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सहरसा में कोसी ने एक बार फिर मचाई तबाही, लोग पलायन करने को मजबूर

सहरसा में कोसी नदी के जलस्तर में कमी होने के साथ ही कटाव तेज हो गया है. जिसको लेकर ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. नदी के आसपास के रहने वाले लोग कटाव के डर से अपने घर खाली कर ऊंचे स्थान पर जाना शुरू कर दिए हैं. पढ़ें पूरी खबर..

कोसी ने एक बार फिर मचाई तबाही
कोसी ने एक बार फिर मचाई तबाही
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Published : Aug 20, 2022, 8:13 AM IST

Updated : Aug 20, 2022, 12:45 PM IST

सहरस: कोसी नदी में बाढ़ (Flood In Koshi River) की तबाही के मंजर से लोग वर्षों से जूझते आ रहे हैं. हर साल कोसी नदी से तबाही हो ती है. बाढ़ के बाद कटाव का खतरा (Erosion In Saharsa ) बढ़ जाता है. ना जाने कितने लोगों के घर कोसी में समा जाते हैं. कोसी नदी में आई बाढ़ के कारण उस इलाके में बसे लोगों को दो-दो मुसीबतें एक साथ झेलनी पड़ती है. बाढ़ से भी बर्बादी होती है और कटाव से भी कोसी तबाही (Erosion intensified in Koshi river) लाती है. साल बदलता है लेकिन तबाही की तस्वीर हर वर्ष एक सी ही रहती है.

ये भी पढ़ें-कोसी का कहर: लाल पानी आने से तटबंध के भीतर कटाव तेज, 41 घर नदी में विलीन, देखें VIDEO

सहरसा में कोसी ने एक बार फिर मचाई तबाही

60 से 70 घर अब तक तबाह: ऐसी ही तस्वीर सहरसा जिले के नोहट्टा प्रखंड (Nauhatta Block of Saharsa District) क्षेत्र के नौला पंचायत के रसलपुर गांव से निकलकर सामने आई है. जहां नोहटा प्रखंड के नौला पंचायत में तकरीबन 20 घर कोसी में समा चुके हैं. वहीं नोहटा प्रखंड क्षेत्र के ऐसे कई पंचायत है. जहां अब तक 60 से 70 घर अब तक कोसी में समा चुका है.

शासन प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं: इलाके के लोग दाने-दाने को मोहताज हो चुके हैं, दिन रात डरे रहते हैं. ना जाने कब किसका घर कोसी में समा जाए. कुछ कहा नहीं जा सकता शासन प्रशासन के द्वारा कोई व्यवस्था भी नहीं होती है. सरकार का कोई ध्यान भी नहीं जाता है. हम सभी परिवार अपने घर को उजाड़ कर ऊंचे स्थान को ढूंढने का प्रयास करते हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि शासन प्रशासन की नींद कब तक खुलती है और कब ऐसे इलाकों में व्यवस्था मुहैया कराया जाता है.

ये भी पढ़ें-भागलपुर में बाढ़ से तबाही, लोग अपने घरों को तोड़ने को हुए मजबू

सहरस: कोसी नदी में बाढ़ (Flood In Koshi River) की तबाही के मंजर से लोग वर्षों से जूझते आ रहे हैं. हर साल कोसी नदी से तबाही हो ती है. बाढ़ के बाद कटाव का खतरा (Erosion In Saharsa ) बढ़ जाता है. ना जाने कितने लोगों के घर कोसी में समा जाते हैं. कोसी नदी में आई बाढ़ के कारण उस इलाके में बसे लोगों को दो-दो मुसीबतें एक साथ झेलनी पड़ती है. बाढ़ से भी बर्बादी होती है और कटाव से भी कोसी तबाही (Erosion intensified in Koshi river) लाती है. साल बदलता है लेकिन तबाही की तस्वीर हर वर्ष एक सी ही रहती है.

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सहरसा में कोसी ने एक बार फिर मचाई तबाही

60 से 70 घर अब तक तबाह: ऐसी ही तस्वीर सहरसा जिले के नोहट्टा प्रखंड (Nauhatta Block of Saharsa District) क्षेत्र के नौला पंचायत के रसलपुर गांव से निकलकर सामने आई है. जहां नोहटा प्रखंड के नौला पंचायत में तकरीबन 20 घर कोसी में समा चुके हैं. वहीं नोहटा प्रखंड क्षेत्र के ऐसे कई पंचायत है. जहां अब तक 60 से 70 घर अब तक कोसी में समा चुका है.

शासन प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं: इलाके के लोग दाने-दाने को मोहताज हो चुके हैं, दिन रात डरे रहते हैं. ना जाने कब किसका घर कोसी में समा जाए. कुछ कहा नहीं जा सकता शासन प्रशासन के द्वारा कोई व्यवस्था भी नहीं होती है. सरकार का कोई ध्यान भी नहीं जाता है. हम सभी परिवार अपने घर को उजाड़ कर ऊंचे स्थान को ढूंढने का प्रयास करते हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि शासन प्रशासन की नींद कब तक खुलती है और कब ऐसे इलाकों में व्यवस्था मुहैया कराया जाता है.

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Last Updated : Aug 20, 2022, 12:45 PM IST
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