सहरसाः देश का आम चुनाव एक तरफ जहांबहुत सारी उम्मीदें लेकर आता है, तो वहीं दूसरी तरफ उम्मीदें टूटने का एहसास भी इसी वक्त होताहै. ऐसा ही अहसास जागा है सहरसा जिला स्थित बनमा इटहरी पंचायत के सहुरिया गांव के लोगों में. यहां केलोग न सिर्फनिराश व हताश है बल्कि आक्रोशित भी हैं. वजह ये है किविकासके नाम पर बीते पांच वर्षों में यहां एक टोकरीमिट्टी भी नहीं डाली गई.
दरअसल,सांसद पप्पू यादव ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत इस गांव को गोद लिया था. लेकिनविकास के नाम पर यहां कोई काम नहीं किया गया.सांसद आदर्श ग्राम योजना विकासकी एक महत्वाकांक्षीयोजना है.इस योजना के तहत जब सहुरिया जैसे पिछड़े गांव का चयन जब सांसद द्वारा किया गया तो इलाके के लोगों ने एक साथ होली व दीवाली मनाई थी. उस दिन लोगों कीखुशी का ठिकाना नहीं था.
गांव वालों को थीं बड़ी उम्मीदें
यहां के लोगों कोलगने लगा किअब सड़क, बिजली,पेयजल और समुचित शिक्षा एवं स्वास्थ्य सब कीसब उम्मीदें पूरी हो जाएंगी. लेकिन गांव को गोद लेकर सांसदजैसे भूल ही गए. उसी तरह गांव के लोग भी इसे अपनीनियति समझ भूल गए. अब जब नेताओं की दौरा शुरू हुआ तो लोगों की दबी हुई उम्मीदें एक बार फिर से करवट लेने लगी. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि हमलोग काफी खुश हुए थे जब गांव को गोद लिया गया था. लेकिन पांच साल बीतने को है सांसद ने विकासके नाम पर यहांकुछ भी नहीं किया.
ठगा महसूस कर रही जनता
इस गांव की स्थिति ऐसी है कि लोग यहां शादी विवाह भी करने में कतराते हैं. लोग रिशता करने आते ही नहीं क्योंकिन सड़क है, न शिक्षा और न ही स्वास्थ्य की व्यवस्था. बरसातके मौसम में इस गांव की स्थिति और भी बदतर हो जाती है. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि प्रधानमंत्री का विकासका सपना शायद मजाक ही था. इस गांव की जनता अपने आप कोठगा महसूस कर रहीहै.