सहरसा: जिले में 'रोड नहीं तो वोट नहीं' का निर्णय लेकर जन प्रतिनिधियों ने विरोध प्रदर्शन किया है. दहलान चौक से गांधी चौक के बीच महज 200 मीटर की सड़क कR जर्जर हालात से तंग लोगों ने वोट का बहिष्कार का निर्णय लिया है.
सड़क की हालत जर्जर
दरअसल शहर के बीचो बीच बसे प्रमुख बाजार दहलान चौक से गांधी पथ चौक के बीच महज 200 मीटर की दूरी में सड़क की हालात बिल्कुल जर्जर हो गई है. जलजमाव से निजात दिलवाने में प्रशासनिक लापरवाही से लोग अब आजिज हो चुके हैं. यही वजह है कि अब लोग वोट बहिष्कार का निर्णय लेकर जनप्रतिनिधि और प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कर रहे हैं.
जलजमाव से परेशान हुए लोग
जिले में सड़क की जर्जर स्थिति और जलजमाव के कारण लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है. आसपास के दुकानदारों को भी अपनी दुकानदारी करने में काफी परेशानियां हो रही है. ऐसे में महज 200 मीटर की सड़क निर्माण के लिए स्थानीय मोहल्लेवासी विधानसभा चुनाव में वोट के बहिष्कार करने का फैसला लेने को बाध्य हो गए हैं.
मतदान न करने का निर्णय
गांधी पथ के लोगों ने बतौर बैनर पोस्टर छपवा कर और मोहल्ले के प्रमुख-प्रमुख जगहों पर इसे लगाकर मतदान नहीं करने का निर्णय लिया है. इस बात को लेकर स्थानीय व्यापारी गुड्डू ने कहा कि जब उन लोगों के बारे में कोई नहीं सोच रहा तो, वे लोग किसी के बारे में क्यों सोचेंगे. उन्होंने कहा कि यदि वोट देना होगा तो, नोटा में डालेंगें. वहीं स्थानीय निवासी आशिफ ने कहा कि विगत 15 सालों से नाली की हालत जर्जर है. सड़कों पर जलजमाव की स्थिति से काफी परेशान का सामना करना पड़ता है. मोहल्लेवासी और व्यापारी सभी लोग परेशान हो गए है.
निर्माण कार्य का दिया गया ठेका
पथ निर्माण विभाग के माध्यम से दहलान चौक से गांधी चौक तक के सड़क का निर्माण का ठेका दिया जा चुका है, लेकिन संवेदक अपनी लापरवाही से आधी सड़क का निर्माण कर दिया है. वहीं बचे आधे लगभग 200 मीटर की दूरी के क्षेत्र में सड़क के निर्माण को अधूरा छोड़ दिया गया है, जिससे लोगों का चलना दुर्लभ हो रहा है. इस समस्या को लेकर प्रशासन के माध्यम से लगातार लापरवाही की जा रही है.