सहरसाः जिले के नौहट्टा प्रखंड के एकाढ़ गांव स्थित पूर्वी कोसी तटबंध पर बारिश के कारण खाई जैसे रेनकट बन गए हैं. जिससे लोगों में बाढ़ को लेकर चिंताएं बढ़ गई है. इसके अलावा लगातार बारिश के कारण आपदा विभाग ने संभावित खतरे को भांपकर बचाव की तैयारी के लिये जिले में हाई अलर्ट जारी कर दिया है.
इन इलाकों में हो रही लगातार बारिश और कोसी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी के कारण तटबंध पर बने रेनकट से तटबंध की स्थिति जर्जर दिखने लगी है. ऐसे में वह कमजोर हो गया है. जिससे लोगों को उसके टूटने की आशंका सताने लगी है और बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. इसके अलावा तटबंध को ऊंचा और चौड़ा करने के नाम पर तटबंध पर केवल बलुआही मिट्टी डाल दी गई है. साथ ही तटबंध को जितना ऊंचा होना चाहिए था, उतना उसे ऊंचा नहीं किया गया है.
'पदाधिकारी नहीं दे रहे ध्यान'
बांध में भीषण रेनकट के बारे में वहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मामले से जब अनुमंडल पदाधिकारी को अवगत कराया तो उन्होंने कहा कि विभाग का आदेश आने के बाद ही इसकी मरम्मती के लिए कोई कदम उठाया जाएगा. स्थानीय ने कहा कि ऐसे में पदाधिकारी इसे नजरअंदाज कर रहे हैं.
'तटबंध से खतरा नहीं'
वर्ष 1984 में पूर्वी कोसी तटबंध का एक हिस्सा नवहट्टा के हेमपुर के पास में टूटा था, जिसके बाद भारी तबाही हुई थी. इस पर ग्रामीणों ने कहा कि स्थिति काफी खतरनाक है. जिस तरह से तटबंध में रेनकट बना है, उससे कभी भी खतरा आ सकता है और जानमाल को नुकसान पहुंचा सकता है.
वहीं, अनुमंडल पदाधिकारी शम्भूनाथ झा ने तटबंध पर किसी भी तरह के खतरे से इनकार करते हुए तटबंध को पूरी तरह से सुरक्षित बताया है. साथ ही, उन्होंने कहा कि बारिश के कारण जो तटबंध पर रेनकट बने हैं, उसको विभाग की ओर से बालू के बोरे से भरने का निर्देश भी दिया गया है.