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स्वास्थ्य संविदा कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल दूसरे दिन भी जारी

सच तो ये है कि स्वास्थ्य कर्मियों ने दिन रात एक कर कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह किए बगैर कोरोना के मरीजों की जान बचाई है, लकिन उसी स्वास्थ्य कर्मी के साथ बिहार सरकार दोहरी नीति अपना रही है और यही वजह है कि इन लोगों को मजबूरन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठना पड़ा है.

Sarhsa
स्वास्थ्य संविदा कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल दूसरे दिन भी जारी
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Published : Aug 24, 2020, 7:50 PM IST

सहरसा: जिले में बिहार राज्य संविदाकर्मी महासंघ के आह्वान पर 17 सूत्री मांगों को लेकर स्वास्थ्य संविदा कर्मियों की सोमवार को दूसरे दिन भी अनिश्चितकालीन हड़ताल जा है. इस कारण जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था काफि प्रभावित हो रही है.

सरकार पर लगाये आरोप
बता दें कि बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदाकर्मी महासंघ के सहरसा जिलाध्यक्ष राहुल कुमार ने बताया कि बिहार सरकार के द्वारा एक महीने के अंदर सभी मांगों को पूर्ण करने का आश्वासन पिछले महीने दिया गया था, जिसके बाद हमारे द्वारा हड़ताल को स्थगित कर दिया गया था, लेकिन एक महीने का समय बीत जाने के बाद भी राज्य स्वास्थ समिति बिहार सरकार द्वारा मांगे पूर्ण नहीं कि गई, जिस कारण आज मजबूरन हमें फिर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठना पड़ा है.

मांगे पूरी ना हुई तो लगातार चलती रहेगी हड़ताल
उन्होंने कहा कि आज अनिश्चितकालीन हड़ताल का दूसरा दिन है, लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग या बिहार सरकार द्वारा कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है, उन्होंने कहा कि जब तक सरकार हमारी 17 सूत्री मांगे नहीं मान लेती है, तब तक हम लोग इसी तरह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे रहेंगे.

मांगों पर विचार करे सरकार
दरअसल, सच तो ये है कि स्वास्थ्य कर्मियों ने दिन रात एक कर कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह किए बगैर कोरोना के मरीजों की जान बचाई है, लकिन उसी स्वास्थ्य कर्मी के साथ बिहार सरकार दोहरी नीति अपना रही है और यही वजह है कि इन लोगों को मजबूरन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठना पड़ा है, जिस कारण जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था भी काफि प्रभावित हो रही है, ऐसे में जरूरत है कि सरकार को शीघ्र इनकी मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए, ताकि जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था सुचारू रुप से एक बार फिर चल सके.

सहरसा: जिले में बिहार राज्य संविदाकर्मी महासंघ के आह्वान पर 17 सूत्री मांगों को लेकर स्वास्थ्य संविदा कर्मियों की सोमवार को दूसरे दिन भी अनिश्चितकालीन हड़ताल जा है. इस कारण जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था काफि प्रभावित हो रही है.

सरकार पर लगाये आरोप
बता दें कि बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदाकर्मी महासंघ के सहरसा जिलाध्यक्ष राहुल कुमार ने बताया कि बिहार सरकार के द्वारा एक महीने के अंदर सभी मांगों को पूर्ण करने का आश्वासन पिछले महीने दिया गया था, जिसके बाद हमारे द्वारा हड़ताल को स्थगित कर दिया गया था, लेकिन एक महीने का समय बीत जाने के बाद भी राज्य स्वास्थ समिति बिहार सरकार द्वारा मांगे पूर्ण नहीं कि गई, जिस कारण आज मजबूरन हमें फिर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठना पड़ा है.

मांगे पूरी ना हुई तो लगातार चलती रहेगी हड़ताल
उन्होंने कहा कि आज अनिश्चितकालीन हड़ताल का दूसरा दिन है, लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग या बिहार सरकार द्वारा कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है, उन्होंने कहा कि जब तक सरकार हमारी 17 सूत्री मांगे नहीं मान लेती है, तब तक हम लोग इसी तरह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे रहेंगे.

मांगों पर विचार करे सरकार
दरअसल, सच तो ये है कि स्वास्थ्य कर्मियों ने दिन रात एक कर कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह किए बगैर कोरोना के मरीजों की जान बचाई है, लकिन उसी स्वास्थ्य कर्मी के साथ बिहार सरकार दोहरी नीति अपना रही है और यही वजह है कि इन लोगों को मजबूरन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठना पड़ा है, जिस कारण जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था भी काफि प्रभावित हो रही है, ऐसे में जरूरत है कि सरकार को शीघ्र इनकी मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए, ताकि जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था सुचारू रुप से एक बार फिर चल सके.

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