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समस्तीपुर में डायरिया ने पसारा पांव, चपेट में आए जिले के कई गांव - Diarrhea disease increasing in samastipur

जागरूकता के अभाव के कारण बच्चों को उल्टी दस्त के दौरान खाना देना बंद कर दिया जाता है. जिससे बच्चे अधिक कमजोर हो जाते हैं. बच्चों को उल्टी दस्त की शिकायत होने पर ओआरएस का घोल देना चाहिए.

अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे डायरिया के मरीज
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Published : Aug 4, 2019, 4:36 PM IST

Updated : Aug 4, 2019, 6:02 PM IST

समस्तीपुर: जिले में बाढ़ और बारिश के बीच जानलेवा डायरिया ने पांव पसारना शुरू कर दिया है. जिले के कई प्रखंड इसके चपेट में हैं. सैकड़ों बच्चें और नौजवान इससे पीड़ित हैं.
समस्तीपुर के दलसिंहसराय प्रखंड में 30 से अधिक लोग डायरिया की चपेट में है. बाढ़ प्रभावित कल्याणपुर प्रखंड के गोविंदपुर खजूरी गांव में पांच दर्जन से ज्यादा लोग इसके प्रभावित हैं. इतना ही नहीं विथान और रोसड़ा में भी डायरिया के कई मामले सामने आये हैं. जिले में धीरे-धीरे डायरिया एक बड़ी आबादी में फैल रहा है.

डायरिया की चपेट में समस्तीपुर

सभी अस्पतालों को निर्देश

बाढ़ और बारिश के मौसम में अचानक बढ़े डायरिया को देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है. सभी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और अनुमंडल अस्पतालों को जरूरी तैयारी का निर्देश दिया है. सदर अस्पताल में डायरिया के मरीजों के लिए अलग वॉर्ड बनाया गया है.

साफ-सफाई जरूरी- सिविल सर्जन

सिविल सर्जन ने बताया कि डायरिया से बचने के लिए साफ-सफाई पर ध्यान देने की जरूरत है. शौच से आने के बाद और खाना खाने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिए. नाखून को काट कर रखें. खाना को हमेशा ढक कर रखें. बासी खाना खाने से परहेज करें. डायरिया के लक्षण होने पर मरीज को ओआरएस का घोल साफ पानी मे थोड़ी-थोड़ी देर पर देना चाहिए. बच्चों को ताजा दाल का पानी और मां का दूध पिलाते रहना चाहिए.

मरीज के परिजनों का आरोप

डायरिया से पीड़ित मरीज के परिजनों का आरोप है कि सरकारी पीएचसी में डायरिया के दवाओं का काफी आभाव है. डॅाक्टर भी समय पर नहीं मिलते हैं. जिसके कारण मरीजों की काफी परेशानी हो रही है.

समस्तीपुर: जिले में बाढ़ और बारिश के बीच जानलेवा डायरिया ने पांव पसारना शुरू कर दिया है. जिले के कई प्रखंड इसके चपेट में हैं. सैकड़ों बच्चें और नौजवान इससे पीड़ित हैं.
समस्तीपुर के दलसिंहसराय प्रखंड में 30 से अधिक लोग डायरिया की चपेट में है. बाढ़ प्रभावित कल्याणपुर प्रखंड के गोविंदपुर खजूरी गांव में पांच दर्जन से ज्यादा लोग इसके प्रभावित हैं. इतना ही नहीं विथान और रोसड़ा में भी डायरिया के कई मामले सामने आये हैं. जिले में धीरे-धीरे डायरिया एक बड़ी आबादी में फैल रहा है.

डायरिया की चपेट में समस्तीपुर

सभी अस्पतालों को निर्देश

बाढ़ और बारिश के मौसम में अचानक बढ़े डायरिया को देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है. सभी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और अनुमंडल अस्पतालों को जरूरी तैयारी का निर्देश दिया है. सदर अस्पताल में डायरिया के मरीजों के लिए अलग वॉर्ड बनाया गया है.

साफ-सफाई जरूरी- सिविल सर्जन

सिविल सर्जन ने बताया कि डायरिया से बचने के लिए साफ-सफाई पर ध्यान देने की जरूरत है. शौच से आने के बाद और खाना खाने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिए. नाखून को काट कर रखें. खाना को हमेशा ढक कर रखें. बासी खाना खाने से परहेज करें. डायरिया के लक्षण होने पर मरीज को ओआरएस का घोल साफ पानी मे थोड़ी-थोड़ी देर पर देना चाहिए. बच्चों को ताजा दाल का पानी और मां का दूध पिलाते रहना चाहिए.

मरीज के परिजनों का आरोप

डायरिया से पीड़ित मरीज के परिजनों का आरोप है कि सरकारी पीएचसी में डायरिया के दवाओं का काफी आभाव है. डॅाक्टर भी समय पर नहीं मिलते हैं. जिसके कारण मरीजों की काफी परेशानी हो रही है.

Intro:जिले में बाढ़ और बारिश के बीच जानलेवा डायरिया ने भी पांव पसारना शुरू कर दिया है । जिले के कई प्रखंड इसके चपेट में हैं , सैंकड़ो बड़े व बच्चें इससे पीड़ित है । वैसे जिले का स्वास्थ्य महकमा इसको लेकर एलर्ट का दावा कर रहा । वंही अधिक प्रभावित क्षेत्र में स्वास्थ्य कैम्प भी लगाया जा रहा । लेकिन सही जानकारी व जागरूकता से इस बीमारी का रोकथाम संभव है ।


Body:जिले के दलसिंहसराय प्रखंड में 30 से अधिक लोग डायरिया के चपेट में है । वंही बाढ़ प्रभावित कल्याणपुर प्रखंड के गोविंदपुर खजूरी गांव में पांच दर्जन से ज्यादा लोग इसके प्रभावित है । यही नही विथान व रोसड़ा में भी इसके कई मामले सामने आया है । यानी जिले में धीरे धीरे डायरिया एक बड़ी आबादी को अपने आगोश में लेता जा रहा । वैसे बाढ़ व बारिश के मौसम में अचानक बढ़े इस बीमारी को देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए , सभी पीएचसी व अनुमंडल अस्पताल को इसको लेकर जरूरी तैयारी का निर्देश दिया है । इसके अलावे सदर अस्पताल में इसको लेकर अलग वार्ड बनाया गया है । वैसे इसको लेकर सही जानकारी व जागरूकता से रोका जा सकता है । सिविल सर्जन के अनुसार , डायरिया से बचने के लिए साफ सफाई का पूरा ध्यान देने की जरूरत है । शौच से आने के बाद व खाना खाने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोए , नाखून को काट कर रखे , खाना को हमेशा ढक कर रखे , वंही बासी खाना खाने से परहेज करें वंही अगर डायरिया के लक्षण होते है तो , पीड़ित को ओआरएस का घोल साफ पानी मे थोड़ी थोड़ी देर पर दे , इसके अलावे सभी जगह उपलब्ध जिंक का टेबलेट भी उन्हें दे । वंही बच्चें को ताजा दाल का पानी व माँ का दूध जरूर पिलाते रहे । वैसे इससे पीड़ित मरीज के परिजनों का आरोप है की , सरकारी पीएचसी में इससे संबंधित दवाओं का काफी आभाव है ।

बाईट - डॉ सियाराम मिश्र , सिविल सर्जन , समस्तीपुर ।
बाईट - प्रभात कुमार , पीड़ित परिजन ।



Conclusion:बहरहाल , बाढ़ व बारिश के मौसम में डायरिया जानलेवा साबित होता जा रहा । जरूरी है , जागरूकता के जरिये इसको लेकर बड़े स्तर पर जिले में अभियान चलाने की ।

अमित कुमार की रिपोर्ट ।
Last Updated : Aug 4, 2019, 6:02 PM IST
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