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कोर्ट के निर्देश पर JDU के पूर्व विधायक रामबालक सिंह गिरफ्तार, भेजे गए जेल

समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक रामबालक सिंह और उनके भाई को कोर्ट ने आर्म्स एक्ट की धारा में दोषी करार दिया है. वर्ष 2000 में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता ललन सिंह पर कातिलाना हमले के मामले में दोनों को कम से कम 3 साल की सजा होना तय है.

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Published : Sep 10, 2021, 5:24 PM IST

समस्तीपुरः जिला कोर्ट ने आर्म्स एक्ट (Arms Act) मामले में विभूतिपुर के जेडीयू के पूर्व विधायक रामबालक सिंह और उनके भाई को दोषी पाते हुए न्यायिक हिरासत (judicial custody) में भेज दिया है. विभूतिपुर थाना कांड संख्या 62/2000 मामले में दोषी पाते हुए कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी का आदेश जारी किया था. इस मामले में सजा की सुनवाई 13 सितंबर को होगी.

ये भी पढ़ेंः अंतर जिला अपराधी गिरोह का भंडाफोड़, हथियार समेत 8 गिरफ्तार

दरअसल पूर्व विधायक और उनके भाई लाल बाबू सिंह पर वर्ष 2000 में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता ललन सिंह पर कातिलाना हमले का आरोप है. जिसमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता ललन सिंह जख्मी हो गए थे. उनका हाथ पूरी तरह से जख्मी होने के बाद किसी काम का नहीं रहा. उनकी हाथ की उंगलियां नष्ट हो गई थीं. बताया गया है कि इस मामले में कम से कम 7 वर्ष की सजा है. लेकिन उसमें कम से कम 3 साल की सजा होनी तय है.

कोर्ट के आदेश पर पूर्व जदयू विधायक रामबालक सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है. एडीजे थर्ड प्रणव झा के आदेश पर सजा की बिंदु पर आगे की सुनवाई 13 सितंबर 2021 को होगी. वहीं, बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता गौतम भारद्वाज और अजिताभ भारद्वाज थे. सरकार की ओर से एपीपी गौरी शंकर मिश्र ने इस केस में बहस किया. कोर्ट ने सजा की सुनवाई 13 सिंतबर तक सुरक्षित रखी है.

ये भी पढ़ें: निगरानी विभाग की बड़ी कार्रवाई, जूनियर इंजीनियर के बाद अब सर्किल इंस्पेक्टर घूस लेते गिरफ्तार

अब देखना दिलचस्प होगा कि 13 सितंबर को कोर्ट इन्हें कितने वर्ष की सज़ा सुनाती है. इस मामले में चर्चाओं का बाजार गर्म है. बताया जाता है कि 05/06/2000 को माकपा कार्यकर्ता ललन सिंह पर जानलेवा हमला किया गया था. जिसमें विभूतिपुर थाने में पूर्व विधायक राम बालक सिंह और उनके भाई लाल बाबू सिंह पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.

समस्तीपुरः जिला कोर्ट ने आर्म्स एक्ट (Arms Act) मामले में विभूतिपुर के जेडीयू के पूर्व विधायक रामबालक सिंह और उनके भाई को दोषी पाते हुए न्यायिक हिरासत (judicial custody) में भेज दिया है. विभूतिपुर थाना कांड संख्या 62/2000 मामले में दोषी पाते हुए कोर्ट ने दोनों की गिरफ्तारी का आदेश जारी किया था. इस मामले में सजा की सुनवाई 13 सितंबर को होगी.

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दरअसल पूर्व विधायक और उनके भाई लाल बाबू सिंह पर वर्ष 2000 में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता ललन सिंह पर कातिलाना हमले का आरोप है. जिसमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता ललन सिंह जख्मी हो गए थे. उनका हाथ पूरी तरह से जख्मी होने के बाद किसी काम का नहीं रहा. उनकी हाथ की उंगलियां नष्ट हो गई थीं. बताया गया है कि इस मामले में कम से कम 7 वर्ष की सजा है. लेकिन उसमें कम से कम 3 साल की सजा होनी तय है.

कोर्ट के आदेश पर पूर्व जदयू विधायक रामबालक सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है. एडीजे थर्ड प्रणव झा के आदेश पर सजा की बिंदु पर आगे की सुनवाई 13 सितंबर 2021 को होगी. वहीं, बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता गौतम भारद्वाज और अजिताभ भारद्वाज थे. सरकार की ओर से एपीपी गौरी शंकर मिश्र ने इस केस में बहस किया. कोर्ट ने सजा की सुनवाई 13 सिंतबर तक सुरक्षित रखी है.

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अब देखना दिलचस्प होगा कि 13 सितंबर को कोर्ट इन्हें कितने वर्ष की सज़ा सुनाती है. इस मामले में चर्चाओं का बाजार गर्म है. बताया जाता है कि 05/06/2000 को माकपा कार्यकर्ता ललन सिंह पर जानलेवा हमला किया गया था. जिसमें विभूतिपुर थाने में पूर्व विधायक राम बालक सिंह और उनके भाई लाल बाबू सिंह पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.

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