समस्तीपुर: अब क्या करेंगे किसान, जिले में धान खरीद को लेकर लक्ष्य ज्यादा और वक्त काफी कम. सरकारी क्रय केंद्रों पर डेडलाइन 31 मार्च से हुआ 31 जनवरी. वहीं, जिले में महज 16 फीसदी ही हुई है अबतक धान की खरीदारी. सहकारिता विभाग जहां नियमों का रोना रो रहा तो पैक्स और व्यापार मंडल अपनी ही धुन में मस्त है.
पहले प्रकृति का प्रकोप और अब अन्नदाताओं को दगा दे गया सिस्टम. दरअसल, धान खरीद को लेकर सरकार के नए फरमान के बाद यह तय माना जा रहा है कि इस बार भी धान को लेकर किसानों की मेहनत और उनकी पूंजी पानी में गया. जिले में इस बार पिछले साल की तुलना में कई हजार एमटी ज्यादा, 1.10 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य तय किया गया.
धान खरीद का समय सीमा कम
जिला सहकारिता पदाधिकारी के अनुसार, सरकार के नए निर्देशों के बाद धान खरीद का समय सीमा 31 मार्च से घटाकर 31 जनवरी कर दिया गया है. यानी किसानों के पास अब महज 20 दिन का वक्त है. वहीं, जिले में अबतक महज 19 हजार एमटी धान ही खरीद हुई है. विभागीय अधिकारी के अनुसार जिले में 316 पैक्स और व्यापार मंडल एक्टिव हैं. जबकि अन्य क्रय केंद्रों को सक्रिय किया जा रहा है.
किसानों को मिल पाएगा सही मोल ?
अब आप खुद आंकलन कीजिए वक्त कम और जिले में अभी भी काफी संख्या में पैक्स और व्यापार मंडल चिर निद्रा में है, तो सवाल ये है कि क्या वक्त रहते विभाग इन क्रय केंद्रों को एक्टिव कर पाएगा. वहीं, सवाल यह भी है कि क्या किसानों के मेहनत का सही मोल मिल पाएगा.
'धान खरीद मामले में ठगा जा रहा'
किसानों के मुद्दे को लेकर लड़ने वाले किसान नेताओं का आरोप है कि एक बार फिर धान खरीद के मामले में किसानों को ठगा जा रहा. यही नहीं पैक्स और व्यापार मंडल में धान खरीद से ज्यादा गलत आंकड़े बनाने का खेल चल रहा.
तय नए डेडलाइन में हो पाएगा खरीद ?
गौरतलब है कि जिले में अबतक महज 3038 किसानों से ही धान का खरीद हो पाया है. अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्या तय नए डेडलाइन में अन्नदाताओं के उपज का हो पाएगा खरीद या फिर इस वर्ष भी वो बिचौलियों के हाथों औने-पौने दामों में बचेंगे अपनी मेहनत.