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काम से हटाए जाने से मजदूर हुए नाराज, जल संसाधन विभाग के खिलाफ किया प्रदर्शन

कनीय अभियंता ने बताया कि कार्यपालक अभियंता के आदेश पर मौसमी मजदूरों को हटाया गया है. उन्हें हटाने की सूचना फोन पर दी गई है. उन्होंने कहा कि फिलहाल यहां अभी मजदूरों की जरूरत नहीं है, जिसकी सूचना पहले ही दे दी गई थी.

जल संसाधन विभाग के खिलाफ आक्रोश
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Published : Aug 17, 2019, 12:21 PM IST

रोहतास: जल संसाधन विभाग ने जिले में नहर के फॉल साइड से अचानक मजदूरों को हटा दिया. जिसके बाद मजदूरों ने फॉल कार्यालय में ताला बंद कर दिया और विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाया.

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जल संसाधन विभाग के खिलाफ आक्रोश

मौखिक आदेश से मजदूरों को हटाया गया
दरअसल नहर के फॉल पर गेट उठाने और संचालन के कार्य करने वाले मजदूर को बिना किसी लिखित आदेश के जल संसाधन विभाग ने अचानक हटा दिया. मजदूरों ने बताया कि मौखिक आदेश से कनीय अभियंता ने 40 मौसमी मजदूरों को काम से हटा दिया. मौसमी कर्मचारी किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने का काम करते हैं. लेकिन उन्हें पूरे साल काम नहीं करने दिया जाता है और उनकी मजदूरी के पैसे भी काट लिए जाते हैं. वहीं, अधिकारियों की ओर से उन्हें किसी भी प्रकार का विरोध प्रदर्शन नहीं करने की भी धमकी दी जाती है.

जल संसाधन विभाग के खिलाफ आक्रोश

अधिकारियों के आदेश पर मजदूरों को हटाया गया
इस मामले में कनीय अभियंता अनिल पासवान ने बताया कि कार्यपालक अभियंता के आदेश पर मौसमी मजदूरों को हटाया गया है. उन्हें हटाने की सूचना फोन पर दी गई है. उन्होंने कहा कि फिलहाल यहां अभी मजदूरों की जरूरत नहीं है, जिसकी सूचना पहले ही दे दी गई थी.

रोहतास: जल संसाधन विभाग ने जिले में नहर के फॉल साइड से अचानक मजदूरों को हटा दिया. जिसके बाद मजदूरों ने फॉल कार्यालय में ताला बंद कर दिया और विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उन्होंने अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाया.

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जल संसाधन विभाग के खिलाफ आक्रोश

मौखिक आदेश से मजदूरों को हटाया गया
दरअसल नहर के फॉल पर गेट उठाने और संचालन के कार्य करने वाले मजदूर को बिना किसी लिखित आदेश के जल संसाधन विभाग ने अचानक हटा दिया. मजदूरों ने बताया कि मौखिक आदेश से कनीय अभियंता ने 40 मौसमी मजदूरों को काम से हटा दिया. मौसमी कर्मचारी किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने का काम करते हैं. लेकिन उन्हें पूरे साल काम नहीं करने दिया जाता है और उनकी मजदूरी के पैसे भी काट लिए जाते हैं. वहीं, अधिकारियों की ओर से उन्हें किसी भी प्रकार का विरोध प्रदर्शन नहीं करने की भी धमकी दी जाती है.

जल संसाधन विभाग के खिलाफ आक्रोश

अधिकारियों के आदेश पर मजदूरों को हटाया गया
इस मामले में कनीय अभियंता अनिल पासवान ने बताया कि कार्यपालक अभियंता के आदेश पर मौसमी मजदूरों को हटाया गया है. उन्हें हटाने की सूचना फोन पर दी गई है. उन्होंने कहा कि फिलहाल यहां अभी मजदूरों की जरूरत नहीं है, जिसकी सूचना पहले ही दे दी गई थी.

Intro: Bihar desk
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जल संसाधन विभाग के पश्चिमी नहर के फॉल साइड से अचानक हटाए जाने से नाराज मजदूरों ने फॉल कार्यालय का ताला बंद कर जल संसाधन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की वहीं अधिकारियों पर मनमानी का आरोप लगाया


Body:दरअसल फॉल पर गेट उठाने एवं नहर संचालन के देखने का कार्य करने वाले मजदूर को आज बिना किसी लिखित आदेश के जल संसाधन विभाग ने अचानक हटा दिया जिसे नाराज मजदूरों ने फॉल कार्यालय के सामने ही जमकर विरोध और प्रदर्शन किया

मजदूरों का कहना था कि इस खरीफ सीजन में सिर्फ मौखिक आदेश से कनीय अभियंता के द्वारा सभी 40 मौसमी मजदूर को हटा दिया गया मौसमी कर्मचारी किसानों के खेतों तक पानी पहुंच आते हैं लेकिन उन्हें पूरे साल काम नहीं करने दिया जाता है उनकी मजदूरी के पैसे भी काट लिए जाते हैं इतना ही नहीं अधिकारियों की ओर से उन्हें किसी भी प्रकार का विरोध न करने की भी धमकी दी जाती है
इस संबंध में कनीय अभियंता अनिल पासवान की मानें तो कार्यपालक अभियंता के आदेश पर मौसमी मजदूरों को हटाया गया है उन्हें हटाने की सूचना फोन पर मिली है फिलहाल यहां अभी मजदूरों की जरूरत नहीं है जिसकी सूचना ही ने पहले भी दे दी गई थी
बाइट - मजदूर
बाइट - मजदूर

बाईट - अनिल पासवान कनीय अभियंता


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