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CM नीतीश के दावे की खुली पोल! एक दशक से यहां मंदिर में पढ़ाई कर रहे हैं बच्चे

रोहतास के भैसाहा पंचायत के नारायणपुर गांव में स्कूल के भवन के आभाव में मंदिर में स्कूल चल रहा है. यह एक दो साल से नहीं बल्कि 10 साल से चल रहा है.

स्कूल में पढ़ते बच्चे
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Published : Feb 27, 2019, 5:10 PM IST

रोहतासः आए दिन बिहार में शिक्षा को लेकर नीतीश कुमार एक से एक दावे करते हैं, लेकिन सरकारी स्कूलों की स्थिति क्या है यह किसी से छुपी नहीं है. रोहतास के इंद्रपुरी थाना के भैसाहा पंचायत के नारायणपुर गांव में आज भी मासूम बच्चे भवन के अभाव में मंदिरों में ही शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं.

दरअसल, इंद्रपुरी थाना के भैसाहा पंचायत के नारायणपुर गांव में मंदिर में चल रहे इस स्कूल के प्रिंसिपल बताते हैं कि मंदिर के अंदर पिछले एक दशक से स्कूल का संचालन हो रहा है. लेकिन, इसकी परवाह ना तो प्रशासन को है और ना ही जनप्रतिनिधियों को है. इन बच्चों का कोई सुध लेने वाला नहीं है.

कक्षा एक से लेकर पांचवीं तक पढ़ते हैं बच्चे
प्रधानध्यापक ने बताया कि इस स्कूल में कक्षा एक से लेकर पांचवीं तक के बच्चे पढ़ते हैं. ऐसे में बच्चे भी इस आस में बैठे हैं कि कब उन्हें स्कूल का भवन नसीब होगा ताकि वह भी अपनी जिंदगी के सुनहरे पल स्कूल के भवन में गुजार सकें.

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रोहतास से फरहान अहमद की रिपोर्ट

बहरहाल यह स्कूल सरकार के दावों पोल खोल रहा है. स्कूल आज भी मंदिर के सहारे भगवान के चरण में बैठा है. भला हो उस भगवान का जिन्होंने इस बच्चे के भविष्य के लिए मंदिर के परिसर में ही शिक्षा का मंदिर खुला है.

रोहतासः आए दिन बिहार में शिक्षा को लेकर नीतीश कुमार एक से एक दावे करते हैं, लेकिन सरकारी स्कूलों की स्थिति क्या है यह किसी से छुपी नहीं है. रोहतास के इंद्रपुरी थाना के भैसाहा पंचायत के नारायणपुर गांव में आज भी मासूम बच्चे भवन के अभाव में मंदिरों में ही शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं.

दरअसल, इंद्रपुरी थाना के भैसाहा पंचायत के नारायणपुर गांव में मंदिर में चल रहे इस स्कूल के प्रिंसिपल बताते हैं कि मंदिर के अंदर पिछले एक दशक से स्कूल का संचालन हो रहा है. लेकिन, इसकी परवाह ना तो प्रशासन को है और ना ही जनप्रतिनिधियों को है. इन बच्चों का कोई सुध लेने वाला नहीं है.

कक्षा एक से लेकर पांचवीं तक पढ़ते हैं बच्चे
प्रधानध्यापक ने बताया कि इस स्कूल में कक्षा एक से लेकर पांचवीं तक के बच्चे पढ़ते हैं. ऐसे में बच्चे भी इस आस में बैठे हैं कि कब उन्हें स्कूल का भवन नसीब होगा ताकि वह भी अपनी जिंदगी के सुनहरे पल स्कूल के भवन में गुजार सकें.

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रोहतास से फरहान अहमद की रिपोर्ट

बहरहाल यह स्कूल सरकार के दावों पोल खोल रहा है. स्कूल आज भी मंदिर के सहारे भगवान के चरण में बैठा है. भला हो उस भगवान का जिन्होंने इस बच्चे के भविष्य के लिए मंदिर के परिसर में ही शिक्षा का मंदिर खुला है.

Intro:रोहतास। बिहार में शिक्षा को लेकर आए दिन हाय तौबा मचा है क्योंकि बिहार में सरकारी स्कूलों का क्या हाल है यह किसी से छुपा नहीं है।


Body:गौरतलब है कि बिहार सरकार के वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने पिछले बजट में सबसे अधिक शिक्षा पर ही खर्च किया था। लेकिन हकीकत में बिहार के शिक्षा में कितना सुधार हुआ है यह किसी से छुपा नहीं है। इसकी एक तस्वीर बताने के लिए काफी है कि किस तरह से मासूमों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। हम बात कर रहे हैं रोहतास जिले के इंद्रपुरी थाना के भैसाहा पंचायत के नारायणपुर गांव की जहां आज भी मासूम बच्चे भवन के अभाव में मंदिरों में ही शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। जिस मंदिर में पूजा होती है उसी मंदिर में बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। जहीर है रोड के किनारे चलने वाले इस स्कूल में बच्चे को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है कभी उन बच्चों को सड़क पर चलने वाले गाड़ियों की आवाज से तो कभी मंदिर के अंदर बजने वाले घंटियों से। जाहिर है इस स्कूल के पास कोई मुकम्मल भवन नहीं है ताकि वह स्कूल के भवन में गुजार सकें। बरहाल स्कूल के प्रिंसिपल बताते हैं कि मंदिर के अंदर पिछले एक दशक से स्कूल का संचालन हो रहा है। लेकिन इसकी परवाह ना तो प्रशासन को है और ना ही जनप्रतिनिधियों को है। ऐसे में स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी इस आस में बैठे हैं कि कब उन्हें स्कूल का भवन नसीब हो जाए ताकि वह भी अपनी जिंदगी सुनहरे पल स्कूल के भवन में गुजार सकें।


Conclusion:बाहरहाल यह स्कूल सरकार के दावों पोल खोल रहा है। स्कूल आज भी मंदिर के सहारे भगवान के चरण में बैठा है। भला हो उस भगवान का जिन्होंने इस बच्चे के भविष्य के लिए मंदिर के परिसर में ही शिक्षा का मंदिर खुला है।

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