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हड़ताल में परिवार भी हुए शामिल, बच्चों ने कहा- CM अंकल मम्मी को क्यों बनाया 'नियोजित' शिक्षक?

रोहतास में अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे शिक्षकों ने 11वें दिन भी सभी प्रखंड मुख्यालय पर धरना दिया. वहीं, इस दौरान करगहर प्रखंड के बीआरसी पर बैठे शिक्षक अपने परिवार और बच्चों के साथ दिखे.

मासूम बच्ची
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Published : Feb 28, 2020, 10:27 AM IST

रोहतास: जिले में अनिश्चितकालीन हड़ताली शिक्षक 11वें दिन भी प्रखंड मुख्यालय पर धरने पर बैठे रहे. करगहर प्रखंड के बीआरसी पर बैठे कई शिक्षकों के परिवार और बच्चे भी उनके साथ डटे हुए हैं. इस दौरान एक नियोजित शिक्षिका की बेटी पोस्टर के जरिए मुख्यमंत्री से सवाल करती दिखी, जिस पर लिखा था 'CM अंकल क्यों बनाया आपने मम्मी को नियोजित शिक्षक'.

'शिक्षिका बनना चाहती हूं'
नियोजित शिक्षिका की बच्ची नवीरा हुफैजा ने कहा कि उसकी नानी भी एक शिक्षिका थी, लेकिन उनके पेंशन का पैसा भी उसकी मम्मी के वेतन से अधिक है. वहीं, हुफैजा ने कहा कि वो भी शिक्षिका बनना चाहती है, लेकिन अपनी मम्मी की तरह नियोजित शिक्षिका नहीं.

देखें पूरी रिर्पोट

'राज्य सरकार अन्याय कर रही है'
शिक्षिका गाजला फातिमा ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का समर्थन शिक्षकों को मिल रहा है. इसके बावजूद सरकार कोई पहल नहीं कर रही है. नियोजित शिक्षकों से शैक्षणिक कार्य के अलावा सरकार की ओर से चलाई जा रही सभी तरह की योजनाओं में बंधुआ मजदूर की तरह काम लिए जाता है. नियोजित शिक्षकों को पूर्ण वेतनमान और राज्यकर्मी का अब तक दर्जा नहीं देकर राज्य सरकार अन्याय कर रही है.

रोहतास: जिले में अनिश्चितकालीन हड़ताली शिक्षक 11वें दिन भी प्रखंड मुख्यालय पर धरने पर बैठे रहे. करगहर प्रखंड के बीआरसी पर बैठे कई शिक्षकों के परिवार और बच्चे भी उनके साथ डटे हुए हैं. इस दौरान एक नियोजित शिक्षिका की बेटी पोस्टर के जरिए मुख्यमंत्री से सवाल करती दिखी, जिस पर लिखा था 'CM अंकल क्यों बनाया आपने मम्मी को नियोजित शिक्षक'.

'शिक्षिका बनना चाहती हूं'
नियोजित शिक्षिका की बच्ची नवीरा हुफैजा ने कहा कि उसकी नानी भी एक शिक्षिका थी, लेकिन उनके पेंशन का पैसा भी उसकी मम्मी के वेतन से अधिक है. वहीं, हुफैजा ने कहा कि वो भी शिक्षिका बनना चाहती है, लेकिन अपनी मम्मी की तरह नियोजित शिक्षिका नहीं.

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'राज्य सरकार अन्याय कर रही है'
शिक्षिका गाजला फातिमा ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का समर्थन शिक्षकों को मिल रहा है. इसके बावजूद सरकार कोई पहल नहीं कर रही है. नियोजित शिक्षकों से शैक्षणिक कार्य के अलावा सरकार की ओर से चलाई जा रही सभी तरह की योजनाओं में बंधुआ मजदूर की तरह काम लिए जाता है. नियोजित शिक्षकों को पूर्ण वेतनमान और राज्यकर्मी का अब तक दर्जा नहीं देकर राज्य सरकार अन्याय कर रही है.

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