समस्तीपुर: राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार ( National Teacher Award ) के लिए बिहार के समस्तीपुर जिले से महज दो शिक्षकों का नाम अनुशंसा निदेशक प्राथमिक शिक्षा ( Director Primary Education ) को भेजा गया है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बच्चों का बेहतर भविष्य गढ़ने वाले शिक्षकों की जिले में कमी हो गई है. अगर ऐसा नहीं है तो इस पुरस्कार के दावेदार दो ही क्यों?
दरसअल, जिले में प्रारंभिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कुल नियोजित और नियमित शिक्षक ( Teacher In Samastipur ) की संख्या 16 हजार के करीब है. जानकारी के अनुसार, जिला चयन समिति ने महज दो शिक्षकों के नाम की अनुशंसा निदेशक प्राथमिक शिक्षा को राष्ट्रपति पुरस्कार ( President Award ) के लिए किया है. जबकि अन्य वर्षों की बात करें तो इस पुरस्कार को लेकर शिक्षकों में होड़ लगा रहता था, वहीं इस वर्ष महज कुछ शिक्षकों ने इस पुरस्कार को लेकर आवेदन दिया है.
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बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए दावेदार शिक्षक 20 जून तक आवेदन किया था. इस बाबात माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने पुरस्कार योजना संबंधी निर्देश भी जारी किया था. उसके अनुसार बच्चों की पढ़ाई, विद्यालय में नवाचार, सामाजिक सहभागिता के लिए सराहनीय कार्यों के आधार पर शिक्षकों को आवेदन करना था. इसके बाद जिलास्तरीय मूल्यांकन समिति शिक्षकों के आवेदन की जांच कर लिस्ट बनाई, जिसकी जांच प्रदेश स्तरीय समिति ने की. प्रदेश भर की सूची शिक्षा मंत्रालय को भेजी गई.
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बता दें कि राष्ट्रपति सम्मान के लिए शिक्षकों के चयन में शिक्षा के क्षेत्र में नए प्रयोग, बच्चों का जीवनस्तर उठाने के लिए किए गए प्रयास आदि मानक शामिल किए गए हैं. राष्ट्रीय शिक्षक अवॉर्ड के लिए आवेदक के शैक्षणिक के अलावा सामाजिक, एनएसएस, एनसीसी, संस्कृति और समाज के लिए किए गए उल्लेखनीय कामों की जानकारी देना होता है.