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सहरसाः भारी बारिश से कोसी तटबंध पर बना रेनकट, बाढ़ के अंदेशे से ग्रामीणों में दहशत - कोसी तटबंध पर खतरा

अनुमंडल पदाधिकारी शम्भूनाथ झा ने तटबंध पर किसी भी तरह के खतरे से इनकार करते हुए तटबंध को पूरी तरह से सुरक्षित बताया. साथ ही, उन्होंने कहा कि बारिश के कारण जो तटबंध पर रेनकट बने हैं, उसको विभाग की ओर से बालू के बोरे से भरने का निर्देश भी दिया गया है.

kosi embankment in saharsa
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Published : Sep 30, 2019, 10:10 PM IST

सहरसाः जिले के नौहट्टा प्रखंड के एकाढ़ गांव स्थित पूर्वी कोसी तटबंध पर बारिश के कारण खाई जैसे रेनकट बन गए हैं. जिससे लोगों में बाढ़ को लेकर चिंताएं बढ़ गई है. इसके अलावा लगातार बारिश के कारण आपदा विभाग ने संभावित खतरे को भांपकर बचाव की तैयारी के लिये जिले में हाई अलर्ट जारी कर दिया है.

इन इलाकों में हो रही लगातार बारिश और कोसी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी के कारण तटबंध पर बने रेनकट से तटबंध की स्थिति जर्जर दिखने लगी है. ऐसे में वह कमजोर हो गया है. जिससे लोगों को उसके टूटने की आशंका सताने लगी है और बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. इसके अलावा तटबंध को ऊंचा और चौड़ा करने के नाम पर तटबंध पर केवल बलुआही मिट्टी डाल दी गई है. साथ ही तटबंध को जितना ऊंचा होना चाहिए था, उतना उसे ऊंचा नहीं किया गया है.

kosi embankment in saharsa
तटबंध पर बना रेनकट

'पदाधिकारी नहीं दे रहे ध्यान'
बांध में भीषण रेनकट के बारे में वहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मामले से जब अनुमंडल पदाधिकारी को अवगत कराया तो उन्होंने कहा कि विभाग का आदेश आने के बाद ही इसकी मरम्मती के लिए कोई कदम उठाया जाएगा. स्थानीय ने कहा कि ऐसे में पदाधिकारी इसे नजरअंदाज कर रहे हैं.

कोसी तटबंध पर बना रेनकट बढ़ा रहा है बाढ़ का खतरा

'तटबंध से खतरा नहीं'
वर्ष 1984 में पूर्वी कोसी तटबंध का एक हिस्सा नवहट्टा के हेमपुर के पास में टूटा था, जिसके बाद भारी तबाही हुई थी. इस पर ग्रामीणों ने कहा कि स्थिति काफी खतरनाक है. जिस तरह से तटबंध में रेनकट बना है, उससे कभी भी खतरा आ सकता है और जानमाल को नुकसान पहुंचा सकता है.

वहीं, अनुमंडल पदाधिकारी शम्भूनाथ झा ने तटबंध पर किसी भी तरह के खतरे से इनकार करते हुए तटबंध को पूरी तरह से सुरक्षित बताया है. साथ ही, उन्होंने कहा कि बारिश के कारण जो तटबंध पर रेनकट बने हैं, उसको विभाग की ओर से बालू के बोरे से भरने का निर्देश भी दिया गया है.

सहरसाः जिले के नौहट्टा प्रखंड के एकाढ़ गांव स्थित पूर्वी कोसी तटबंध पर बारिश के कारण खाई जैसे रेनकट बन गए हैं. जिससे लोगों में बाढ़ को लेकर चिंताएं बढ़ गई है. इसके अलावा लगातार बारिश के कारण आपदा विभाग ने संभावित खतरे को भांपकर बचाव की तैयारी के लिये जिले में हाई अलर्ट जारी कर दिया है.

इन इलाकों में हो रही लगातार बारिश और कोसी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी के कारण तटबंध पर बने रेनकट से तटबंध की स्थिति जर्जर दिखने लगी है. ऐसे में वह कमजोर हो गया है. जिससे लोगों को उसके टूटने की आशंका सताने लगी है और बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. इसके अलावा तटबंध को ऊंचा और चौड़ा करने के नाम पर तटबंध पर केवल बलुआही मिट्टी डाल दी गई है. साथ ही तटबंध को जितना ऊंचा होना चाहिए था, उतना उसे ऊंचा नहीं किया गया है.

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तटबंध पर बना रेनकट

'पदाधिकारी नहीं दे रहे ध्यान'
बांध में भीषण रेनकट के बारे में वहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मामले से जब अनुमंडल पदाधिकारी को अवगत कराया तो उन्होंने कहा कि विभाग का आदेश आने के बाद ही इसकी मरम्मती के लिए कोई कदम उठाया जाएगा. स्थानीय ने कहा कि ऐसे में पदाधिकारी इसे नजरअंदाज कर रहे हैं.

कोसी तटबंध पर बना रेनकट बढ़ा रहा है बाढ़ का खतरा

'तटबंध से खतरा नहीं'
वर्ष 1984 में पूर्वी कोसी तटबंध का एक हिस्सा नवहट्टा के हेमपुर के पास में टूटा था, जिसके बाद भारी तबाही हुई थी. इस पर ग्रामीणों ने कहा कि स्थिति काफी खतरनाक है. जिस तरह से तटबंध में रेनकट बना है, उससे कभी भी खतरा आ सकता है और जानमाल को नुकसान पहुंचा सकता है.

वहीं, अनुमंडल पदाधिकारी शम्भूनाथ झा ने तटबंध पर किसी भी तरह के खतरे से इनकार करते हुए तटबंध को पूरी तरह से सुरक्षित बताया है. साथ ही, उन्होंने कहा कि बारिश के कारण जो तटबंध पर रेनकट बने हैं, उसको विभाग की ओर से बालू के बोरे से भरने का निर्देश भी दिया गया है.

Intro:एक ओर जहाँ लगातार हो रही बारिश की मौसम विभाग की भविष्यवाणी से जहाँ आपदा विभाग संभावित खतरे को भांप कर बचाव की तैयारी के लिये हाई अलर्ट जारी कर दिया हैं वहीँ इससे ज्यादा प्रभावित होने वाला स्थल यानि कोशी तटबंध और खतरनाक हो गया है।जी हाँ सहरसा जिले के पूर्वी कोसी तटबंध के कई बिन्दुओ पर बारिश के कारण खाईनुमा बने रेन कट की वजह यहाँ के लोगो में बाढ़ को लेकर चिंताए बढ़ गई है |इन इलाको में हो रही लगातार बारिश से तटबंध पर बने रेनकट से उसकी स्थिति जर्जर दिखने लगी है|तटबंध के उपर जगह जगह रेन कट बन जाने के कारण जहाँ तटबंध कमजोर हो गया है वही कोशी की चंचलता एवं लगातार हो रही बारिश को लेकर यहाँ कोशीवासीयों में तटबंध टूटने की आशंका सताने लगी है |जबकि प्रशासन इसके प्रति खुद बना लापरवाह ।
Body:दरअसल ये सहरसा स्थित पूर्वी कोसी तटबंध है जहां नौहट्टा प्रखंड के एकाढ गांव से पश्चिम स्पर 83.20 किमी पर स्थित बांध की जहां चार दिनों लगातार हो रही बारिश की वजह से बांध में भीषण रेनकट हो गया है।मिट्टी की जगह बालू से बनाई गयी तटबंध और तटबंध पर बारिश में बन आये खाईनुमा रेनकट खरनाक हो गया | जब लगातार हो रही भारी बारिश के बाद नेपाल द्वारा लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जायेगा तो फिर क्या होगा बालू के ढेर से पानी का वह सैलाब रुक पायेगा, शायद नहीं।फिर तो यहाँ क़यामत आ जायेगी।83.20 स्पर के पास मौजूद गार्ड सत्येंद्र यादव ने बताया कि बारिश की बजह से हो रही रेनकट मामले से जब जेई को अवगत कराया तो उन्होंने कहा है कि विभाग का आदेश आने के बाद ही मरम्मती के लिये कोई कदम उठाया जाएगा।
जबकि बांध में हो रहे रेनकट को देखकर इस इलाके के लोगों को अभी से ही एक बार फिर से तबाही का डर सताने लगा है।बांध में हो रही रेनकट के कारण तटबंध का अधिकांश हिस्सा बुरी तरह कट गया है। बावजूद इसके स्थानीय पदाधिकारी इसे नजरअंदाज कर रहे हैं।आपको बता दें वर्ष 1984 में इसी पूर्वी तटबंध का एक हिस्सा नवहट्टा के हेमपुर के पास में टुटा था |जिसके बाद भारी तबाही हुई थी |कोशी ने अपना रौद्र रूप दिखाया था |78.30 से लेकर 83.25 तक कई जगह बने बड़े -बड़े रेन कट को देख कर ग्रामीण दहशत में है |जल्दी ही कुछ नही किया गया तो फिर एक बार बाढ़ का दंश झेलना पर सकता है या यू कहे जागते रहो बाढ़ फिर आएगी |इस बावत स्थानीय ग्रामीण ग्रीवर चांद की माने तो स्थिति काफी खतरनाक है वहीं एकाढ गांव के निर्मल कान्त झा की माने तो जिस तरह से तटबंध में रेनकट बना है वह कभी भी खतरा उत्पन्न कर जानमाल को नुकसान पहुंचा सकता है।वहीं अनुमंडल पदाधिकारी शम्भूनाथ झा ने तटबंध पर किसी भी तरह के खतरे से इनकार करते हुए तटबंध को पूरी तरह से सुरक्षित बताया है।साथ ही उन्होंने स्पष्ट कहा कि बारिश के कारण तटबंध पर रेनकट बन गए हैं जिसको विभाग के द्वारा बालू के बोरे से भरने का निर्देश भी दिया गया।
Conclusion:सच मायने में लोगो की तटबंध की टूटने की आशंका जायज है | जिस रूप से लगातार हो रही बारिश में कई जगहों पर बने रेनकट खतरा उत्पन्न कर दिया है वहीं विभाग द्वारा जिस तरह से काम में लापरवाही बरती जा रही है वह निश्चित रूप चिंतनीय है | तटबंध की ऊँचीकरण व चौड़ीकरण के नाम पर केवल बलुआही मिटटी ड़ाल दी गई है इसकी ऊंचाई के अनुरूप कही भी स्परो को ऊँचा नहीं किया गया ।यदि लगातार हो रही बारिश के अनुसार पानी का डिस्चार्ज बढा तो खतरा अवश्यम्भावी होगा |
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