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BJP विधायक नीरज बबलू का आराेप- 'सहरसा जेल में नशे का काराेबार, एक सप्ताह में लाखों का ट्रांजेक्शन'

छातापुर के भाजपा विधायक नीरज कुमार बबलू ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आराेप लगाया कि सहरसा मंडल कारा में इन दिनों धड़ल्ले से मादक पदार्थ की बिक्री हाे रही है (drug in Saharsa jail alleged Neeraj Kumar Bablu). उन्हाेंने मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और जिला एवं सत्र न्यायाधीश से अपील की है कि मामले में हस्तक्षेप कर न्यायोचित हल निकालें.

बबलू का आराेप
बबलू का आराेप
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Published : Sep 12, 2022, 3:51 PM IST

सहरसा: मंडल कारा सहरसा की स्थिति इन दिनों सामान्य नहीं है. सहरसा मंडल कारा में गांजा, चरस, कोरेक्स, नशीली दवाइयां, ब्राउन शुगर, स्मैक का कारोबार फल-फूल रहा है. छातापुर के भाजपा विधायक नीरज कुमार बबलू ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर ये आराेप लगाये हैं (drug in Saharsa jail alleged Neeraj Kumar Bablu). उनका मानना है कि जेल के अंदर यह काराेबार प्रति सप्ताह लाखों रुपये में हाे रहा है.

इसे भी पढ़ेंः सीतामढ़ी मंडल कारा में छापा, DM और SP के नेतृत्व में छापेमारी से हड़कंप

माेबाइल फोन पहुंचाने का रेटः भाजपा विधायक नीरज कुमार बबलू (BJP MLA Neeraj Kumar Bablu) ने कहा कि तीन हजार में एंड्रॉयड स्मार्टफोन और एक हजार में छोटे मोबाइल फोन जेल में पहुंचाए जाते हैं. इसे गेट से या फिर वॉच टॉवर की देख-रेख में बाउंड्री पार से फिकवा कर पहुंचायी जाती है. इसमें कुछ अधिकारियों के अलावा मुख्य कक्षपाल, उच्च कक्षपाल और कुछ कक्षपालों की संलिप्तता है. पकड़ाने पर इनपर कोई कार्रवाई नहीं होती.

जेल अधीक्षक के कार्यालय से हाेता कारोबारः ड्रग्स माफियाओं का मनोबल इतना बढ़ा है कि वो अधीक्षक के कार्यालय में (Mandal Kara Saharsa) बैठ कर जेल के बाहर भी अपना व्यवसाय संचालित करते हैं. कारोबार पकड़ में नहीं आए इसके लिए ये जेल के सीसीटीवी कैमरा और स्क्रीन काे तोड़ देते हैं. शिकायत के बावजूद उनपर कोई कार्रवाई नहीं होती. हालात ये हैं कि यहां 80 फीसदी से ज्यादा युवा नशे का शिकार हो चुका है. उन्हाेंने दावा किया कि कभी भी नशा मापक यंत्र के साथ जेल का निरीक्षण करवाया जाए ताे पता चल जाएगा.

इसे भी पढ़ेंः सारण मंडल कारा में छापा, मोबाइल और धारदार हथियार बरामद

शिकायत करने पर हाेती पिटाईः इसकी शिकायत करने पर जेल प्रशासन उसे ही निशाने पर लेकर किसी बहाने से मार-पीट करते और जलील करते हैं. ड्रग्स माफिया द्वारा घर लूट लेने और जान से मारने की धमकी देते हैं. उन्हाेंने एक आंकड़ा दिया जिसके अनुसार इन माफिया के इशारे पर पिछले सप्ताह चार से आठ सितंबर तक छोटी-छोटी बातों पर डराने- धमकाने और मुंह बंद कराने के उद्देश्य से बेवजह दो-दो बार दर्जनों की संख्या में गृह रक्षा वाहिनी, सैप, जेल पुलिस और बीएमपी के जवानों को अंदर घुसा कर सैकड़ों की संख्या में निर्दोष बंदियों की पिटाई कर जख्मी कर दिया गया. सिर, पैर और हाथ तोड़ दिए गए. यहां तक कि बूढ़े-बच्चों और अस्पताल में भर्ती मरीजों तक को नहीं बख्शा गया.

न्यायिक जांच की मांगः आवाज उठाने पर कुछ बंदियों को बिना संबंधित कोर्ट के आदेश के रातों-रात अन्यत्र तबादला कर दिया गया. इनमें अभिजीत सिंह, विजय ठाकुर और सीटी मियां की हालत अत्यंत नाजुक है. वर्तमान में मंडल कारा सहरसा की स्थिति बिल्कुल भयावह है. यहां न्यायिक और उच्च स्तरीय जांच की निहायत जरूरत है. भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और जिला एवं सत्र न्यायाधीश से अपील की है कि वे मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर न्यायोचित हल निकालें.

सहरसा: मंडल कारा सहरसा की स्थिति इन दिनों सामान्य नहीं है. सहरसा मंडल कारा में गांजा, चरस, कोरेक्स, नशीली दवाइयां, ब्राउन शुगर, स्मैक का कारोबार फल-फूल रहा है. छातापुर के भाजपा विधायक नीरज कुमार बबलू ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर ये आराेप लगाये हैं (drug in Saharsa jail alleged Neeraj Kumar Bablu). उनका मानना है कि जेल के अंदर यह काराेबार प्रति सप्ताह लाखों रुपये में हाे रहा है.

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माेबाइल फोन पहुंचाने का रेटः भाजपा विधायक नीरज कुमार बबलू (BJP MLA Neeraj Kumar Bablu) ने कहा कि तीन हजार में एंड्रॉयड स्मार्टफोन और एक हजार में छोटे मोबाइल फोन जेल में पहुंचाए जाते हैं. इसे गेट से या फिर वॉच टॉवर की देख-रेख में बाउंड्री पार से फिकवा कर पहुंचायी जाती है. इसमें कुछ अधिकारियों के अलावा मुख्य कक्षपाल, उच्च कक्षपाल और कुछ कक्षपालों की संलिप्तता है. पकड़ाने पर इनपर कोई कार्रवाई नहीं होती.

जेल अधीक्षक के कार्यालय से हाेता कारोबारः ड्रग्स माफियाओं का मनोबल इतना बढ़ा है कि वो अधीक्षक के कार्यालय में (Mandal Kara Saharsa) बैठ कर जेल के बाहर भी अपना व्यवसाय संचालित करते हैं. कारोबार पकड़ में नहीं आए इसके लिए ये जेल के सीसीटीवी कैमरा और स्क्रीन काे तोड़ देते हैं. शिकायत के बावजूद उनपर कोई कार्रवाई नहीं होती. हालात ये हैं कि यहां 80 फीसदी से ज्यादा युवा नशे का शिकार हो चुका है. उन्हाेंने दावा किया कि कभी भी नशा मापक यंत्र के साथ जेल का निरीक्षण करवाया जाए ताे पता चल जाएगा.

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शिकायत करने पर हाेती पिटाईः इसकी शिकायत करने पर जेल प्रशासन उसे ही निशाने पर लेकर किसी बहाने से मार-पीट करते और जलील करते हैं. ड्रग्स माफिया द्वारा घर लूट लेने और जान से मारने की धमकी देते हैं. उन्हाेंने एक आंकड़ा दिया जिसके अनुसार इन माफिया के इशारे पर पिछले सप्ताह चार से आठ सितंबर तक छोटी-छोटी बातों पर डराने- धमकाने और मुंह बंद कराने के उद्देश्य से बेवजह दो-दो बार दर्जनों की संख्या में गृह रक्षा वाहिनी, सैप, जेल पुलिस और बीएमपी के जवानों को अंदर घुसा कर सैकड़ों की संख्या में निर्दोष बंदियों की पिटाई कर जख्मी कर दिया गया. सिर, पैर और हाथ तोड़ दिए गए. यहां तक कि बूढ़े-बच्चों और अस्पताल में भर्ती मरीजों तक को नहीं बख्शा गया.

न्यायिक जांच की मांगः आवाज उठाने पर कुछ बंदियों को बिना संबंधित कोर्ट के आदेश के रातों-रात अन्यत्र तबादला कर दिया गया. इनमें अभिजीत सिंह, विजय ठाकुर और सीटी मियां की हालत अत्यंत नाजुक है. वर्तमान में मंडल कारा सहरसा की स्थिति बिल्कुल भयावह है. यहां न्यायिक और उच्च स्तरीय जांच की निहायत जरूरत है. भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और जिला एवं सत्र न्यायाधीश से अपील की है कि वे मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर न्यायोचित हल निकालें.

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