सहरसा: बिहार के सहरसा में गांजा बरामदगी मामले में फैसला आया है. जहां पांच साल पुराने मामले में जिला न्यायाधीश ने फैसला सुनाया है. महिषी थाना क्षेत्र में गांजा तस्कर गोपी साह को 467 किलो गांजा घर में रखने मामले में जिला न्यायाधीश ने फैसला सुनाया है. बताया जाता है कि पिछले पांच सालों से इस मामले में न्यायालय में कार्यवाही चल रही थी. जिसमें तस्कर को 11 साल कैद की सजा (Ganja smuggler sentenced to 11 years in Saharsa) सुनाई गई है, साथ ही एक लाख पचास हजार रुपये का अर्थदंड भी शामिल है.
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दरअसल, यह मामला बीते 5 सालों पहले का है. जहां जिला न्यायालय में शुक्रवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने गांजा तस्करी मामले में एक अभियुक्त को 11 वर्ष की सजा सुनायी और डेढ़ लाख रुपए का अर्थदंड भी लगा दिया. इसके साथ ही कहा गया कि अर्थदंड नहीं देने की स्थिति में 6 महीने की अतिरिक्त कारावास बढ़ा दी जाएगी.
एसपी ने दिये थे गिरफ्तारी का निर्देश: सीतामढ़ी एसपी लिपि सिंह (Sitamarhi SP Lipy Singh) के निर्देश पर हेड क्वार्टर डीएसपी एजाज हाशिम मणि ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि शुक्रवार को स्थानीय व्यवहार न्यायालय के न्यायाधीश आलोक राज (Justice Alok Raj) ने महिषी थाना क्षेत्र के राजनपुर गांव निवासी सोनेलाल साह के पुत्र गोपी साह को सजा सुनाया है. जिसमें न्यायाधीश ने धारा 22 बी के एनडीपीएस एक्ट अंतर्गत मुख्य अभियुक्त गोपी साह को दोषी मानते हुए 11 साल कठोर कारावास और 1 लाख 50 हजार रुपए का अर्थदंड की सजा सुनाई है.
2017 का है यह मामला: गौरतलब है कि उक्त घटना में 467 किलोग्राम गांजा बरामदगी के संबंध में इस मामले को साल 2017 में दर्ज किया गया था. बताया जाता है कि जिला पुलिस ने छापेमारी कर अभियुक्त के घर से गांजा से भरे बोरे को बरामद किया था. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक बिंदेश्वरी प्रसाद यादव (Public Prosecuter Bindeshwari Prasad Yadav) ने अपना पक्ष रखा था. जिसके बाद अभियुक्त को सजा सुनाई गई.
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