मुस्लिम
बाईट : सुनील
बाईट: अनिता देवी
बाईट : चंद्रशेखर सिंह जिलाधिकारी।
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