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अधर में लटका बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन सड़क निर्माण, 1600 करोड़ का ड्रीम प्रोजेक्ट का आधा काम भी नहीं हुआ पूरा

सरकार के द्वारा दावे जो भी कर लिया जाए, जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा रहे बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन सड़क निर्माण डेडलाइन के लगभग 5 साल पूरा होने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है.

योजना का काम अधूरा
योजना का काम अधूरा
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Published : Apr 8, 2021, 8:33 AM IST

समस्तीपुरः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा रहा बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन सड़क निर्माण कार्य की योजना अधर में लटका है. राजधानी से समस्तीपुर जिले को जोड़ने वाली करीब 1600 करोड़ रुपये की यह योजना वर्षों से अधर में लटका है. बता दें कि साल 2011 में पटना के अथमलगोला से जिले के ताजपुर गांधी चौक के लिए फोर लेन सड़क की आधारशिला रखी गई थी. इस सड़क के निर्माण की डेडलाइन 2016 तय किया गई थी. लेकिन अब तक महज 40 से 50 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है.

इसे भी पढ़ेंः अधर में लटकी है पथ निर्माण विभाग की योजनाएं, 9 साल में भी तैयार नहीं हो पाया ताजपुर-बख्तियारपुर पुल

900 करोड़ की राशि हो चुकी है खर्च
55 किलोमीटर लंबी और करीब 1600 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस सड़क का सीएम नीतीश कुमार ने 2012 में अपनी सेवा यात्रा के दौरान निरीक्षण भी किया था. लेकिन दुर्भाग्य देखिए, डेडलाइन के पांच वर्ष बीतने को है. लेकिन इस सड़क का महज 40 से 50 फीसदी काम ही पूरा हो पाया है. विभागीय सूत्रों की माने तो अबतक 900 करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है. और निर्माण में लगी हैदराबाद की नवयुगा कंपनी ने इस प्रोजेक्ट से अपना हाथ खींच लिया है. इसके नए सिरे से निर्माण की तैयारी की जा रही है.

इसे भी पढ़ेंः चुनावी साल में अधर में लटकी है विकास की योजनाएं, CM नीतीश का ड्रीम प्रोजेक्ट भी शामिल

किसानों का नहीं हुआ भुगतान
सरकार की इन्हीं योजनाओं को लेकर विपक्ष भी लगातार उठा रहा है. वहीं सरकार भी गोलमटोल जवाब दे रही है. गौरतलब है कि इस योजना के आधे अधूरे काम के साथ साथ, जमीन अधिग्रहण के मामले में किसानों का भुगतान भी रुका है.

समस्तीपुरः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा रहा बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन सड़क निर्माण कार्य की योजना अधर में लटका है. राजधानी से समस्तीपुर जिले को जोड़ने वाली करीब 1600 करोड़ रुपये की यह योजना वर्षों से अधर में लटका है. बता दें कि साल 2011 में पटना के अथमलगोला से जिले के ताजपुर गांधी चौक के लिए फोर लेन सड़क की आधारशिला रखी गई थी. इस सड़क के निर्माण की डेडलाइन 2016 तय किया गई थी. लेकिन अब तक महज 40 से 50 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है.

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900 करोड़ की राशि हो चुकी है खर्च
55 किलोमीटर लंबी और करीब 1600 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस सड़क का सीएम नीतीश कुमार ने 2012 में अपनी सेवा यात्रा के दौरान निरीक्षण भी किया था. लेकिन दुर्भाग्य देखिए, डेडलाइन के पांच वर्ष बीतने को है. लेकिन इस सड़क का महज 40 से 50 फीसदी काम ही पूरा हो पाया है. विभागीय सूत्रों की माने तो अबतक 900 करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है. और निर्माण में लगी हैदराबाद की नवयुगा कंपनी ने इस प्रोजेक्ट से अपना हाथ खींच लिया है. इसके नए सिरे से निर्माण की तैयारी की जा रही है.

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किसानों का नहीं हुआ भुगतान
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