रोहतास: जिले के नोखा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है. इस बार विधानसभा चुनाव में नोखा विधानसभा के लिए सबसे अहम मुद्दा पिछले कई सालों से बंद पड़ी राइस मिलों का बनने वाला है. वहीं, विधानसभा चुनाव में राइस मिल के मालिकों ने सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करनी शुरू भी कर दी है. ऐसे में एनडीए के कैंडिडेट को राइस मिल का बंद होना काफी नुकसान पहुंचा सकता है.
राइस मिल मालिकों ने खोला सरकार के खिलाफ मोर्चा
आपको बता दें, रोहतास जिले के नोखा विधानसभा क्षेत्र को राइस मिलों का गढ़ माना जाता है. लेकिन सरकार की गलत नीतियों के कारण पिछले कई सालों से जिले की अधिकतर राइस मिलें बंद पड़ी है, जिससे राइस मिल के मालिकों में सरकार के खिलाफ काफी ज्यादा नाराजगी बढ़ गई है, लिहाजा इस बार के विधानसभा चुनाव में राइस मिल के मालिकों ने सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करनी शुरू कर दी है.
विधायक ने भी नहीं किया कुछ काम
वहीं, नोखा की वर्तमान आरजेडी की विधायक और पूर्व मंत्री अनिता चौधरी से भी क्षेत्र की जनता ने मुंह फेर लिया है. क्योंकि पिछले 5 सालों में पूर्व पर्यटन मंत्री अनिता चौधरी ने क्षेत्र के राइस मिल संचालकों के लिए कोई काम नहीं किया है. ऐसे में इस बार के विधानसभा चुनाव में नोखा विधानसभा के लिए सबसे अहम मुद्दा राइस मिल का बनने वाला है.
राइस मिलों को खोलने से 1 लाख लोगों को मिल सकता है रोजगार
बता दें सरकार के द्वारा अगर नोखा विधानसभा की सभी बंद पड़ी राइस मिलों को चालू कर दिया जाए, तो यहां तकरीबन एक लाख लोगों को रोजगार मिल सकता है. वहीं, इस संबंध में राइस मिल के संचालक ने बताया कि रोहतास जिले में तकरीबन एक हजार राइस मिल बंद पड़ी हैं. उन्होंने बताया कि राइस मिलों के सालों से बंद पड़े होने के कारण उनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
किसी भी पार्टी के उम्मीदवार का टिकट कंफर्म नहीं
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव रोहतास जिले में पहले चरण में होंगे और फिलहाल यहां किसी भी पार्टी के उम्मीदवारों का टिकट कंफर्म नहीं हो सका है, जाहिर है हर पार्टी सोच समझकर अपने कैंडिडेट उतारने की फिराक में लगी है.