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रोहतास में पहली बार दिव्यांग मुकेश ने की तरबूज की खेती, लॉकडाउन में नहीं मिल रहे खरीदार

जिला मुख्यालय सासाराम के दिव्यांग किसान मुकेश ने पहली बार तरबूज की खेती कर अपनी अलग पहचान बनाई है. वहीं, लॉकडाउन के कारण उनके पैदावार की बिक्री नहीं होने से उन्हें बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है.

रोहतास
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Published : May 26, 2020, 6:01 PM IST

रोहतास: दिव्यांग किसान मुकेश कुमार ने बंजर भूमि पर पहली बार तरबूज की खेती कर जिले में अपनी अलग पहचान बना ली है. मुकेश कुमार सासाराम प्रखंड के जमुहार गांव के रहने वाले हैं. जिन्होंने महादेवा गांव स्थित बंजर भूमि पर पहली बार तरबूज की खेती कर मिसाल कायम कर दिया है. मुकेश कुमार के तरबूज की खेती की चर्चा पूरे जिले में है. वहीं, मुकेश देश में लागू लॉकडाउन की वजह से फसल के विक्रय को लेकर चिंतित हैं.

रोहतास
दिव्यांग मुकेश कुमार

मुकेश ने बताया कि उन्होंने तकरीबन 2 एकड़ की भूमि पर तरबूज की खेती की है. जिसमें तकरीबन सत्तर से अस्सी हजार प्रति एकड़ खेती करने पर खर्च आया है. लेकिन लॉकडाउन के कारण तरबूज की फसल तैयार होने के बाद भी उनके खेतों पर व्यापारी नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिससे तरबूज की बिक्री नहीं हो पा रही है. साथ ही मुकेश कुमार ने बताया कि अगर लॉकडाउन नहीं होता, तो उन्हें तरबूज की खेती से अच्छा खासा मुनाफा होता.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

नहीं मिल रहा है मन माफिक दाम
मुकेश ने कहा कि लॉकडाउन ने उनकी खेती को बर्बाद कर दिया. अब पूंजी निकालना भी मुश्किल हो रहा है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के पहले सुबह होते ही खेतों पर व्यापारियों की भीड़ लग जाती है. लॉकडाउन के कारण हमें भारी नुकसान हो रहा है. वहीं, अब हालात विपरीत हैं. साथ ही व्यापारी तक तरबूज नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिससे खेतों में लगे तरबूजों का मन माफिक दाम नहीं मिल रहा है.

रोहतास
दिव्यांग मुकेश कुमार द्वारा उत्पादित तरबूज

रोहतास: दिव्यांग किसान मुकेश कुमार ने बंजर भूमि पर पहली बार तरबूज की खेती कर जिले में अपनी अलग पहचान बना ली है. मुकेश कुमार सासाराम प्रखंड के जमुहार गांव के रहने वाले हैं. जिन्होंने महादेवा गांव स्थित बंजर भूमि पर पहली बार तरबूज की खेती कर मिसाल कायम कर दिया है. मुकेश कुमार के तरबूज की खेती की चर्चा पूरे जिले में है. वहीं, मुकेश देश में लागू लॉकडाउन की वजह से फसल के विक्रय को लेकर चिंतित हैं.

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दिव्यांग मुकेश कुमार

मुकेश ने बताया कि उन्होंने तकरीबन 2 एकड़ की भूमि पर तरबूज की खेती की है. जिसमें तकरीबन सत्तर से अस्सी हजार प्रति एकड़ खेती करने पर खर्च आया है. लेकिन लॉकडाउन के कारण तरबूज की फसल तैयार होने के बाद भी उनके खेतों पर व्यापारी नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिससे तरबूज की बिक्री नहीं हो पा रही है. साथ ही मुकेश कुमार ने बताया कि अगर लॉकडाउन नहीं होता, तो उन्हें तरबूज की खेती से अच्छा खासा मुनाफा होता.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

नहीं मिल रहा है मन माफिक दाम
मुकेश ने कहा कि लॉकडाउन ने उनकी खेती को बर्बाद कर दिया. अब पूंजी निकालना भी मुश्किल हो रहा है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के पहले सुबह होते ही खेतों पर व्यापारियों की भीड़ लग जाती है. लॉकडाउन के कारण हमें भारी नुकसान हो रहा है. वहीं, अब हालात विपरीत हैं. साथ ही व्यापारी तक तरबूज नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिससे खेतों में लगे तरबूजों का मन माफिक दाम नहीं मिल रहा है.

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दिव्यांग मुकेश कुमार द्वारा उत्पादित तरबूज
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