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रोहतासः सासाराम सदर अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी, मरीजों को हो रही दिक्कत

उपाधीक्षक ने कहा कि आंख विभाग में एक ही डॉक्टर हैं और वह भी संविदा पर हैं. ऐसे में विभाग में डॉक्टरों की भारी कमी होने की वजह से मरीजों का इलाज सही तरीके से नहीं हो पा रहा है.

मरीजों को हो रही दिक्कतें
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Published : Nov 12, 2019, 8:53 PM IST

रोहतासः सासाराम का सदर अस्पताल इन दिनों रामभरोसे चलने को मजबूर है. अस्पताल में डॉक्टर ड्यूटी पर मौजूद नहीं रहते. जिस कारण अस्पताल में मरीजों को इलाज नहीं हो पा रहा है. वहीं इससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

सदर अस्पताल में डाक्टरों की कमी
गौरतलब है कि सासाराम के सदर अस्पताल के वार्ड नंबर 3 में आंख के मरीज को देखने के लिए डॉ. केएन तिवारी का ड्यूटी लगी थी. लेकिन डॉक्टर केएन तिवारी अपनी ड्यूटी पर नहीं थे. वहीं मौके पर पहुंचे ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब इसकी जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने सिविल सर्जन को फोन किया. लेकिन सिविल सर्जन ने मीटिंग में होने की बात कहकर फोन काट दिया.

सदर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी

मरीजों को हो रही दिक्कत
संवाददाता ने जब उपाधीक्षक डॉ केएन तिवारी से बात की तो उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में सिविल सर्जन के ना होने की वजह से सारी जिम्मेदारी उन पर ही आ जाती है. ऐसे में वे किसी कार्य से बाहर गए हुए थे. जिससे वह अपने विभाग में मरीज को देखने में असमर्थ थे. वहीं उन्होंने कहा कि आंख विभाग में एक ही डॉक्टर है और वह भी संविदा पर है. ऐसे में विभाग में डॉक्टरों की भारी कमी होने की वजह से मरीजों का इलाज सही तरीके से नहीं हो पा रहा है.

rohtas
मरीज

नहीं हो रहा मरीजों का इलाज
गौरतलब है कि सासाराम सदर अस्पताल की व्यवस्था प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है. ऐसे में उन गरीबों का आखिर इलाज कहां होगा जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं.

रोहतासः सासाराम का सदर अस्पताल इन दिनों रामभरोसे चलने को मजबूर है. अस्पताल में डॉक्टर ड्यूटी पर मौजूद नहीं रहते. जिस कारण अस्पताल में मरीजों को इलाज नहीं हो पा रहा है. वहीं इससे मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

सदर अस्पताल में डाक्टरों की कमी
गौरतलब है कि सासाराम के सदर अस्पताल के वार्ड नंबर 3 में आंख के मरीज को देखने के लिए डॉ. केएन तिवारी का ड्यूटी लगी थी. लेकिन डॉक्टर केएन तिवारी अपनी ड्यूटी पर नहीं थे. वहीं मौके पर पहुंचे ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब इसकी जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने सिविल सर्जन को फोन किया. लेकिन सिविल सर्जन ने मीटिंग में होने की बात कहकर फोन काट दिया.

सदर अस्पताल में डॉक्टरों की कमी

मरीजों को हो रही दिक्कत
संवाददाता ने जब उपाधीक्षक डॉ केएन तिवारी से बात की तो उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में सिविल सर्जन के ना होने की वजह से सारी जिम्मेदारी उन पर ही आ जाती है. ऐसे में वे किसी कार्य से बाहर गए हुए थे. जिससे वह अपने विभाग में मरीज को देखने में असमर्थ थे. वहीं उन्होंने कहा कि आंख विभाग में एक ही डॉक्टर है और वह भी संविदा पर है. ऐसे में विभाग में डॉक्टरों की भारी कमी होने की वजह से मरीजों का इलाज सही तरीके से नहीं हो पा रहा है.

rohtas
मरीज

नहीं हो रहा मरीजों का इलाज
गौरतलब है कि सासाराम सदर अस्पताल की व्यवस्था प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है. ऐसे में उन गरीबों का आखिर इलाज कहां होगा जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं.

Intro:रोहतास। बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर आए दिन सुशासन बाबू की किरकरयां होती रहती है। कुछ ऐसा ही नजारा सासाराम के सदर अस्पताल में भी देखने को मिला।


Body:गौरतलब है कि सासाराम का सदर अस्पताल इन दिनों रामभरोसे चलने को मजबूर है। अस्पताल में पहुंचने वाले मरीजों को डॉक्टरों का लाभ नहीं मिल पा रहा है क्योंकि ड्यूटी पर तैनात जिन डॉक्टरों को अपने वार्ड में मौजूद रहना चाहिए वह डॉक्टर अपने वार्ड में मौजूद ही नहीं रहते हैं। कुछ ऐसा ही मामला सासाराम के सदर अस्पताल में भी देखने को मिला। यहां वार्ड नंबर 3 में आंख के मरीज को देखने के लिए डॉ केएन तिवारी का ड्यूटी लगाया गया था। लेकिन डॉक्टर केएन तिवारी अपने ड्यूटी से नदारद नजर आ रहे थे तो इसकी जानकारी लेने के लिए जब हमारे ईटीवी भारत के संवाददाता ने सिविल सर्जन को फोन कर जानकारी लेना चाहा तो सिविल सर्जन ने मीटिंग में होने की बात कहकर फोन कट कर दिया। इतना ही नहीं अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए जब हमारे संवाददाता खुद उपाधीक्षक डॉ केएन तिवारी से बात किया तो उन्होंने कहा कि चुकी सदर अस्पताल में सिविल सर्जन के ना होने की वजह से सारी जिम्मेदारी उन पर ही आ जाती है। ऐसे में वे किसी कार्य से बाहर गए हुए थे। जिससे वह अपने विभाग में मरीज को देखने में असमर्थ है तो वही इस मामले में जब सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर के तिवारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आंख विभाग में महज एक ही डॉक्टर है और वह भी संविदा पर है। ऐसे में विभाग में डॉक्टरों की भारी कमी होने की वजह से मरीजों का इलाज सही तरीके से इलाज नहीं हो पा रहा है।


Conclusion:गौरतलब है कि सासाराम सदर अस्पताल की व्यवस्था लगातार प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है। ऐसे में उन गरीबों का आखिर इलाज कहां होगा जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हैं।

बाइट। अस्पताल उपाधीक्षक डॉ केएन तिवारी
बाइट मरीज
पीटीसी
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