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जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं बच्चे, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रेमचंद ने बताया कि जर्जर स्कूल के भवन के बारे में जानकारी मिली है. फिलहाल उसकी जांच के लिए सर्व शिक्षा अभियान के सहायक को लिखित शिकायत पत्र भेजा गया है और इस जर्जर भवन को ध्वस्त कर नया भवन बनाना की मांग की गई है.

जर्जर अवस्था में स्कूल का भवन
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Published : Aug 17, 2019, 3:32 PM IST

रोहतास: सरकारी बजट में भी शिक्षा के नाम पर काफी खर्च करने की बात कही जाती है. लेकिन इन सबके बावजूद बिहार में शिक्षा का स्तर सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. जिला मुख्यालय के शिवसागर के सोनहर मिडिल स्कूल का भवन जर्जर हालत में है, जिसके कारण वहां के बच्चे भय के माहौल में पढ़ने को मजबूर हैं. लेकिन प्रशासन को इसकी परवाह नहीं है.

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जर्जर अवस्था में स्कूल का भवन

जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं छात्र
बिहार सरकार का ये स्कूल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है. लेकिन इसकी परवाह ना तो स्कूल प्रशासन को है और ना ही शिक्षा विभाग के किसी आलाधिकारी को. जर्जर हो चुके स्कूल की बिल्डिंग में कभी भी बड़ी अनहोनी हो सकती है.

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जर्जर अवस्था में स्कूल का भवन

शिकायत करने पर भी प्रशासन कर रहा नजरअंदाज
लगभग तीस साल पुराना यह बिल्डिंग आज अपना वजूद खो रहा है. इस बारे में जब स्कूल के प्रिंसिपल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसकी लिखित शिकायत कई बार जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में दी जा चुकी है. लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि लिखित शिकायत में बिल्डिंग को ध्वस्त करने की मांग की गई है. लेकिन अब तक बिल्डिंग इसी जर्जर हालात में खड़ी है.

जर्जर अवस्था में स्कूल का भवन

शिक्षा अभियान के सहायक अभियंता को दी गई जानकारी
वहीं, जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रेमचंद ने बताया कि जर्जर स्कूल के भवन के बारे में जानकारी मिली है. फिलहाल उसकी जांच के लिए सर्व शिक्षा अभियान के सहायक को लिखित शिकायत पत्र भेजा गया है और इस जर्जर भवन को ध्वस्त कर नया भवन बनाना की मांग की गई है.

रोहतास: सरकारी बजट में भी शिक्षा के नाम पर काफी खर्च करने की बात कही जाती है. लेकिन इन सबके बावजूद बिहार में शिक्षा का स्तर सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. जिला मुख्यालय के शिवसागर के सोनहर मिडिल स्कूल का भवन जर्जर हालत में है, जिसके कारण वहां के बच्चे भय के माहौल में पढ़ने को मजबूर हैं. लेकिन प्रशासन को इसकी परवाह नहीं है.

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जर्जर अवस्था में स्कूल का भवन

जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर हैं छात्र
बिहार सरकार का ये स्कूल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है. लेकिन इसकी परवाह ना तो स्कूल प्रशासन को है और ना ही शिक्षा विभाग के किसी आलाधिकारी को. जर्जर हो चुके स्कूल की बिल्डिंग में कभी भी बड़ी अनहोनी हो सकती है.

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जर्जर अवस्था में स्कूल का भवन

शिकायत करने पर भी प्रशासन कर रहा नजरअंदाज
लगभग तीस साल पुराना यह बिल्डिंग आज अपना वजूद खो रहा है. इस बारे में जब स्कूल के प्रिंसिपल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसकी लिखित शिकायत कई बार जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में दी जा चुकी है. लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि लिखित शिकायत में बिल्डिंग को ध्वस्त करने की मांग की गई है. लेकिन अब तक बिल्डिंग इसी जर्जर हालात में खड़ी है.

जर्जर अवस्था में स्कूल का भवन

शिक्षा अभियान के सहायक अभियंता को दी गई जानकारी
वहीं, जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रेमचंद ने बताया कि जर्जर स्कूल के भवन के बारे में जानकारी मिली है. फिलहाल उसकी जांच के लिए सर्व शिक्षा अभियान के सहायक को लिखित शिकायत पत्र भेजा गया है और इस जर्जर भवन को ध्वस्त कर नया भवन बनाना की मांग की गई है.

Intro:रोहतास। जिला मुख्यालय के शिवसागर के सोनहर मिडिल स्कूल के बच्चे भय के साए में पढ़ने को मजबूर हो रहे हैं। लेकिन इसकी परवाह किसी अधिकारी को नहीं है।


Body:गौरतलब है कि सुशासन बाबू का यह सरकारी स्कूल पूरी तरीके से जर्जर हो चुका है। जिस स्कूल में बच्चे अपने भविष्य इमारत खड़ा करने आते हैं। वहीं स्कूल की इमारत बच्चों के जान का दुश्मन बन कर खड़ा है। स्कूल की जर्जर इमारत के बीच बच्चे भय के साए में पढ़ने को मजबूर है। लेकिन इसकी परवाह ना तो स्कूल प्रशासन को है और ना ही शिक्षा विभाग की किसी आला अधिकारी को है। ऐसा लगता है कि विभाग किसी बड़ी घटना के इंतजार में है। जर्जर हो चुकी स्कूल की बिल्डिंग से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। हमको बता दें कि शिक्षा के नाम पर बिहार में सबसे अधिक पैसा खर्च होता है। बजट में भी शिक्षा के नाम पर काफी ख़र्च करने की बात कही जाती है। लेकिन इन सबके बावजूद बिहार में शिक्षा का स्तर सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। वही स्कूल जर्जर भवन बच्चों के लिए किसी जान के दुश्मन से कम नहीं है। तक़रीबन तीस साल पुराना यह बिल्डिंग आज अपना वजूद खो रहा है। बच्चे उसी स्कूल में पढ़ने को मजबूर हो रहे हैं। स्कूल की इमारत पूरी तरीके से जर्जर हो चुकी है। इस बारे में जब स्कूल के प्रिंसिपल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसकी लिखित शिकायत कई बार जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में दी जा चुकी है। लेकिन अब तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। वही स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि लिखित शिकायत में बिल्डिंग को ध्वस्त करने की मांग की गई है। लेकिन अब तक बिल्डिंग इसी जर्जर हालात में खड़ी है। लिहाजा कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।


Conclusion:वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रेमचंद ने बताया कि जर्जर स्कूल के भवन की जानकारी मिली है। लिहाजा उसकी जांच के लिए सर्व शिक्षा अभियान के सहायक अभियंता को भेजा गया है तथा उस जर्जर भवन को ध्वस्त करने की बात कही गई है।

बाइट। डीईओ रोहतास
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