रोहतास: जिला मुख्यालय से तकरीबन 70 किलोमीटर दूर कैमूर की पहाड़ी पर बसा हसड़ी गांव में सूखा पड़ा हुआ है. यहां लोगों को पीने के लिए पानी तक नसीब नहीं हो रहा है. वहीं, दूसरी तरफ प्रशासन की उदासीनता का आलम यह है कि कोई भी नेता हो या अधिकारी इस गांव की ओर रुख नहीं करता.
एक तरफ, जहां सूबे के मुखिया नीतीश कुमार विकास के तरह-तरह के दावे करते नजर आते हैं. वहीं, दूसरी तरफ नोहट्टा प्रखंड के हसड़ी गांव में लोगों को आज तक पानी नसीब नहीं हुआ है. लिहाजा, महिलाएं गांव से काफी दूर नदी से पानी लाने को मजबूर हैं. नल-जल योजना का इस गांव में कोई भी प्रभाव देखने को नहीं मिलता.
वहीं, लोगों का कहना है कि यहां न तो कभी सांसद आए हैं और न ही विधायक. गांव की महिलाओं ने बताया कि सबसे अधिक परेशानी गर्मियों के दिनों में होती है. इस दौरान नदी का पानी सूख जाता है. लिहाजा, पानी सूखने के बाद लोग बूंद-बूंद के लिए तरसते हैं. लोगों का कहना है कि चुनाव पास आते ही सभी जनप्रतिनिधि दिखाई देने लगते हैं वे पानी की समस्या के निवारण की भी बात करते हैं मगर चुनाव बाद वे अपने तमाम वायदे भूल जाते हैं.