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समस्तीपुर में लोगों ने ली राहत भरी सांस, 24 घंटे से बूढ़ी गंडक का पानी 8 सेमी घटा - समस्तीपुर समाचार

समस्तीपुर जिले में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. बूढी गंडक नदी के जलस्तर में 24 घंटे के दौरान आठ सेंटीमीटर गिरावट दर्ज की गई है. हालांकि अभी भी बूढी गंडक खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है, जिससे खतरा बना हुआ है.

water level decreased of budhi gandak river
नदी के पानी में हुई ठहराव
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Published : Aug 7, 2020, 8:39 AM IST

समस्तीपुर: जिले में बूढी गंडक नदी के जलस्तर में 24 घंटे के दौरान आठ सेंटीमीटर गिरावट दर्ज की गई है. बुधवार की सुबह बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर 48.15 सेंटीमीटर रिकार्ड किया गया है, जबकि मंगलवार को नदी का जलस्तर 48.23 था. इससे शहर के लोगों ने राहत की सांस ली है.
नदी की धारा में स्थिरता
जिले के छह प्रखंड के करीब 36 पंचायत के 107 गांव बाढ़ से प्रभावित है. वहीं शहर के करीब से गुजरने वाली बूढ़ी गंडक के बढ़ते जलस्तर से शहर पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. वहीं कल्याणपुर प्रखंड के कई नए इलाकों में बाढ़ के डर से एक बड़ी आबादी हलकान है. हालांकि अभी भी बूढी गंडक खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है, जिससे खतरा बना हुआ है. वहीं हायाघाट रेलवे पुल के पास बागमती नदी का जलस्तर रात से 48.90 सेंटीमीटर पर स्थिर बनी हुई है. नदी की तेज धारा के कारण पुल पर संकट बना हुआ है.

water level decreased of budhi gandak river
नदी के पानी में हुआ ठहराव
300 परिवारों पर संकट के घने बादलरेलवे के अभियंता ने कहा कि चार दिन पूर्व भी बागमती नदी 48.50 सेंटीमीटर पर दो दिनों तक स्थिर रहने के बाद दो दिनों में 40 सेंटीमीटर बढ़ गई. जिससे नदी का जलस्तर 48.90 हो गया. इसके कारण इस रेलखंड पर 14 दिनों से ट्रेनों का परिचालन बाधित है. बूढी गंडक नदी में बाढ़ के कारण शहर के रेलवे पुल से लेकर पुरानी दुर्गा स्थान बहादुरपुर तक नदी की पेटी में बसे करीब 300 परिवारों की जिंदगी बीस फुट्‌टा बांध पर सिमट कर रह गई है.

समस्तीपुर: जिले में बूढी गंडक नदी के जलस्तर में 24 घंटे के दौरान आठ सेंटीमीटर गिरावट दर्ज की गई है. बुधवार की सुबह बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर 48.15 सेंटीमीटर रिकार्ड किया गया है, जबकि मंगलवार को नदी का जलस्तर 48.23 था. इससे शहर के लोगों ने राहत की सांस ली है.
नदी की धारा में स्थिरता
जिले के छह प्रखंड के करीब 36 पंचायत के 107 गांव बाढ़ से प्रभावित है. वहीं शहर के करीब से गुजरने वाली बूढ़ी गंडक के बढ़ते जलस्तर से शहर पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. वहीं कल्याणपुर प्रखंड के कई नए इलाकों में बाढ़ के डर से एक बड़ी आबादी हलकान है. हालांकि अभी भी बूढी गंडक खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है, जिससे खतरा बना हुआ है. वहीं हायाघाट रेलवे पुल के पास बागमती नदी का जलस्तर रात से 48.90 सेंटीमीटर पर स्थिर बनी हुई है. नदी की तेज धारा के कारण पुल पर संकट बना हुआ है.

water level decreased of budhi gandak river
नदी के पानी में हुआ ठहराव
300 परिवारों पर संकट के घने बादलरेलवे के अभियंता ने कहा कि चार दिन पूर्व भी बागमती नदी 48.50 सेंटीमीटर पर दो दिनों तक स्थिर रहने के बाद दो दिनों में 40 सेंटीमीटर बढ़ गई. जिससे नदी का जलस्तर 48.90 हो गया. इसके कारण इस रेलखंड पर 14 दिनों से ट्रेनों का परिचालन बाधित है. बूढी गंडक नदी में बाढ़ के कारण शहर के रेलवे पुल से लेकर पुरानी दुर्गा स्थान बहादुरपुर तक नदी की पेटी में बसे करीब 300 परिवारों की जिंदगी बीस फुट्‌टा बांध पर सिमट कर रह गई है.
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