अलीगढ़/समस्तीपुर: एएमयू छात्रों को देवी-देवताओं को लेकर आपत्तिजनक पाठ पढ़ाने के आरोपी प्रोफेसर जितेंद्र कुमार की अग्रिम जमानत को जिला जज ने खारिज कर दिया है. इस मामले में 6 अप्रैल को भाजपा नेता ने मुकदमा दर्ज कराया था. पूरा मामला सिविल लाइन थाने का है.
अलीगढ़ के जिला जज डॉ. बब्बू सारंग की अदालत ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज में एमबीबीएस के विद्यार्थियों को देवी-देवताओं को लेकर आपत्तिजनक पाठ पढ़ाने के आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र कुमार की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी गई.
बिहार के समस्तीपुर के थाना विभूतिपुर के निवासी असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जितेंद्र पर आरोप है कि पांच अप्रैल को एमबीबीएस 2019 बैच के विद्यार्थियों को उन्होंने हिंदू देवी-देवाताओं को लेकर आपत्तिजनक पाठ पढ़ाया था. एक छात्रा के ट्वीट करने के बाद यह मामला खुला था. इसके बाद एएमयू प्रशासन ने डॉ. जितेंद्र को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए निलंबित कर दिया था.
इस मामले में छह अप्रैल को भाजपा नेता निशित शर्मा ने डा. जितेंद्र के खिलाफ सिविल लाइन थाने में धार्मिक भावनाओं को आहत करने को लेकर मुकदमा दर्ज कराया गया था. डीजीसी धीरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि आरोपित जितेंद्र ने अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दी है.
निलंबित एएमयू प्रोफेसर डा. जितेंद्र पर दर्ज मुकदमें की विवेचना मेडिकल चौकी प्रभारी नौशाद अली कर रहे हैं. विवेचक ने डा. जितेंद्र को पूछताछ के लिए भी बुलाकर विवेचना में सहयोग करने संबंधी नोटिस भी तामील कराई गई था. इसके बाद पावर प्वाइंट प्रेजेन्टेसन, पेन ड्राइव व अन्य साक्ष्य एकत्रित किए गए है.
इस दौरान पुलिस ने क्लास में मौजूद छात्रों व स्टाफ के सदस्यों के भी बयान दर्ज किए हैं. इस घटना में क्षेत्राधिकारी सिविल लाइन श्वेताभ पांडेय ने बताया कि विवेचना के दौरान साक्ष्य एकत्रित करने का काम पूरा हो गया है. अब अभियोजन की राय ली जा रही है जिसके बाद चार्जशीट दाखिल की जाएगी.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप