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रोहतास: सोन नदी के बढ़ते जलस्तर से फसलें हो रहीं बर्बाद, रोजी-रोटी पर आफत - किसानों की फसल बर्बाद

सोन नदी के बीचोंबीच अपनी जीविका चलाने वाले किसान मायूस हैं. हर बार की तरह इस बार भी उनकी फसलें बर्बाद हो गई हैं. लेकिन प्रशासन की ओर से अबतक कोई पहल नहीं की गई है.

सोन नदी रोहतास की खबर
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Published : Sep 29, 2019, 10:46 PM IST

रोहतास: मूसलाधार बारिश के कारण जिले में त्राहिमाम मचा हुआ है. इससे सोन नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है. वहीं, मध्य प्रदेश के बाणसागर से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण भी सोन नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है. जिससे नदी के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों खासकर किसानों में दहशत का माहौल है.

बढ़े जलस्तर ने कर दी फसल बर्बाद
सोन नदी के किनारे रहने वाले सैकड़ों किसान नदी के बीचोंबीच बने टीले पर मौसमी सब्जी उगाकर अपने और अपने परिवार का पेट पालते हैं. कभी-कभी तो वह महीनों तक बने टीले पर ही रह जाते हैं. साथ ही, अपने मवेशियों को भी रखते हैं पर अचानक पानी के बढ़े स्तर ने इनकी फसल बर्बाद कर दी. ऐसे में हर बार जब पानी खतरे के निशान से ऊपर जाता था तो जिला प्रशासन इन लोगों को अलर्ट करता था. लेकिन इस बार जिला प्रशासन की ओर से लोगों को किसी तरह की कोई सूचना नहीं दी गई.

सोन नदी के बढ़ते जलस्तर ने बढ़ा दी है किसानों की मुश्किल

'प्रशासन नहीं देता ध्यान'
जिला प्रशासन की ओर से सूचना न मिलने पर किसानों ने अपने सामान के साथ मवेशियों को नाव के सहारे निकालना शुरू कर दिया है. किसान कह रहे हैं कि पिछले 20 सालों से नदी के टीले पर सब्जी उगाते रहे हैं. ऐसे में हर साल इसी तरह उनकी फसलें बह कर बर्बाद हो जाती हैं. वहीं, इलाके के मछुआरों ने भी अपने-अपने नाव किनारे पर ला कर खड़े कर दिए हैं. इनका कहना है कि मुआवजा तो दूर कोई सुनने वाला भी नहीं है. इस बार भी लगता है कि उनकी रोटी पर आफत आएगी.

रोहतास: मूसलाधार बारिश के कारण जिले में त्राहिमाम मचा हुआ है. इससे सोन नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है. वहीं, मध्य प्रदेश के बाणसागर से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण भी सोन नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है. जिससे नदी के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों खासकर किसानों में दहशत का माहौल है.

बढ़े जलस्तर ने कर दी फसल बर्बाद
सोन नदी के किनारे रहने वाले सैकड़ों किसान नदी के बीचोंबीच बने टीले पर मौसमी सब्जी उगाकर अपने और अपने परिवार का पेट पालते हैं. कभी-कभी तो वह महीनों तक बने टीले पर ही रह जाते हैं. साथ ही, अपने मवेशियों को भी रखते हैं पर अचानक पानी के बढ़े स्तर ने इनकी फसल बर्बाद कर दी. ऐसे में हर बार जब पानी खतरे के निशान से ऊपर जाता था तो जिला प्रशासन इन लोगों को अलर्ट करता था. लेकिन इस बार जिला प्रशासन की ओर से लोगों को किसी तरह की कोई सूचना नहीं दी गई.

सोन नदी के बढ़ते जलस्तर ने बढ़ा दी है किसानों की मुश्किल

'प्रशासन नहीं देता ध्यान'
जिला प्रशासन की ओर से सूचना न मिलने पर किसानों ने अपने सामान के साथ मवेशियों को नाव के सहारे निकालना शुरू कर दिया है. किसान कह रहे हैं कि पिछले 20 सालों से नदी के टीले पर सब्जी उगाते रहे हैं. ऐसे में हर साल इसी तरह उनकी फसलें बह कर बर्बाद हो जाती हैं. वहीं, इलाके के मछुआरों ने भी अपने-अपने नाव किनारे पर ला कर खड़े कर दिए हैं. इनका कहना है कि मुआवजा तो दूर कोई सुनने वाला भी नहीं है. इस बार भी लगता है कि उनकी रोटी पर आफत आएगी.

Intro:Desk Bihar
report -ravi kumar_sasaram (EXCLUSIVE)
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मूसलाधार बारिश के कारण पूरे सूबे में में त्राहिमाम है वही सोन नदी में भी लगातार जलस्तर बढ़ रहा है मध्य प्रदेश के बाणसागर से भी तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण सोन नदी के तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों में दहशत है वही
सोन नदी के बीचो-बीच टीले पर मौसमी सब्जियां उगाकर खेती करने वाले किसानों के फसल नष्ट हो गए किसानो का कहना है कि बढ़े हुए जल स्तर का प्रशासन ने कोई सूचना नही दी सूचना नही मिलने के कारण कई लोग बीच टीले पर फंसे रह जाते है





Body:दरअसल सोन नदी के किनारे रहने वाले इलाके के सैकड़ों किसान सोन नदी के बीचो-बीच बने टीले पर मौसमी सब्जी उगा कर अपने व अपने परिवार का पेट पालते हैं कभी-कभी तो वह महीनों तक बने टीले पर ही रह जाते हैं और अपने मवेशियों को भी रखते हैं पर अचानक पानी के बढ़े जलस्तर ने इनका सब कुछ तबाह कर दिया क्योंकि हर बार जब पानी खतरे के निशान से ऊपर जाती थी तो जिला प्रशासन इन लोगों को अलर्ट करती थी लेकिन अब इस बार किसी तरह कोई सूचना इन लोगों को नहीं दी गई है जिससे यह लोग असमंजस में है

आलम यह है इन लोगो ने अपने सामान तथा मवेशियों को नाव के सहारे निकालना शुरू कर दिए हैं इन लोगों का कहना है कि पिछले 20 सालों से सोन के टीले पर सब्जी उगाते रहे हैं हर साल सोन की बिनाश लीला में उनकी फसलें बह जाती है वही इलाके के मछुआरों ने भी अपने अपने नाव किनारे पर ला कर खड़े कर दिये है इनका कहना है मुआवजा तो दूर कोई सुनने वाला भी नही है इस बार भी लगता है कि उनकी रोटी पर आफत आएगी




Conclusion:सोन नदी के बीचों-बीच अपनी जीविका चलाने वाले किसान मायूस हैं इस बार भी उनकी फसलें बर्बाद हो जाएंगी लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई पहल नहीं की गई है फिलहाल यह लोग किसी अनहोनी की आशंका से असमंजस में है

बाइट- नंदू कुमार
बाइट -सूरज चौधरी
बाइट -अनिल चौधरी

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