समस्तीपुर: जिले के एआरएम लेबोरेटरी परिसर में लगे पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. इस प्रदर्शनी में गुलदाउदी के सैंकड़ो किस्म और उससे जुड़ी खास जानकारी आपको यहां मिल सकती है. यही नहीं यहां एक ही पेड़ में आलू, टमाटर लगे हुए हैं. साथ ही छोटे गमले में चालीस साल पुराना बरगद और विदेशी ड्रैगन फ्रूट भी लगाया गया है.
150 से भी ज्यादा है वेरायटी
जानकारी के मुताबिक गुलदाउदी चीन और जापान का लजीज व्यंजन है. वहीं, यह हमारे यहां सर्दी के मौसम खिलने वाला सबसे खूबसूरत फूल है. गुलदाउदी से जुड़ी ऐसी खास जानकारी और इसके सैंकड़ो वेराइटी ताजपुर रोड स्थित एआरएम लेबोरेटरी परिसर में फूल प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है. 30वें वार्षिक पुष्प प्रदर्शनी के दौरान गुलदाउदी के 150 से भी ज्यादा वेरायटी इस पुष्प प्रदर्शनी में शामिल किये गए हैं.
'इस साल गुलदाउदी के कई दुर्लभ वेराइटी प्रदर्शनी में लाये गए हैं. यहां न सिर्फ लोग इस खूबसूरत फूलों को देखने आते हैं, बल्कि वह इससे जुड़ी जानकारी भी लेते हैं. पुष्प प्रदर्शनी में न सिर्फ गुलदाउदी के बेहतरीन किस्म मिलेगी बल्कि आपको यहां बडिंग और बोंसाई के भी खास रंग देखने को मिलेंगे. एक पेड़ में मिट्टी के नीचे आलू और ऊपर टमाटर, तो छोटे से मिट्टी के गमले में कई शाखाओं वाले चालीस साल से ज्यादा पुराने बरगद और पीपल का पेड़ भी लगाया गया है. यही नहीं विदेशों से आने वाले खास ड्रैगन फ्रूट के पेड़ भी यहां आपको देखने को मिलेंगे'.- डॉ. डीके मिश्रा, आयोजक, पुष्प प्रदर्शनी
गुलदाउदी फूलों की खास बात
गुलदाउदी प्रदर्शनी में लगाए गए 150 से भी ज्यादा वेरायटी के फूलों में सबसे खास बात यह है कि एक बार खिलने के बाद यह फूल एक महीने से भी ज्यादा समय तक मुरझाता नहीं है. गुलदाउदी पुष्प श्रेणी में बॉल नुमा फूल, गेंदा टाइप फूल, स्पाइडर फूल लंबी पत्तियों के फूल चार तरह के हैं. इस बार का मौसम इन फूलों के सही तरह से विकसित होने के लिए अनुकूल है. इन फूलों काे कहीं भी रखा जा सकता है. बस इनको तेज धूप और बारिश से बचाकर रखना होता है. इनमें से सिंगल गुलदाउदी किस्म के नाम से फूल का साइज चार से 6 इंच तक होता है. जुलाई में लगाने के बाद दिसंबर जनवरी महीने में इन पर फूलों का आना शुरू हो जाता है.
बता दें कि अगले 17 जनवरी तक इस परिसर में यह पुष्प प्रदर्शनी चलेगी. ऐसे में खूबसूरत फूलों की किस्म और पौधों के साथ नई तकनीक से वाकिफ होने के लिए लोग दूर-दूर से यहां आ रहे हैं.