सहरसाः बिहार के सहरसा में पूर्व मंत्री सह स्थानीय विधायक डॉ आलोक रंजन इलाज के लिए सदर अस्पताल स्थित फिजियोथेरेपी सेंटर पहुंचे, जहां व्याप्त कुव्यवस्था देख वो बिना इलाज के वापस आ गए और फिर इसकी शिकायत सिविल सर्जन से की, इस पर सिविल सर्जन ने भी जवाब देते हुए अपनी परेशानी बताई और कहा कि मुझे हटा दीजिये.
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अस्पताल की व्यवस्था देख नाराज हुए विधायकः दरअसल विधायक डॉ आलोक रंजन जब फिजियोथेरेपी सेंटर में इलाज के लिए पहुंचे तो वहां एसी खराब पाया, जिस कारण वहां काफी गर्मी थी. इसके अलावे चारों ओर गंदगी फैली थी, बेड पर चादर भी नहीं थी और चिकित्सक व टेक्नीशियन का अभाव था. ये देख कर वो नाराज हो गए. इस दौरान उन्होंने फिजियोथेरेपी सेंटर की कुव्यवस्था की शिकायत मोबाइल से सिविल सर्जन से की, लेकिन सिविल सर्जन ने समस्या सुनने के बजाय खुद को हटवा देने की बात कह डाली.
विधायक ने बताया स्वास्थ्य विभाग को फेल्योरः वहीं, सिविल सर्जन के जबाव से हतप्रभ पूर्व मंत्री ने कहा मेरा काम आपको हटवाना नहीं है. आप हटाना चाहते हैं तो विभाग को लिख कर हट जाइये. वहीं उन्होंने कहा कि मेरा काम यहां की समस्या से आपको अवगत कराना मात्र था. विभागीय समस्या आप नहीं तो कौन सुनेगा. वहीं, पूर्व मंत्री ने इस सिलसिले में स्वास्थ्य विभाग को फेल्योर बताते हुए सरकार और स्वास्थ्य विभाग की जमकर खिंचाई की.
"मुझे खुद फिजियोथेरेपी करवाना था, इसलिये यहां पहुंचे थे लेकिन यहां की स्थिति देख बिना इलाज वापस लौटना पड़ रहा है. फिजियोथेरेपी सेंटर में गंदगी का अंबार लगा है. बेड पर चादर नहीं है. एसी भी खराब है, इस परिस्थिति में किसी भी मरीज को यहां इलाज करवाना काफी मुश्किल होगा"- डॉ आलोक रंजन, विधायक
स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य मंत्री के दावे के बावजूद यहां जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है वहीं स्वास्थ्य अधिकारी जो एक माननीय से ऐसे बात करता हैं तो आमजनों के साथ क्या रवैया होगा, इसका अनुमान सहज लगाया जा सकता है.