ETV Bharat / state

कोरोना ने बदल दी आंदोलनों की दिशा, सरकार के नहीं अब महामारी के खिलाफ फूंका जा रहा बिगुल

बिहार में जहां सीएए और एनआरसी को लेकर कई जिलों में धरना प्रदर्शन किया जा रहा था. वहीं, शिक्षक भी आंदोलन पर उतर आए थे. लेकिन अब इन कोरोना वायरस ने इन आंदोलनों को नई दिशा दे दी है.

author img

By

Published : Mar 17, 2020, 9:09 PM IST

समस्तीपुर
समस्तीपुर

समस्तीपुर: जिले में बीते कई महीनों से चल रहे आंदोलन को कोरोना ने एक अलग राह पर ला दिया है. जो जंग सरकार के खिलाफ शुरू हुआ थी वह अब इस जानलेवा कोरोना के खिलाफ हो गई है. दरअसल, धरना-प्रदर्शन हो या फिर सत्याग्रह या हड़ताल. आंदोलनकारी आंदोलन तो कर रहे लेकिन इसके तरीके को पूरी तरह बदल दिया है.

मुख्यमंत्री के निर्देश पर भले जिले में धारा 144 हटा दिया गया हो. लेकिन कोरोना के आगे धरना प्रदर्शन और विभिन्न आंदोलनओं का रंग बदला बदला है. खासतौर पर जिले में बीते 10 जनवरी से सीएए, एनआरसी जैसे कई मुद्दे पर जारी अनिश्चिकालीन सत्याग्रह स्थल पर भी इसका असर साफ दिखने लगा है.

समस्तीपुर से ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

आंदोलन भले जारी है. लेकिन भीड़ से पटे रहने वाले इस स्थल पर लोगों की संख्या अब दर्जनों में सिमट गई है. वहीं, जहां केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ शोर था, वंहा अब कोरोना को रोकने का अभियान चल रहा. सत्याग्रहियों के अनुसार, आंदोलन एक दो लोगों के मौजूदगी में भी जारी रहेगा. लेकिन अब यहां कोरोना के खिलाफ विभिन्न जागरूकता अभियान चलाएंगे.

दर्जन भर लोग ही कर रहे आंदोलन
दर्जन भर लोग ही कर रहे आंदोलन

हड़ताली शिक्षकों ने कोरोना के खिलाफ छेड़ा आंदोलन
कुछ ऐसा ही हाल बिहार में जारी सबसे बड़े आंदोलन का है. समान काम के लिए समान वेतन जैसे मुद्दे पर 17 फरवरी से हड़ताल पर बैठे शिक्षकों के आंदोलन का भी रुख बदल गया है. धरना प्रदर्शन पर कम लोगों की भागीदारी और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम दिख रहे हैं. वहीं, अब इन हड़ताली शिक्षक भी सरकार से ज्यादा कोरोना के खिलाफ घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चलाने के तैयारी में जुट गए हैं.

शिक्षकों ने पहना मास्क
शिक्षकों ने पहना मास्क
  • बहरहाल, विश्व स्तर पर तबाही मचाने वाले इस कोरोना के खिलाफ सिर्फ सरकार नहीं हमारी और आपकी भूमिका भी अहम है. जरूरी है कि सही जानकारी और जागरूकता के जरिये इसके खिलाफ खड़े हों. कुछ इसी राह पर इस कोरोना ने जिले में जारी कई आंदोलन को ला खड़ा किया है.

समस्तीपुर: जिले में बीते कई महीनों से चल रहे आंदोलन को कोरोना ने एक अलग राह पर ला दिया है. जो जंग सरकार के खिलाफ शुरू हुआ थी वह अब इस जानलेवा कोरोना के खिलाफ हो गई है. दरअसल, धरना-प्रदर्शन हो या फिर सत्याग्रह या हड़ताल. आंदोलनकारी आंदोलन तो कर रहे लेकिन इसके तरीके को पूरी तरह बदल दिया है.

मुख्यमंत्री के निर्देश पर भले जिले में धारा 144 हटा दिया गया हो. लेकिन कोरोना के आगे धरना प्रदर्शन और विभिन्न आंदोलनओं का रंग बदला बदला है. खासतौर पर जिले में बीते 10 जनवरी से सीएए, एनआरसी जैसे कई मुद्दे पर जारी अनिश्चिकालीन सत्याग्रह स्थल पर भी इसका असर साफ दिखने लगा है.

समस्तीपुर से ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

आंदोलन भले जारी है. लेकिन भीड़ से पटे रहने वाले इस स्थल पर लोगों की संख्या अब दर्जनों में सिमट गई है. वहीं, जहां केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ शोर था, वंहा अब कोरोना को रोकने का अभियान चल रहा. सत्याग्रहियों के अनुसार, आंदोलन एक दो लोगों के मौजूदगी में भी जारी रहेगा. लेकिन अब यहां कोरोना के खिलाफ विभिन्न जागरूकता अभियान चलाएंगे.

दर्जन भर लोग ही कर रहे आंदोलन
दर्जन भर लोग ही कर रहे आंदोलन

हड़ताली शिक्षकों ने कोरोना के खिलाफ छेड़ा आंदोलन
कुछ ऐसा ही हाल बिहार में जारी सबसे बड़े आंदोलन का है. समान काम के लिए समान वेतन जैसे मुद्दे पर 17 फरवरी से हड़ताल पर बैठे शिक्षकों के आंदोलन का भी रुख बदल गया है. धरना प्रदर्शन पर कम लोगों की भागीदारी और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम दिख रहे हैं. वहीं, अब इन हड़ताली शिक्षक भी सरकार से ज्यादा कोरोना के खिलाफ घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चलाने के तैयारी में जुट गए हैं.

शिक्षकों ने पहना मास्क
शिक्षकों ने पहना मास्क
  • बहरहाल, विश्व स्तर पर तबाही मचाने वाले इस कोरोना के खिलाफ सिर्फ सरकार नहीं हमारी और आपकी भूमिका भी अहम है. जरूरी है कि सही जानकारी और जागरूकता के जरिये इसके खिलाफ खड़े हों. कुछ इसी राह पर इस कोरोना ने जिले में जारी कई आंदोलन को ला खड़ा किया है.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.