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Saharsa News:'सहरसा कोर्ट में फायरिंग और हत्या महाजंगलराज की वापसी..' पूर्व MLA किशोर कुमार का बयान

कोर्ट में न्यायिक पदाधिकारी, वकील और मुवक्किल निर्भिक होकर अपना कार्य संपन्न करते हैं. फिर न्याय के मन्दिर में वकील और मुवक्किल भयभीत हो जाएं, खुद न्यायाधीश असुरक्षित हो जाएं, बन्दी पर खुलेआम गोली चलने लगे तो इसके लिये सिर्फ और सिर्फ सरकार दोषी है. सहरसा कोर्ट में फायरिंग मामले पर पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना ने नीतीश सरकार पर हमला किया है.

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Published : Mar 30, 2023, 2:24 PM IST

सहरसा: मंगलवार को बिहार के सहरसा कोर्ट परिसर में बेखौफ अपराधियों ने एक बंदी पर गोलियों की बौछार कर उसकी हत्या कर दी थी. इसको लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. कोर्ट परिसर में जिस तरह से अपराधियों ने मर्डर किया है, उसके बाद से राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू है. पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना ने कहा कि न्यायालय अति सुरक्षित और अति संवेदनशील स्थल होता है. लेकिन अगर वहीं गोली चलने लगे तो इसके लिए सरकार दोषी है.

पढ़ें- Murder In Saharsa : सहरसा कोर्ट में फायरिंग, पेशी पर आए कैदी की गोली मार कर हत्या

सहरसा कोर्ट फायरिंग मामले पर पूर्व विधायक का हमला: पूर्व विधायक किशोर कुमार ने कहा कि न्यायालय में न्यायिक पदाधिकारी, वकील और मुवक्किल निर्भिक होकर अपना कार्य संपन्न करते हैं. फिर न्याय के मन्दिर में वकील और मुवक्किल ल भयभीत हो जाय, खुद न्यायाधीश असुरक्षित हो जाएं, बन्दी पर खुलेआम गोली चलने लगे तो इसके लिये सिर्फ और सिर्फ सरकार दोषी है. यह साबित करता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का शासन से नियंत्रण खत्म हो चुका है.

"नीतीश कुमार कठपुतली की तरह हो गये हैं. उनका एक मात्र उद्देश्य मुख्यमंत्री बने रहना है. इसके लिए वे कभी राजद तो कभी भाजपा के साथ जाने में परहेज नहीं करते हैं. हत्या, डकैती, अपहरण, बलात्कार को रोकने में सरकार नाकाम है. वहीं प्रशासन और पुलिस, शराब माफिया और भूमि माफिया से मिलकर अपनी अकूत सम्पति बनाने में लगे हैं. न्यायालय में लाखों-लाख मुकदमा लंबित है लेकिन त्वरित रूप से मुकदमों के निपटारे के लिये सरकारी प्रयास नहीं हो रहा है. यह चिंता का विषय है."- किशोर कुमार मुन्ना, पूर्व विधायक

'बिहार में महाजंगलराज': उन्होंने आगे कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष को सिर्फ वोट की चिंता है. इन्हें आम लोगों की समस्या से मतलब नहीं है. किशोर कुमार ने कहा कि यदि न्यायालय भवन में न्यायिक हिरासत में बन्दी की हत्या अपराधी के द्वारा हो रही है तो यह महाजंगलराज नहीं तो और क्या है? मेरा मानना है कि वर्ष 2005 में बिहार की जनता ने कुशासन से मुक्त होकर सत्ता की चाबी नीतीश कुमार के हाथ सौंपी. वर्ष 2010 तक बिहार तेजी से आगे बढ़ा. लेकिन अब बिहार में एक बार फिर से जंगलराज की वापसी हो गई है.

सहरसा: मंगलवार को बिहार के सहरसा कोर्ट परिसर में बेखौफ अपराधियों ने एक बंदी पर गोलियों की बौछार कर उसकी हत्या कर दी थी. इसको लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. कोर्ट परिसर में जिस तरह से अपराधियों ने मर्डर किया है, उसके बाद से राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू है. पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना ने कहा कि न्यायालय अति सुरक्षित और अति संवेदनशील स्थल होता है. लेकिन अगर वहीं गोली चलने लगे तो इसके लिए सरकार दोषी है.

पढ़ें- Murder In Saharsa : सहरसा कोर्ट में फायरिंग, पेशी पर आए कैदी की गोली मार कर हत्या

सहरसा कोर्ट फायरिंग मामले पर पूर्व विधायक का हमला: पूर्व विधायक किशोर कुमार ने कहा कि न्यायालय में न्यायिक पदाधिकारी, वकील और मुवक्किल निर्भिक होकर अपना कार्य संपन्न करते हैं. फिर न्याय के मन्दिर में वकील और मुवक्किल ल भयभीत हो जाय, खुद न्यायाधीश असुरक्षित हो जाएं, बन्दी पर खुलेआम गोली चलने लगे तो इसके लिये सिर्फ और सिर्फ सरकार दोषी है. यह साबित करता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का शासन से नियंत्रण खत्म हो चुका है.

"नीतीश कुमार कठपुतली की तरह हो गये हैं. उनका एक मात्र उद्देश्य मुख्यमंत्री बने रहना है. इसके लिए वे कभी राजद तो कभी भाजपा के साथ जाने में परहेज नहीं करते हैं. हत्या, डकैती, अपहरण, बलात्कार को रोकने में सरकार नाकाम है. वहीं प्रशासन और पुलिस, शराब माफिया और भूमि माफिया से मिलकर अपनी अकूत सम्पति बनाने में लगे हैं. न्यायालय में लाखों-लाख मुकदमा लंबित है लेकिन त्वरित रूप से मुकदमों के निपटारे के लिये सरकारी प्रयास नहीं हो रहा है. यह चिंता का विषय है."- किशोर कुमार मुन्ना, पूर्व विधायक

'बिहार में महाजंगलराज': उन्होंने आगे कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष को सिर्फ वोट की चिंता है. इन्हें आम लोगों की समस्या से मतलब नहीं है. किशोर कुमार ने कहा कि यदि न्यायालय भवन में न्यायिक हिरासत में बन्दी की हत्या अपराधी के द्वारा हो रही है तो यह महाजंगलराज नहीं तो और क्या है? मेरा मानना है कि वर्ष 2005 में बिहार की जनता ने कुशासन से मुक्त होकर सत्ता की चाबी नीतीश कुमार के हाथ सौंपी. वर्ष 2010 तक बिहार तेजी से आगे बढ़ा. लेकिन अब बिहार में एक बार फिर से जंगलराज की वापसी हो गई है.

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