सहरसा: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ( Health Minister Mangal Pandey ) दावा करते हैं कि अस्पतालों के हालात पहले से ठीक हुए हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. इसका दावा हम नहीं कर रहे हैं. आप तस्वीरों को देखकर आंदाजा लगा सकते हैं कि बिहार में सरकारी अस्पतालों की स्थिति कैसी है.
दरअसल, बिहार के श्रम संसाधन मंत्री सह सहरसा जिला प्रभारी जीवेश कुमार मिश्रा ( Jivesh Mishra ) सहरसा सदर अस्पताल ( Saharsa Sadar Hospital ) का निरीक्षण करने पहुंचे थे. जहां उन्होंने अनेकों अनियमितता को देखा और इसके लिए अस्पताल प्रबंधक को फटकार भी लगायी.
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निरीक्षण के दौरान प्रभारी मंत्री सदर अस्पताल स्थित आकस्मिक कक्ष पहुंचे. वहां पर उन्होंने मरीजों से संबंधित जानकारी प्राप्त की. इसके बाद वे इमरजेंसी वार्ड में मरीज के कुछ बेड पर चादर नहीं देख अस्पताल प्रबंधक को जमकर फटकार लगायी.
इसके बाद वे अस्पताल उपाधीक्षक के कक्ष में बैठकर दवा की सूची का फाइल मंगा कर देखने लगे. फाइल देख ही रहे थे कि उसी वक्त बिजली गुल हो गयी. मंत्री जी मोबाइल के रोशनी में फाइल देखने को मजबूर हुए. इस दौरान सुरक्षा गार्ड, उनका पर्सनल सहायक और बीजेपी जिलाध्यक्ष अपने मोबाइल का टॉर्च जला मंत्री को फाइल देखने में सहायता कर रहे थे.
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इससे पहले भी सहरसा सदर अस्पताल टॉर्च की रोशनी में इलाज और ऑपरेशन करने को लेकर कई बार सुर्खियों में रह चुका है. इस पर सदर अस्पताल के प्रबंधक और सिविल सर्जन ने अपने बचाव में कई बार मीडिया के सामने सफाई दे चुके हैं.
इस बाबत जब मंत्री जीवेश कुमार मिश्रा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि व्यवस्था में पहले से सुधार हुआ है. हालांकि इस दौरान उन्होंने माना कि थोड़ी बहुत कमियां जरूर हैं, जिसे बहुत जल्द ही दूर कर लिया जाएगा.