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तबेला बन चुका है सासाराम सदर अस्पताल का क्वार्टर, विभागीय अनदेखी के कारण हुआ ये हाल

सासाराम के सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों और अस्पतालकर्मियों के लिए कैंपस में क्वार्टर बनवाने का काम शुरू किया था. जिसके लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए. कई साल बीत जाने के बावजूद भी अबतक इसका काम अधूरा है.

तबेला बन चुका है सासाराम सदर अस्पताल का क्वार्टर
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Published : Nov 13, 2019, 10:03 PM IST

सासाराम: सुशासन बाबू के बिहार में किस तरह जनता के पैसों की बर्बादी की जाती है, इसका ताजा नमूना सासाराम सदर अस्पताल में देखने को मिल रहा है. सरकारी अनदेखी के कारण अस्पताल परिसर में बने आवास का इस्तेमाल आज तबेले की तरह हो रहा है. ग्रामीण यहां अपने मवेशियों को बांध रहे हैं.

Sasaram
आवास परिसर के कमरों में रखे जा रहे उपले

बता दें कि सदर अस्पताल के आवासीय परिसर में आज चारों ओर गंदगी और गोबर दिखाई पड़ता है. स्थानीय लोगों ने यहां अवैध रूप से कब्जा कर लिया है. गेट पर ग्रामीणों ने गाय बांधनी शुरू कर दी है और कमरों का इस्तेमाल उपले रखने के लिए किया जाने लगा है. सवाल पूछने पर स्थानीय लोगों का कहना था कि कोई रोक-टोक नहीं है तो वह प्रयोग कर रहे हैं.

Sasaram
चारों ओर फैली है गंदगी

चारों ओर पसरी है गंदगी
दरअसल, सासाराम के सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों और अस्पतालकर्मियों के लिए कैंपस में क्वार्टर बनवाने का काम शुरू किया था. जिसके लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए. लेकिन, कुछ दिनों बाद यह जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग ने भवन निर्माण को सौंपी. कई साल बीत जाने के बावजूद भी अबतक इसका काम अधूरा है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

भवन निर्माण विभाग ने शुरू किया था काम
जिम्मेवारी मिलने के बाद भवन निर्माण विभाग ने 50 क्वार्टरों का निर्माण भी कराया. लेकिन, काम पूरा नहीं हो सका. नतीजतन, यह भवन स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल प्रबंधन को नहीं मिल पाया. अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. केएन तिवारी ने बताया कि स्वास्थ विभाग की तरफ से पूरा पैसा मुहैया ना कराने के कारण ही निर्माण अधर में है.

Sasaram
अर्द्धनिर्मित भवन

सासाराम: सुशासन बाबू के बिहार में किस तरह जनता के पैसों की बर्बादी की जाती है, इसका ताजा नमूना सासाराम सदर अस्पताल में देखने को मिल रहा है. सरकारी अनदेखी के कारण अस्पताल परिसर में बने आवास का इस्तेमाल आज तबेले की तरह हो रहा है. ग्रामीण यहां अपने मवेशियों को बांध रहे हैं.

Sasaram
आवास परिसर के कमरों में रखे जा रहे उपले

बता दें कि सदर अस्पताल के आवासीय परिसर में आज चारों ओर गंदगी और गोबर दिखाई पड़ता है. स्थानीय लोगों ने यहां अवैध रूप से कब्जा कर लिया है. गेट पर ग्रामीणों ने गाय बांधनी शुरू कर दी है और कमरों का इस्तेमाल उपले रखने के लिए किया जाने लगा है. सवाल पूछने पर स्थानीय लोगों का कहना था कि कोई रोक-टोक नहीं है तो वह प्रयोग कर रहे हैं.

Sasaram
चारों ओर फैली है गंदगी

चारों ओर पसरी है गंदगी
दरअसल, सासाराम के सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों और अस्पतालकर्मियों के लिए कैंपस में क्वार्टर बनवाने का काम शुरू किया था. जिसके लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए. लेकिन, कुछ दिनों बाद यह जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग ने भवन निर्माण को सौंपी. कई साल बीत जाने के बावजूद भी अबतक इसका काम अधूरा है.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

भवन निर्माण विभाग ने शुरू किया था काम
जिम्मेवारी मिलने के बाद भवन निर्माण विभाग ने 50 क्वार्टरों का निर्माण भी कराया. लेकिन, काम पूरा नहीं हो सका. नतीजतन, यह भवन स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल प्रबंधन को नहीं मिल पाया. अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. केएन तिवारी ने बताया कि स्वास्थ विभाग की तरफ से पूरा पैसा मुहैया ना कराने के कारण ही निर्माण अधर में है.

Sasaram
अर्द्धनिर्मित भवन
Intro:रोहतास। सुशासन बाबू के बिहार में स्वास्थ विभाग में कैसे पैसे की बर्बादी की जाती है। इसकी तस्वीर सासाराम के सदर अस्पताल में बने डॉक्टरों के आवासीय परिसर को देखकर ही लगाया जा सकता है।


Body:गौरतलब है कि सासाराम के सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों और अस्पताल कर्मियों को सदर अस्पताल के कैंपस में ही करोड़ों रुपए खर्च कर आवासीय क्वाटर बनवाने का काम शुरू किया था। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जिम्मेदारी भवन निर्माण विभाग को सौंपी थी। हालांकि भवन निर्माण विभाग ने अस्पताल परिसर में ही तकरीबन 50 से अधिक आवासीय फ्लैटों का निर्माण कराया। लेकिन स्वास्थ विभाग की तरफ से पूरा पैसा मुहैया न कराने की वजह से तकरीबन करोड़ों रुपया से अधिक के बने आवासीय भवन आधा अधूरा ही बन सका। गौरतलब है कि 50 से अधिक आवासीय क्वार्टर बनाया गया था जिसमें अब अवैध रूप से स्थानीय लोगों के द्वारा गाय और भैंस बांधे जा रहे हैं तो वहीं आवासीय परिसर में ही उपले का भी ढेर लगा रहता है। बहरहाल आवासीय परिसर की पड़ताल में जब हमारे ईटीवी भारत के संवाददाता पहुंचे तो तस्वीर हैरान परेशान कर देने वाली थी। आवासीय परिसर में स्थानीय लोगों ने इस कदर अवैध रूप से कब्जा जमा रखा है कि पूरा आवासीय क्वार्टर किसी खटाल से कम नहीं दिख रहा। गाय और भैंस को बांधना लोगों ने पिछले कई सालों से शुरू कर दिया था। बहरहाल इस बारे में जब अस्पताल अधीक्षक डॉ केएन तिवारी से जानना चाहा तो उन्होंने बोला कि स्वास्थ विभाग की तरफ से पैसा मुहैया नहीं कराने की वजह से आधे अधूरे भवन निर्माण होकर ही रुक गए। अगर स्वास्थ विभाग पैसा मुहैया करा दे तो भवन निर्माण विभाग इस भवन का निर्माण कर दे तो यहां के रहने वाले डॉक्टरों को भी काफी सुविधाएं होंगी। जो डॉक्टर बाहर रूम लेकर रहते हैं उन्हें इसी क्वार्टर में रहने की आजादी मिल जाएगी।


Conclusion:बहरहाल स्वास्थ्य विभाग ने करोड़ों खर्च करने के बाद भी सदर अस्पताल का आवासीय परिसर पूरी तरीके से खटाल में तब्दील हो चुका है। उसके बावजूद अस्पताल प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है।

बाइट अस्पताल उपाधीक्षक डॉ केएन तिवारी
बाइट स्थानीय महिला
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