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CM नीतीश के 'निश्चय' को महिला मुखिया का समर्थन, इस काम की हर तरफ हो रही है तारीफ

शराबबंदी कानून का अब पंचायत की मुखिया भी जबरदस्त समर्थन करती दिख रही हैं. महिला मुखिया की इस अनोखी पहल की सभी जगह खुलकर तारीफ हो रही है, वहीं पंचायत में भी इस घोषणा का असर देखने के लिए मिल रहा है.

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Published : Feb 3, 2022, 1:25 PM IST

Updated : Feb 3, 2022, 1:38 PM IST

सहरसा: बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू (Liquor Ban in Bihar) है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) इसे सख्ती से लागू करवाने को लेकर आए दिन विपक्ष के साथ-साथ अपने गठबंधन दलों से भी आलोचना झेलते रहते हैं. लेकिन उनका कहना है कि महिलाओं की मांग पर उन्होंने ये फैसला लिया है. ताजा मामले में महिलाएं उनके इस दृढ़ निश्चय को और आगे बढ़ाती हुई दिख रही हैं और उदाहरण पेश कर रही हैं. सहरसा के महिषी प्रखंड के वीरगांव पंचायत की महिला मुखिया ने शराब की सूचना देने वाले को ईनाम देने की घोषणा की है.

ये भी पढ़ें: शराबबंदी पर शिक्षा विभाग का फरमान बना सरकार के गले की फांस, शिक्षक बोले- James Bond समझते हैं क्या!

इसके पीछे मुखिया अर्चना आनंद ने एक वजह बताई. उन्होंने कहा कि एक सप्ताह पहले उनके पास गांव की ही एक महिला रोती हुई आयी और कहा कि उसका पति शराब पीकर घर आता है और उसकी पिटाई करता है. इसी के बाद उन्होंने अपने पंचायत में शराब के गोरखधंधे को पूरी तरह से बंद करवाने का फैसला लिया और घोषणा की कि जो भी शराब बेचने वालों या पीने वालों की सूचना देगा, उसको 51 सौ रुपये ईनाम दिया जाएगा और उसकी पहचान भी गुप्त रखी जाएगी.

'महिला मुखिया अर्चना आनंद ने बताया कि मुख्यमंत्री बेहतर प्रयास कर रहे हैं, उनको धरातल पर उतारने का प्रयास जारी है और मेरे घोषणा के बाद पंचायत में अब इसका असर दिख रहा है. आठ दिनों के अंदर ही पंचायत में काफी बदलाव आया है, अब शायद ही कोई शराब पीता है. अब पंचायत में शराब का सेवन नहीं हो रहा है.' - अर्चना आनंद, मुखिया ग्राम पंचायत वीरगांव

बिहार में शराबबंदी कानून का अब पंचायत की मुखिया भी जबरदस्त समर्थन करती दिख रही हैं. महिला मुखिया की इस अनोखी पहल की सभी जगह खुलकर तारीफ हो रही है, वहीं पंचायत में भी इस घोषणा का असर देखने के लिए मिल रहा है.

गौरतलब है कि बिहार सरकार के शराबबंदी कानून लागू करने के बाद भी पीने और बेचने का मामला थम नहीं रहा है. कभी पटना सचिवालय के पास, कभी स्कूल परिसर में, तो कभी अंचल कार्यालय परिसर में खाली शराब की बोतलें मिल ही रही हैं. जबकि पुलिस प्रशासन और उत्पाद विभाग की कार्रवाई में हर दिन अवैध शराब की बरामदगी प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में होती रहती है.

ये भी पढ़ें: JDU MLA का ज्ञान- 'दारू पीएगा.. तभी तो मरेगा.. ऐसे ही जनसंख्या घटेगी'

ये भी पढ़ें: शराब ढूंढने के फरमान पर NDA में तकरार.. BJP नेता ने कहा -'शिक्षकों से क्या-क्या करवाएगी सरकार'

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इसके पीछे मुखिया अर्चना आनंद ने एक वजह बताई. उन्होंने कहा कि एक सप्ताह पहले उनके पास गांव की ही एक महिला रोती हुई आयी और कहा कि उसका पति शराब पीकर घर आता है और उसकी पिटाई करता है. इसी के बाद उन्होंने अपने पंचायत में शराब के गोरखधंधे को पूरी तरह से बंद करवाने का फैसला लिया और घोषणा की कि जो भी शराब बेचने वालों या पीने वालों की सूचना देगा, उसको 51 सौ रुपये ईनाम दिया जाएगा और उसकी पहचान भी गुप्त रखी जाएगी.

'महिला मुखिया अर्चना आनंद ने बताया कि मुख्यमंत्री बेहतर प्रयास कर रहे हैं, उनको धरातल पर उतारने का प्रयास जारी है और मेरे घोषणा के बाद पंचायत में अब इसका असर दिख रहा है. आठ दिनों के अंदर ही पंचायत में काफी बदलाव आया है, अब शायद ही कोई शराब पीता है. अब पंचायत में शराब का सेवन नहीं हो रहा है.' - अर्चना आनंद, मुखिया ग्राम पंचायत वीरगांव

बिहार में शराबबंदी कानून का अब पंचायत की मुखिया भी जबरदस्त समर्थन करती दिख रही हैं. महिला मुखिया की इस अनोखी पहल की सभी जगह खुलकर तारीफ हो रही है, वहीं पंचायत में भी इस घोषणा का असर देखने के लिए मिल रहा है.

गौरतलब है कि बिहार सरकार के शराबबंदी कानून लागू करने के बाद भी पीने और बेचने का मामला थम नहीं रहा है. कभी पटना सचिवालय के पास, कभी स्कूल परिसर में, तो कभी अंचल कार्यालय परिसर में खाली शराब की बोतलें मिल ही रही हैं. जबकि पुलिस प्रशासन और उत्पाद विभाग की कार्रवाई में हर दिन अवैध शराब की बरामदगी प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में होती रहती है.

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Last Updated : Feb 3, 2022, 1:38 PM IST
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