सहरसा: देश भर में आज रक्षाबंधन का त्योहार बड़े धूम-धाम से मनाया जा रहा है. वहीं रक्षा बंधन के पूर्व संध्या पर पूर्व सांसद आनन्द मोहन सहरसा पहुंचे.उनके सहरसा पहुंचने की जानकारी मिलते ही बहनों का उनके निज आवास पर आना शुरू हो गया. सभी बहनों ने उनके आवास पर जाकर राखी बंधी. वहीं पूर्व सांसद आनन्द मोहन सभी बहनों से राखी बंधवाएं और आशीर्वाद दिये. आनंद मोहन ने कहा कि रक्षा बंधन अपने आप में एक संदेश है. ये भाई बहन का पर्व है. इसमें कोई आडंबर नहीं है. इसमें कोई पूजा पाठ नहीं होता है.
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"मुझे अचानक रात में याद आया कि हमारी बहने इंतजार करतीं होंगी. क्योंकि जब में जले में था तो बहनें वहां आकर राखी बांधती थीं. जेल में भीड़ लगती थी. रक्षाबंधन का पर्व भाई बहन का अटूट और अद्भुत रिश्ता है. इसमें कोई आडंबर नहीं है. इसमें कोई पूजा पाठ नहीं होता है." - आनंद मोहन, पूर्व सांसद
जेल में आकर बहनें बांधती थी राखी: पूर्व सांसद आनन्द मोहन ने कहा कि आज संयोग से मैं यहां आया हूं. जब में जेल में था तो उस समय बहुत भीड़ लग जाती थी. रक्षा बंधन के दिन जेल में बहनें राखी बांधने के लिए आती थीं. जेल में निश्चित कार्यक्रम होता था. आज अचानक रात में याद आयी कि बहने हमारा सहरसा में इंतजार करती होंगी. इस लिए मैं आज अचानक सहरसा आ गया. जब हमारे आने की जानकारी मिली तो बहनों का आना शुरू हो गया.
राखी बांधने के लिए आनंद मोहन पहुंचे सहरसा: पूर्व सांसद आनन्द मोहन ने कहा कि ये हमारी सदियों पुरानी विरासत है, परंपरा है, संस्कृति का हिस्सा है. इस दिन बहने अपने भाई के कलाईयों पर रक्षा सूत्र बांधतीं हैं और कामना करती है की हमारे भाई की सेहत, शौर्य और यश सलामत रहे. ये बहनों का कामना है. वहीं भाई इस दिन संकल्प लेता है कि अपनी बहन की इज्जत, अस्मत और उसकी हर तरह की सुरक्षा का संकल्प लेता है. ये भाई बहन का अटूट और अद्भुत रिश्ता है.