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समस्तीपुर: महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा को लेकर AIPWA ने किया एक दिवसीय धरना प्रदर्शन

एपवा जिलाध्यक्ष वंदना सिंह ने महिलाओं पर बढ़ रहे हिंसाओं को देखते हुए प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने सरकार से आरोपियों को जल्द सजा देने की मांग की है.

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Published : Jul 21, 2020, 4:47 PM IST

समस्तीपुर: देश, प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर एपवा की ओर से व्यापक प्रदर्शन किया गया. जिसमें एपवा जिलाध्यक्ष वंदना सिंह ने मंगलवार को अपने आवास पर एकजुटता दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने महिलाओं के खिलाफ हिंसा रोकने की मांग की. साथ ही इससे संबंधित नारे लिखे तख्ती अपने हाथों में लेकर धरना पर बैठीं.

इस दौरान मौके पर एपवा सह भाकपा माले नेता वंदना सिंह ने कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. हिंसा की शिकार खासकर दलित, गरीब समुदाय की महिलाएं हो रही हैं. उन्होंने कहा कि एक ओर बिहार के अररिया में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को न्याय दिलाने की कोशिश में लगे जन जागरण शक्ति संगठन के दो कार्यकर्ताओं को खुद न्यायिक मजिस्ट्रेट ने ही जेल में बंद कर दिया तो वहीं, दूसरी ओर यूपी के लखनऊ में न्याय मांगने आई महिलाओं को आत्मदाह के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. इसके अलावा अयोध्या में मजदूरी के सवाल पर दलितों पर जबरदस्त तरीके से कहर ढ़ाया जाता है.

बिहार में बढ़ रही महिला उत्पीड़न की घटना
एपवा जिलाध्यक्ष ने कहा कि मध्यप्रदेश में दलित दंपति और उनके बच्चों पर पुलिसिया जुल्म किया जाता है. वहीं, बिहार के विभिन्न हिस्सों में लगातार महिला उत्पीड़न की घटना घट रही है. उन्होंने कहा कि समस्तीपुर में अनवरत घर से बाहर तक बहन, बेटियों पर हिंसा हो रही है. वंदना सिंह ने कहा कि इस घटना पर कार्रवाई के बदले सुलह कराने की कोशिश की जाती है.

एपवा जिलाध्यक्ष का सरकार पर आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि कानून को ताक पर रखकर पुलिस पैसा-पैरवी और कागजों की हेराफेरी के बल पर नाबालिग को बालिग बनाकर अपहरणकर्ताओं को सौंपने में सहयोग देने लगी है. एपवा जिलाध्यक्ष ने कहा कि पुलिस सत्ताधारी भाजपा- जदयू नेताओं के इशारे पर दुष्कर्म के आरोपियों को बचाने की कोशिश करती रहती है.

समस्तीपुर: देश, प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर एपवा की ओर से व्यापक प्रदर्शन किया गया. जिसमें एपवा जिलाध्यक्ष वंदना सिंह ने मंगलवार को अपने आवास पर एकजुटता दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने महिलाओं के खिलाफ हिंसा रोकने की मांग की. साथ ही इससे संबंधित नारे लिखे तख्ती अपने हाथों में लेकर धरना पर बैठीं.

इस दौरान मौके पर एपवा सह भाकपा माले नेता वंदना सिंह ने कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. हिंसा की शिकार खासकर दलित, गरीब समुदाय की महिलाएं हो रही हैं. उन्होंने कहा कि एक ओर बिहार के अररिया में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को न्याय दिलाने की कोशिश में लगे जन जागरण शक्ति संगठन के दो कार्यकर्ताओं को खुद न्यायिक मजिस्ट्रेट ने ही जेल में बंद कर दिया तो वहीं, दूसरी ओर यूपी के लखनऊ में न्याय मांगने आई महिलाओं को आत्मदाह के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. इसके अलावा अयोध्या में मजदूरी के सवाल पर दलितों पर जबरदस्त तरीके से कहर ढ़ाया जाता है.

बिहार में बढ़ रही महिला उत्पीड़न की घटना
एपवा जिलाध्यक्ष ने कहा कि मध्यप्रदेश में दलित दंपति और उनके बच्चों पर पुलिसिया जुल्म किया जाता है. वहीं, बिहार के विभिन्न हिस्सों में लगातार महिला उत्पीड़न की घटना घट रही है. उन्होंने कहा कि समस्तीपुर में अनवरत घर से बाहर तक बहन, बेटियों पर हिंसा हो रही है. वंदना सिंह ने कहा कि इस घटना पर कार्रवाई के बदले सुलह कराने की कोशिश की जाती है.

एपवा जिलाध्यक्ष का सरकार पर आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि कानून को ताक पर रखकर पुलिस पैसा-पैरवी और कागजों की हेराफेरी के बल पर नाबालिग को बालिग बनाकर अपहरणकर्ताओं को सौंपने में सहयोग देने लगी है. एपवा जिलाध्यक्ष ने कहा कि पुलिस सत्ताधारी भाजपा- जदयू नेताओं के इशारे पर दुष्कर्म के आरोपियों को बचाने की कोशिश करती रहती है.

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