रोहतास: पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने यह निर्णय जल्दबाजी में लिया है. सरकार को इसपर सोच विचार करना चाहिए था.
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा है कि इस फैसले से पहले सरकार को अन्य दलों को विश्वास में लेना चाहिए था. उन्होंने यह भी कहा कि इस फैसले से पहले केंद्र सरकार को कश्मीर में रहने वाले लोगों की राय भी लेनी चाहिए थी.
'परिणाम गलत भी हो सकता है'
रालोसपा प्रमुख ने कहा कि केंद्र सरकार को पहले यह जानना चाहिए था कि आखिर कश्मीर की आवाम क्या चाहती है? उन्होंने धारा 370 खत्म किए जाने के फैसले को जल्दबाजी में लिया गया निर्णय करार दिया है. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि इस निर्णय का परिणाम गलत भी हो सकता है.
धारा 370 हटने से होंगे ये बदलाव:
पहले | अब |
- जम्मू-कश्मीर का अलग झंडा था. नागरिकों द्वारा भारत के राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना नहीं था.
| - जम्मू-कश्मीर का अलग झंडा नहीं बल्कि भारत के दूसरे हिस्सों की तरह यहां भी तिरंगा ही लहराया जाएगा. राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का सम्मान करना होगा.
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- वोट का अधिकार सिर्फ जम्मू-कश्मीर के स्थायी नागरिकों को था. दूसरे राज्यों के नागरिक को वहां की मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने का अधिकार नहीं था.
| - दूसरे राज्यों के नागरिक भी अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं और वोट कर सकते है. धारा 370 समाप्त किए जाने के साथ ही सिर्फ जम्मू-कश्मीर के स्थायी नागरिकों को वोट का अधिकार वाला प्रावधान खत्म हो गया है.
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- जम्मू-कश्मीर के विधानसभा का कार्यकाल 6 साल का होता था
| - देश के किसी भी राज्य की तरह जम्मू-कश्मीर में भी अब विधानसभा का कार्यकाल 5 साल का होगा.
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- जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के पास भारत और कश्मीर की दोहरी नागरिकता थी.
| - जम्मू-कश्मीर के लोगों के पास सिर्फ भारतीय नागरिकता होगी.
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- भारत के नागरिकों को विशेष राज्य का दर्जा हासिल था. जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने की इजाजत नहीं थी.
| - धारा 370 के खत्म होते ही दूसरे राज्यों के लोग भी जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीद सकेंगे.
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- जम्मू-कश्मीर की कोई महिला अगर भारत के किसी दूसरे राज्य के व्यक्ति से शादी करती तो उसकी नागरिकता समाप्त हो जाएगी. लेकिन इसके उलट अगर किसी पकिस्तानी से शादी कर ले तो उस व्यक्ति को भी जम्मू-कश्मीर की नागरिकता मिल जाती थी.
| - धारा 370 हटाते ही दोहरी नागरिकता भी अपने आप खत्म हो गई है. इसलिए स्थानीय महिला के किसी भी भारतीय राज्य में शादी करने से भी भारतीय नागरिकता बरकरार रहेगी.
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- धारा 370 की वजह से ही कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भी भारतीय नागरिकता मिल जाती थी.
| - धारा 370 हटाने के बाद कश्मीरी सिर्फ भारतीय नागरिक हैं. अगर कोई पाकिस्तानी भारतीय नागरिकता लेना चाहता है तो उसे पूरी प्रक्रिया से गुजरना होगा.
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- देश के उच्चतम न्यायालय के आदेश जम्मू-कश्मीर में मान्य नहीं होते थे.
| - अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश मान्य होंगे.
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