रोहतास: 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का बजट पेश करेंगी. इस बजट से बिहार (India Budget 2023 expectations) को काफी उम्मीदें हैं. रोहतास के डालमियानगर उद्योग समूह को फिर से पुनः जागृत करने को लेकर लोगों को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस बार के केंद्रीय बजट में काफी उम्मीद की आस है.
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"बजट से तथा वित्त मंत्री से इस बार खास उम्मीदे है. एजुकेशन ,हेल्थ और स्पोर्ट्स पर संतुलित बजट आनी चाहिए. देश में बेरोजगारी है महंगाई है, खासकर इन तीन चीजों पर वित्त मंत्री एक संतुलित बजट लेकर आती है तो लोगों को राहत मिलेगी." -अनुज पासवान स्थानीय युवा
"वर्ष 2008 में ही रेलवे द्वारा इसे अधिग्रहण कर लिया गया था, लेकिन उसके बाद फिर कोई विशेष कार्य योजना पर कार्य नहीं हो सका. लगातार कई सालो से बजट में इसके पुनरुद्धार के लिए एलोकेशन की बात की जाती रही है, लेकिन आज भी इसकी स्थिति जस की तस है."-रणधीर सिन्हा, प्रोफेसर
रेलवे ने अधिग्रहण तो कर लिया, लेकिन उद्धार नहीं: लोगों का कहना है कि डालमियानगर उद्योग समूह के एक बड़े हिस्से को रेलवे ने अधिग्रहण तो कर लिया, लेकिन उसका उद्धार नहीं हो सका. इसलिए बजट के प्रावधानों में इस बार लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार डालमियानगर उद्योग को लेकर कोई ना कोई पहल जरूर करें. बता दें कि सन 1984 में ही डालमियानगर उद्योग समूह धीरे-धीरे बंद हो गई थी. इसके बंद होने के बाद हजारों की संख्या में लोग बेरोजगार हो गए. लेकिन आज भी यहां के लोगों को उम्मीदें हैं कि केंद्र की सरकार अपने बजट में इसके लिए कुछ न कुछ प्रावधान लाएगी.
"रेलवे कारखाना जो डालमियानगर में स्थित है इस पर कुछ सकारात्मक कदम केंद्र सरकार उठाए क्योंकि पूर्व में स्थानीय सांसद को रेल मंत्री के द्वारा स्पष्ट किया गया था कि 2022 तक रेल कारखाना किसी हालत में चालू कर दिया जाएगा और अब 2023 आ गया ऐसे में अब यहां के लोगों को उम्मीद है कि जल्द से जल्द यहां रेल कारखाने की सौगात मिले". -संजय कुमार बाला
"पूर्व में रेल मंत्रालय ने इसे खरीदा था तो हम स्थानीय लोगों को एक आस जगी थी की रेलवे के माध्यम से रोहतास इंडस्ट्रीज खुलेगा तो यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगी. इससे इस क्षेत्र का काफी विकास होगा लेकिन सिर्फ और सिर्फ हवा हवाई बन कर रह गया. आज कई वर्षों से हर साल बजट आता है लगता है कि बजट में कुछ खुशखबरी मिलेगी पर हर बार आस दम तोड़ देती है. सिर्फ निराशा ही मिलती है". -विकास कुमार सिंह, प्रखंड अध्यक्ष, जेडीयू
फैली है वीरानगी : कभी चिमनियों के इस शहर आज में आज वीरानगी फैली हुई है. डालमियानगर में पूर्व प्रस्तावित रेल कारखाना लगना था लेकिन सरकार और यहां जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण सिर्फ घोषणाएं बनकर रह गई. यदि इस बजट में केंद्र सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर और रेलवे को बढ़ावा देती है तो यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा. एक बार फिर एशिया के मानचित्र पर अपना स्थान बना सकेगा.