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मिसाल: जब पुलिस ने शराब माफियाओं से मानी हार तो छापेमारी के लिए उतरी महिलाएं - भारी मात्रा में शराब जब्त

मामला सासाराम के उचितपुर गांव का है. जहां पिछले कई महीनों से शराब माफिया धड़ल्ले से तस्करी कर रहे थे. धर-पकड़ के नाम पर पुलिस-प्रशासन केवल औपचारिकता पूरी कर रहे थे.

छापेमारी के लिए उतरी महिलाएं
छापेमारी के लिए उतरी महिलाएं
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Published : Jan 14, 2020, 6:05 PM IST

रोहतास: बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद शराब तस्करी की खबरें आम होती जा रही हैं. माफियाओं के खिलाफ पुलिस नकेल कसने में नाकाम साबित हो रही है. नतीजतन अब ग्रामीण महिलाओं ने शराब माफियाओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

मामला सासाराम के उचितपुर गांव का है. जहां पिछले कई महीनों से शराब माफिया धड़ल्ले से तस्करी कर रहे थे. धर-पकड़ के नाम पर पुलिस-प्रशासन केवल औपचारिकता पूरी कर रहे थे. जिससे तंग आकर स्थानीय महिलाओं ने बीड़ा उठाया और शराब माफियाओं के घर रेड की.

देखें पूरी रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: वशिष्ठ बाबू के आवास पर संक्रांति के भोज की तैयारियां शुरू, प्रदेश अध्यक्ष खुद कर रहे निगरानी

भारी मात्रा में शराब जब्त
छापेमारी के दौरान महिलाओं ने भारी मात्रा में शराब भी बरामद की. वहीं, इस घटना के बाद प्रशासन पर भी सवालिया निशान उठने लगे हैं. स्थानीय महिला ने बताया कि पिछले कई महीनों से लगातार शराब माफिया गांव में कारोबार कर रहे हैं. इसकी सूचना पुलिस को भी दी गई. लेकिन, पुलिस गांव में आती है और बिना कोई कार्रवाई किए चली जाती है. लिहाजा गांव के ही महिलाओं ने शराब माफियाओं के खिलाफ एकजुट होकर हल्ला बोला और घर से भारी मात्रा में शराब बरामद किया.

रोहतास: बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद शराब तस्करी की खबरें आम होती जा रही हैं. माफियाओं के खिलाफ पुलिस नकेल कसने में नाकाम साबित हो रही है. नतीजतन अब ग्रामीण महिलाओं ने शराब माफियाओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

मामला सासाराम के उचितपुर गांव का है. जहां पिछले कई महीनों से शराब माफिया धड़ल्ले से तस्करी कर रहे थे. धर-पकड़ के नाम पर पुलिस-प्रशासन केवल औपचारिकता पूरी कर रहे थे. जिससे तंग आकर स्थानीय महिलाओं ने बीड़ा उठाया और शराब माफियाओं के घर रेड की.

देखें पूरी रिपोर्ट

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भारी मात्रा में शराब जब्त
छापेमारी के दौरान महिलाओं ने भारी मात्रा में शराब भी बरामद की. वहीं, इस घटना के बाद प्रशासन पर भी सवालिया निशान उठने लगे हैं. स्थानीय महिला ने बताया कि पिछले कई महीनों से लगातार शराब माफिया गांव में कारोबार कर रहे हैं. इसकी सूचना पुलिस को भी दी गई. लेकिन, पुलिस गांव में आती है और बिना कोई कार्रवाई किए चली जाती है. लिहाजा गांव के ही महिलाओं ने शराब माफियाओं के खिलाफ एकजुट होकर हल्ला बोला और घर से भारी मात्रा में शराब बरामद किया.

Intro:रोहतास। बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद भी शराब माफियाओं के खिलाफ पुलिस नकेल कसने में नाकाम साबित हो रही है। नतीजा अब ग्रामीण महिलाओं ने शराब माफियाओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।


Body:गौरतलब है कि पूरे बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी कानून लागू होने का दवा करते हैं। लेकिन आज भी शराब माफिया धड़ल्ले से शराब के काला कारोबार को करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला सासाराम के उचितपुर गांव का है। यहां पिछले कई महीनों से शराब माफिया धड़ल्ले से शराब का कारोबार करने से बाज नहीं आ रहे थे। लिहाजा जब पुलिस ने इन शराब माफियाओं के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया तो गांव की ही दिलेर महिलाओं ने इन शराब माफियाओं के घर में घुसकर छापेमारी किया। इस दौरान महिलाओं ने भारी मात्रा में शराब भी बरामद किया। वहीं इस घटना के बाद प्रशासन पर भी सवालिया निशान उठने लगे हैं कि आखिर प्रशासन शराब के कारोबार को रोकने की बात करती है। लेकिन आज भी खुलेआम शराब का कारोबार किया जा रहा है।


VO:1 गांव की रहने वाली ग्रामीण महिला सोनिया देवी ने बताया कि पिछले कई महीनों से लगातार शराब माफिया गांव में शराब का कारोबार कर रहे हैं। इसकी सूचना कई बार पुलिस को भी दी गई। लेकिन पुलिस गांव में तो आती है लेकिन बिना करवाई किए ही चली जाती है। लिहाजा गांव के ही महिलाओं ने शराब माफियाओं के खिलाफ एकजुट होकर हल्ला बोला और घर से शराब की भारी मात्रा में बरामद की गई।

byte.सोनिया देवी

VO:2 वही उचितपुर गांव की ही रहने वाली ग्रामीण महिला उषा देवी ने बताया कि शराब के कारोबार के खिलाफ कई बार पुलिस को सूचना दी गई। लेकिन फिर भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं किया। वहीं उन्होंने बताया कि शराब माफिया जेल जाने के बाद पुनः गांव में वापिस आकर शराब का कारोबार करने लगा। लिहाजा ग्रामीण महिला इससे तंग आ गई थी और उसके खिलाफ महिला पूरे गांव की एकजुट होकर घर के अंदर से शराब को बरामद किया। जिसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई। वहीं महिला ने बताया कि पुलिस शराब माफियाओं के खिलाफ अगर कार्रवाई करें तो महिलाओं को आज एकजुट होकर शराब माफियाओं के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत नहीं पड़ती।

बाइट। उषा देवी


Conclusion:बहरहाल पूरे बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बावजूद भी शराब कारोबार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है। नतीजा रोहतास में भी शराब का कारोबार हो रहा है। क्योंकि लगातार आए दिन भारी मात्रा में शराब की बरामद की जा रही है। वहीं महिलाओं ने शराब माफियाओं के खिलाफ अभियान चलाकर पुलिस पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है कि जो काम पुलिस को करनी चाहिए वह आज महिला कर रही है।
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