सहरसाः जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष सह एमएलसी संजय सिंह ने कोसी क्षेत्र के राजपूत बाहुल्य गांव में सभा कर मुख्यमंत्री द्वारा राजपूत समाज के लिए किये गए कार्यों एवं उपलब्धियों को गिनाया. साथ ही पटना के महत्वपूर्ण स्थलों पर राजपूतों के सिरमौर महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापना और राजकीय समारोह की घोषणा की. ऐसा करके उन्होंने ये साबित करने का प्रयास किया कि सीएम नीतीश क्षत्रियों के कितने हितैषी हैं.
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सहरसा में क्षत्रिय महासम्मेलन का आयोजनः दरअसल पटना में महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर क्षत्रिय महासम्मेलन आयोजित कर जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष सह एमएलसी संजय सिंह ने अपनी पार्टी में राजपूत नेता के रूप में खुद को साबित करने का सफल प्रयास किया है. उसी दौरान सीएम के समक्ष कुछ महत्वपूर्ण मांगे भी रखी. जिसमें पटना में महाराणा प्रताप की प्रतिमा स्थापना सहित अन्य कई मांग थी. संजय सिंह ने सहरसा के क्षत्रिय बाहुल्य गांव जाकर राजपूतों को जदयू के लिए एकत्रित करने का अभियान शुरू किया. इस मौके पर उन्होंने राजपूतों को सम्मानित भी किया.
महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर राजकीय समारोह: कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद उन्होंने कहा कि पटना में महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि का आयोजन किया गया था और उस कार्यक्रम में सीएम से जो मांगा गया उन्होंने पूरा किया. चाहे राजधानी के हॉट प्लेस ऑफ सिटी में महाराणा प्रताप की प्रतिमा का स्थापना हो या फिर इसे राजकीय समारोह का दर्जा देने की बात हो सभी मांग पूरी हुई. इसलिये हमलोग सभी जिलों में धन्यवाद सह सम्मान समारोह आयोजित कर रहे है. लोगों को धन्यवाद देंगे क्योंकि उन्हीं की बदौलत इन मांगों को सीएम के पास रखा गया और पूरा हुआ.
"एक फाउंडेशन बनाया गया है जो राजपूतों के हितार्थ काम करेगा. हर वर्ष 20 लड़के लड़कियों की मुफ्त शादी करवाना आपदा काल मे गरीबों को आर्थिक मदद करने के अलावे प्रत्येक जिला में महाराणा प्रताप भवन का निर्माण करवाया जाएगा. मेरा पूरे बिहार में कार्यक्रम होगा और इसी बहाने अपनी ताकत को बढ़ाएंगे"- संजय सिंह, एमएलसी
राजपूत समाज की गोलबंदीः दरअसल देखा जाय तो संभावित लोकसभा चुनाव को देखते हुए सीएम ने राजपूत समाज को गोलबंद कर जदयू के पक्ष में करने की मुहिम शुरू की है और यह आयोजन उसी की एक कड़ी है. अब देखना होगा कि इस अभियान में संजय सिंह कितना सफल हो पाते हैं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, क्योंकि सभी दलों ने अपने अपने तरीके से जातीय समीकरण फिट करने की कवायद में जुटे हैं.