सहरसा: सोमवार को सहरसा बंद के दौरान सुबह से लेकर शाम तक शहर की तमाम दुकानें बंद रहीं. सड़क पर वाहनों का परिचालन ठप रहा. बंद को देखते हुए जगह-जगह पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी. रेलवे स्टेशन की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. बंद में पूर्व सांसद आंनद मोहन, आरजेडी नेता लवली आनंद, बीजेपी विधायक आलोक रंजन झा और सहरसा की मेयर बैन प्रिया अपने समर्थकों के साथ सड़क पर उतरे.
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"बहुत हो गया, अब सहरसा की हकमारी नहीं होगी. सहरसा के विकास का लक्ष्य लिए हुए हम लोग निकले हैं. हम अपने हिस्से का सहरसा हर कीमत पर छींनेगे और जो पार्टियां इस बंदी का समर्थन नहीं करेगी, वो आगे आने वाले चुनाव में बैकफुट पर चली जाएगी"- आनंद मोहन, पूर्व सांसद
आनंद मोहन ने क्या कहा?: इस दौरान पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा कि सहरसा के साथ हकमारी हो रही है. यहां के लोग अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं. कोसी जैसे पिछड़े इलाके में 217 एकड़ जमीन रहने के बावजूद यहां एम्स का निर्माण नहीं हो रहा है. इसलिए हम सभी लोग अपने हक की लड़ाई के लिए आज सड़क पर उतरे हैं. जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होगी, यह लड़ाई जारी रहेगी.
सहरसा में एम्स निर्माण की मांग: दरअसल, पिछले कई सालों से सहरसा में एम्स निर्माण की मांग उठ रही है. स्थानीय लोग लगातार इसको लेकर धरना-प्रदर्शन और पत्र लिखते आ रहे हैं लेकिन अब तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई है. पटना के बाद जो दूसरा एम्स बनना है, उसको लेकर दरभंगा में कवायद तेज है. इसको लेकर एम्स निर्माण संघर्ष समिति ने पटना हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की है.