सहरसा: बिहार के सहरसा जिले में ओवरब्रिज निर्माण को लेकर लगातार आंदोलन किया जा रहा है. इस बार पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना ने ओवरब्रिज निर्माण को लेकर आंदोलन करने का फैसला लिया है. उन्होंन 16 दिसंबर को प्रथम चरण में विशाल प्रदर्शन करने की बात कही है.
आंदोलन का निर्णय लिया: दरअसल, जिले में ओवरब्रिज निर्माण का चार बार शिलान्यास हो गया है. लेकिन इसके बावजूद निर्माण नहीं होने से शहरवासियों की परेशानी बढ़ी रहती है. इन्हीं जनसमस्याओं को लेकर पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना ने आंदोलन का निर्णय लिया है. उन्होंने वादा किया है कि जबतक मांग पूरी नहीं होगा तबतक आंदोलन जारी रहेगा.
कोर्ट और जनता को गुमराह किया जा रहा: इस संबंध में उन्होंने कहा कि ओवरब्रिज एक मजाक बन गया है. राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष इमानदारी से अपना पक्ष नहीं रख रहे है. उनके मन में बेईमानी है. इसलिए बार-बार तारीख पर तारीख बढ़ा रहे है. कोर्ट और जनता को गुमराह किया जा रहा. हम राज्य और केंद्र दोनों की सरकार से मांग करते है कि जब आप दोनों को एक तरफ रेलवे कहती है कि हम अपने जमीन में नही बनने देंगे दूसरे तरफ पुल निर्माण निगम कहती है कि हम पुराने एलायनमेंट में बनाएंगे. इसको रोका किसी और ने है और इसकी सजा जनता को मिल रही है.
"आज एक रेलवे ओवरब्रिज का चार बार शिलान्यास किया जा रहा है. 50 बार टेंडर का विस्तार हुआ है. दर्जनों बार टेंडर भी दिया गया है. फिर भी एक ओवरब्रिज नहीं बन पा रहा है. जनप्रतिनिधि के रवैये को दर्शाता है और जनता सरकार को माफ नहीं करेगी. ऐसे में आगामी 16 दिसंबर को हम सांकेतिक रूप से धरना प्रदर्शन करेंगे. यदि फिर भी काम शुरू नहीं हुआ तो हम लगातार तब तक लड़ते रहेंगे जबतक निर्माण शुरू नहीं हो जाता है." किशोर कुमार मुन्ना, पूर्व विधायक.
चुनाव खत्म होते ही ठंडे बस्ते में चला जाता मुद्दा: वहीं, उन्होंने कहा कि सच मायने में देखा जाय तो ओवरब्रिज निर्माण सहरसा के राजनीतिज्ञों के लिए एक मुख्य मुद्दा है. जब-जब चुनाव का समय आता है तो सभी राजनेता इसे मुद्दा बनाता है और चुनाव खत्म होते ही यह ठंडे बस्ते में चला जाता है. आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर एक बार फिर यह मुद्दा उठना शुरू हो चुका है. अब देखना लाजिमी होगा कि इसपर काम शुरू होता है या नहीं.
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