समस्तीपुर: किसी भी न्यायायिक प्रक्रिया में पेशी के दौरान बच्चों को तनाव या किसी भी प्रकार के खौफ से दूर रखने के लिए जिले में चाइल्ड फ्रेंडली कोर्ट बनाया गया है. इस कोर्ट की खासियत यह है की यह बच्चों के बालमन के अनुरूप बनाया गया है. यहां बच्चे सहज तरीके से न्यायालय के कार्यवाही में अपनी बात रख सकेंगे.
पेशी के दौरान सहम जाते हैं बच्चे
किसी भी मामले के पीड़ित हो या आरोपी, बच्चे आखिर बच्चे ही होते हैं. कोर्ट परिसर में पेशी के दैरान तनाव या दबाव में वे अपनी बातों को रखने में सहम से जाते हैं. जिले में बनने वाला बाल मित्र न्यायालय अब इस समस्या का समाधान करेगा.
बच्चों के बालमन के अनुरूप बनाया कोर्ट
समाज कल्याण विभाग के बाल संरक्षण इकाई ने इस कोर्ट को खासतौर पर बच्चों के बालमन के अनुरूप बनाया है. कमरे के अंदर जरूरी सुविधाओं के साथ-साथ बच्चों के मनपसंद कार्टून भी लगाए गए हैं. टीवी, लाइब्रेरी समेत खेलने का सामान तक यहां उपलब्ध होगा.
विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यवाही
किसी भी पेशी के दौरान जज विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बच्चों से सवाल पूछेंगे. बाल संरक्षण इकाई का मानना है कि इस चाइल्ड फ्रेंडली कोर्ट से बच्चों पर न्यायिक प्रक्रिया के दौरान कोई दबाव नहीं होगा. वहीं कोर्ट से जुड़े वकीलों का मानना है कि न्यायालय के काम में यह बेहतर प्रयास है.
गौरतलब है कि यह कोर्ट खासतौर पर पॉक्सो एक्ट के मामले में पीड़ित बच्चों के लिए बनाया गया है. इससे बच्चों को आरोपी के सामने लाए बगैर पूरी प्रक्रिया चलाई जा सकेगी.