समस्तीपुर: पूरे उत्तर बिहार सहित जिले को बाढ़ग्रस्त इलाका घोषित कर युद्धस्तर पर राहत कार्य चलाने और मुआवजा देने की मांग को लेकर मंगलवार को भाकपा-माले के बैनर तले विवेक विहार मुहल्ले में धरना दिया गया.
मुआवजा देने की मांग
इस दौरान उत्तर-पूर्व बिहार को बाढ़ग्रस्त इलाका घोषित करने, बाढ़ग्रस्त परिवारों को 25- 25 हजार रुपये मुआवजा देने, बाढ़ से धिरे परिवारों को फूड पैकेट्स, मवेशियों के लिए चारा, पर्याप्त संख्या में नाव, बटाईदार समेत सभी किसानों को 20 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की व्यवस्था करने की मांग की गई.
साथ ही खेत मजदूर और प्रवासी मजदूरों को 7500 रुपये मासिक भत्ता देने, उत्तर-बिहार के लोगों के लिए दो मंजिला मकान बनाने, बाढ़-सुखाड़ का स्थाई समाधान करने, बाढ़ राहत को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग सरकार से की गई.
कई नेता हुए शामिल
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने की. मो. सगीर, मिथिलेश कुमार, मो. लाल, मनोज शर्मा, ऐपवा जिलाध्यक्ष बंदना सिंह आदि ने कार्यक्रम में हिस्सा लेकर अपने-अपने विचार को व्यक्त किया.
राहत के नाम पर लूट
माले नेता सुरेन्द्र ने कहा कि तत्कालीन बाढ़ प्राकृतिक नहीं सरकार निर्मित आपदा है. मुआवजा और राहत के नाम पर उपर से नीचे तक लूट मचाने के लिए बाढ़ का इस्तेमाल किया जाता है. यदि ऐसा नहीं है तो, क्यों नहीं बाढ़ और सुखाड़ का स्थाई समाधान के तहत नदी और नहर की सफाई, नहर निकासी योजना को मजबूती से लागू किया जाता है.
आंदोलन करने की घोषणा
माले नेता ने बाढ़ के नाम पर सरकारी लूट को लेकर अधिकारी, इंजीनियर से लेकर विधायक, मंत्री आदि पर जमकर बरसते हुए सरकारी लूट पर रोक लगाने अन्यथा आंदोलन तेज करने की घोषणा की है.