समस्तीपुर: देश के विभिन्न हिस्सों में अब तक फंसे प्रवासी मजदूरों की सुरक्षित वापसी, तत्काल 3 माह का राशन एवं 10 हजार रूपये देने की मांग पर भाकपा माले ने दो दिन का उपवास रखा है. राष्ट्रव्यापी आह्वान के तहत पूरे राज्य में यह उपवास रखा गया.
उपवास के समर्थन में भाकपा-माले जिला कमिटी सदस्य सुरेंद्र प्रसाद सिंह, ऐपवा जिला अध्यक्ष वंदना सिंह, नीलम देवी ने शहर के विवेक-विहार मुहल्ले में उपवास शुरू किया. इस मौके पर माले नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि केंद्र व विभिन्न राज्यों की सरकार अमीरों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. लेकिन गरीबों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है.
गरीबों पर अत्याचार
माले नेता ने कहा कि विगत दिनों काशी से दक्षिण भारत के तीर्थयात्रियों को 25 बसों व 4 क्रूजर से सुरक्षाकर्मियों के साथ उन्हें घर भेजा गया. कोटा में फंसे छात्रों को बसों से बुलाया जा रहा है. लेकिन बिहार के प्रवासी मजदूरों को न केवल उनके रहमोकरम पर छोड़ दिया है. बल्कि घर लौटने की मांग कर रहे उन मजदूरों पर बर्बर पुलिसिया जुल्म किया जा रहा है. यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है?
दो तरह की नीतियां क्यों?
उन्होंने कहा कि मुम्बई, सूरत, कोटा, दिल्ली, तमिलनाडु आदि जगहों पर हजारों बिहार व यूपी के प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं. उनकी हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है. उनके परिवार के सामने भी कई समस्याएं उठ खड़ी हुई हैं. लेकिन न तो इसके प्रति केंद्र सरकार चिंतित है और न ही राज्य. हम बिहार सरकार से मांग करते हैं कि सभी प्रवासी मजदूरों के लौटने की अविलंब व्यवस्था करें, दो तरह की नीतियां नहीं चलने वाली है.
यह भी मांगे रखी गईं
सभी प्रवासी मजदूरों को वेतन और नौकरी की सुरक्षा की गारंटी की जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि वेतन व नौकरी में कोई कटौती नहीं होगी और न ही छंटनी होगी. जिन स्थानों पर जहां प्रवासी मजदूरों को क्वारांटाइन में रखा गया है, वहां राशन, भोजन और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था की जाए और जांच के उपरांत उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाया जाए.