सहरसा: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को आनंद मोहन के गांव पहुंचे. यहां उन्होंने आनंद मोहन के दादा स्वतंत्रता सेनानी रामबहादुर सिंह एवं बड़े चाचा पद्ममानंद सिंह ब्रह्मचारी की प्रतिमा का अनावरण किया. इस मौके पर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी थी. नीतीश कुमार ने आनंद मोहन और लवली आनंद को कार्यक्रम में बुलाने के लिए धन्यवाद दिया. इस मौके पर आनंद मोहन के परिवार के साथ अपनी पुरानी दोस्ती को भी याद किया.
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"आनंद मोहन और उनकी पत्नी लवली आनंद का अभिनंदन करता हूं कि उन्होंने आज इस अवसर पर आने का मौका दिया. आपको मालूम है न, हमलोगों की दोस्ती कैसी थी? पहले भी इनके घर जाते रहे हैं. अभी यहां से इनके घर जाएंगे."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
नीतीश ने श्रद्धा सुमन अर्पित कियेः मंच पर मुख्यमंत्री के अलावे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री रत्नेश सादा, महिषी के विधायक गुंजेश्वर साह, पूर्व सांसद आनंद मोहन, पूर्व सांसद लवली आनंद, शिवहर विधायक चेतन आनंद मौजूद रहे. मंच पर पंचगछिया के ग्रामीणों द्वारा मखाना का माला पहनाकर मुख्यमंत्री को सम्मानित किया गया. उन्होंने आनंद मोहन के दादा कोशी के गांधी के विख्यात रामबहादुर सिंह एवं उनके बड़े बेटे पद्मानंद सिंह ब्रह्मचारी को श्रद्धा सुमन अर्पित किया.
आनंद मोहन के घर पहुंचेः सभा संबोधन के बाद सीएम पूर्व सांसद आनंद मोहन के आवास पर पहुंचे. जहां उन्होंने आनंद मोहन के पुत्र चेतन आनंद, पुत्रवधु एवं बेटी सुरभि आनंद और दामाद को आशीर्वचन दिए. वहीं पूर्व सांसद आनंद मोहन की मां गीता देवी से आशीर्वाद लेकर वापस पटना लौट गये. इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा थी. लोगों ने आनंद मोहन की रिहाई के लिए नीतीश को धन्यवाद दिया.
कभी दोस्त तो कभी दुश्मनः बता दें कि राजनीति गलियारे में कभी नीतीश कुमार और आनंद मोहन के मनमुटाव की भी चर्चा जोरों पर होती थी. ऐसे भी आरोप लगे थे कि नीतीश कुमार के कारण ही आनंद मोहन जेल में हैं. बाद में नीतीश सरकार ने जेल मैनुअल में बदलाव कर आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ किया था. 27 अप्रैल को आनंद मोहन की जेल से रिहाई हुई थी. बता दें कि आनंद मोहन एक बार महिषी से विधायक और दो बार शिवहर लोकसभा के सांसद रहे हैं.
वोट बैंक की तलाश : जातिगत गणना के नतीजे आने के बाद बिहार में महागठबंधन के घटक दल वोट बैंक को भी मजबूत करने में जुटे हुए हैं. नीतीश कुमार शुक्रवार को आनंद मोहन के पैतृक गांव पहुंचे. यह जताने की कोशिश की गयी कि आगड़ी जाति से हमें परहेज नहीं है. वहीं गुरुवार को लालू यादव श्री कृष्ण सिंह की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने सदाकत आश्रम पहुंचे थे. लालू यादव को मुख्य अतिथि बनाया गया था.
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