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रोसड़ा के गंडकी नाथ मंदिर में घुसा बाढ़ का पानी, फिर भी कम नहीं हुआ शिवभक्तों का हौसला

समस्तीपुर रोसड़ा के प्रसिद्ध बाबा गंडकी नाथ मंदिर पूरी तरह से बाढ़ से घिर गया है. बावजूद लोग गंडक नदी के पानी से अपनी जान जोखिम में डालकर पूजा के लिए पहुंच रहे हैं.

रोसड़ा गंडकी नाथ मंदिर
रोसड़ा गंडकी नाथ मंदिर
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Published : Aug 17, 2020, 1:04 PM IST

समस्तीपुर(रोसड़ा): जिले में बाढ़ का कहर चरम पर है. कोरोना के बीच बाढ़ ने लोगों की मुसीबत दोगुनी कर दी है. रोसड़ा स्थित प्रसिद्ध बाबा गंडकी नाथ मंदिर पूरी तरह गंडक नदी से घिर गया है. गंडक का जलस्तर बढ़ने के कारण मंदिर के चारों ओर पानी लग गया है.

samastipur
बाढ़ के बीच मंदिर पहुंच रहे लोग

चिंता की बात यह है कि बाढ़ के बीच भक्त अपनी जान जोखिम में डालकर पूजा करने के लिए पहुंच रहे हैं. जबकि बाबा गंडकी नाथ मंदिर पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है. मंदिर पुजारी की मानें तो बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है. बावजूद शिवभक्त पूजा पाठ करने मंदिर पहुंच रहे हैं.

ईटीवी भारत की

मंदिर की है विशेष मान्यता
स्थानीय लोगों की मानें तो बाबा गंडकी नाथ धाम मनोकामना मंदिर है. भादो माह के सोमवारी को यहां पूजा का विशेष महत्व है. यहां हर मनोकामना पूर्ण होती है इसलिए लोगों की भीड़ लगी रहती है. परंपरा के अनुसार इस विकट परिस्थिति में भी मंदिर में बाबा भोलेनाथ का पूजा और श्रृंगार नियमित रूप से किया जा रहा है.

samastipur
बाढ़ के कारण जनजीवन बाधित

समस्तीपुर(रोसड़ा): जिले में बाढ़ का कहर चरम पर है. कोरोना के बीच बाढ़ ने लोगों की मुसीबत दोगुनी कर दी है. रोसड़ा स्थित प्रसिद्ध बाबा गंडकी नाथ मंदिर पूरी तरह गंडक नदी से घिर गया है. गंडक का जलस्तर बढ़ने के कारण मंदिर के चारों ओर पानी लग गया है.

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बाढ़ के बीच मंदिर पहुंच रहे लोग

चिंता की बात यह है कि बाढ़ के बीच भक्त अपनी जान जोखिम में डालकर पूजा करने के लिए पहुंच रहे हैं. जबकि बाबा गंडकी नाथ मंदिर पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है. मंदिर पुजारी की मानें तो बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है. बावजूद शिवभक्त पूजा पाठ करने मंदिर पहुंच रहे हैं.

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मंदिर की है विशेष मान्यता
स्थानीय लोगों की मानें तो बाबा गंडकी नाथ धाम मनोकामना मंदिर है. भादो माह के सोमवारी को यहां पूजा का विशेष महत्व है. यहां हर मनोकामना पूर्ण होती है इसलिए लोगों की भीड़ लगी रहती है. परंपरा के अनुसार इस विकट परिस्थिति में भी मंदिर में बाबा भोलेनाथ का पूजा और श्रृंगार नियमित रूप से किया जा रहा है.

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बाढ़ के कारण जनजीवन बाधित
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