सहरसा: गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद आनन्द मोहन (Anand Mohan) ने सहरसा कोर्ट में पेशी के दौरान पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि मेरी आजीवन कारावास की सजा 14 वर्ष पूरी हो चुकी है. बावजूद नीतीश सरकार मुझे जेल में कैद किए हुए है.
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मुझे रिहा करने के बजाए बदले की भावना से जेल के वार्ड में छापेमारी करवाकर चार मोबाइल की बरामदगी दिखाकर मुझे बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विरोधी दल पर जमकर बरसे.
'बीते 23 अक्टूबर की देर शाम जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में मंडल कारा में औचक छापेमारी की गई थी. यह बदले की भावना से और राजनीतिक साजिश के तहत की गई थी. जिसमें मुझे बदनाम करने और मानसिक यातना पहुंचाने का पूरा प्रयास किया गया. नियम कानून और संविधान से सभी बंधे हैं. जेल एक संस्था है, सराय नहीं, जहां कोई मुंह उठाकर चले जाए. तलाशी के दौरान वरीय पदाधिकारी बाहर मौजूद थे. जबकि डीएसपी और एसडीओ ने जेल में छापेमारी की थी. जेल अधीक्षक छुट्टी में थे. लेकिन उनके ही आवेदन पर मामला दर्ज कराया गया.' -आनंद मोहन, पूर्व सांसद
उन्होंने बताया कि जेल अधीक्षक छुट्टी पर थे फिर भी उनके ही आवेदन पर मामला दर्ज किया गया. चार मोबाइल दिखाया गया. जो सरासर झूठ है. साथ ही उन्होंने कहा कि आजीवन कारावास के 14 साल बीत जाने के साढ़े 5 महीने के बाद भी उन्हें जेल से रिहा नहीं किया जा रहा है. यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जमकर उल्लंघन है. उन्होंने सरकार विरोधी कई सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि अगर उन लोगों को मुझ से इतनी ही तकलीफ है तो मुझे गोली मार दे या नहीं तो जेल के अंदर खाने में जहर मिला दे.
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