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रोहतास: सदर अस्पताल में अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही, मरीजों को नहीं मिल रहा खाना

सासाराम सदर अस्पताल के मैनेजर ने ईटीवी भारत के रिपोर्टर के सामने ही अस्पताल वार्ड में पहुंचकर जांच किया, तो खाना खिलाने वाले आउटसोर्सिंग कंपनी की सच्चाई सामने आ गयी.

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सदर अस्पताल
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Published : Dec 6, 2019, 9:26 AM IST

रोहतास: जिले के सासाराम सदर अस्पताल में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आयी है. अस्पताल में भर्ती मरीजों को सरकारी मेन्यू के हिसाब से खाना नहीं दिया जा रहा है. इसके चलते मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं अस्पताल मैनेजर ने कहा कि जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.

मेन्यू के हिसाब से नहीं मिलता खाना
मरीजों ने बताया कि यहां रात का खाना नहीं मिलता और ना ही सुबह में नाश्ता मेन्यू के हिसाब से मिलता है. वहीं, आउटसोर्सिंग कंपनी की तरफ से 400 ग्राम दूध की जगह महज एक कप दूध दिया जाता है. इसके अलावा 6 केले की जगह एक ही केला मरीजों को दिया जाता है. साथ ही बताया कि दोपहर में मिलने वाला खाना सुबह ही दे दिया जाता है. वहीं, प्रसूति वार्ड में भर्ती एक महिला ने बताया की वह रात से एडमिट है, लेकिन उसे रात से खाना नहीं मिला और ना ही सुबह के नाश्ते में दूध और फल दिया गया है.

सदर अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल रहा खाना

'दोषियों पर की जाएगी कार्रवाई'
सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर जनार्दन शर्मा का कहना है कि इस बात की जानकारी मुझे नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं इस समस्या की जाएगी दोषी पाए जाने वाले पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं, सासाराम सदर अस्पताल के मैनेजर ईटीवी भारत के रिपोर्टर के सामने ही अस्पताल वार्ड में पहुंचकर जांच किया, तो खाना खिलाने वाले आउटसोर्सिंग कंपनी की सच्चाई सामने आ गयी. इसके बाद अस्पताल मैनेजर ने कहा कि जांच से पता चलता है कि यहां मरीजों को खाना नहीं मिला है. साथ ही उन्होंने कहा कि दोषियों पर जल्द कार्रवाई की जाएगी.

रोहतास: जिले के सासाराम सदर अस्पताल में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आयी है. अस्पताल में भर्ती मरीजों को सरकारी मेन्यू के हिसाब से खाना नहीं दिया जा रहा है. इसके चलते मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं अस्पताल मैनेजर ने कहा कि जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.

मेन्यू के हिसाब से नहीं मिलता खाना
मरीजों ने बताया कि यहां रात का खाना नहीं मिलता और ना ही सुबह में नाश्ता मेन्यू के हिसाब से मिलता है. वहीं, आउटसोर्सिंग कंपनी की तरफ से 400 ग्राम दूध की जगह महज एक कप दूध दिया जाता है. इसके अलावा 6 केले की जगह एक ही केला मरीजों को दिया जाता है. साथ ही बताया कि दोपहर में मिलने वाला खाना सुबह ही दे दिया जाता है. वहीं, प्रसूति वार्ड में भर्ती एक महिला ने बताया की वह रात से एडमिट है, लेकिन उसे रात से खाना नहीं मिला और ना ही सुबह के नाश्ते में दूध और फल दिया गया है.

सदर अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल रहा खाना

'दोषियों पर की जाएगी कार्रवाई'
सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर जनार्दन शर्मा का कहना है कि इस बात की जानकारी मुझे नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं इस समस्या की जाएगी दोषी पाए जाने वाले पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं, सासाराम सदर अस्पताल के मैनेजर ईटीवी भारत के रिपोर्टर के सामने ही अस्पताल वार्ड में पहुंचकर जांच किया, तो खाना खिलाने वाले आउटसोर्सिंग कंपनी की सच्चाई सामने आ गयी. इसके बाद अस्पताल मैनेजर ने कहा कि जांच से पता चलता है कि यहां मरीजों को खाना नहीं मिला है. साथ ही उन्होंने कहा कि दोषियों पर जल्द कार्रवाई की जाएगी.

Intro:रोहतास। सासाराम के सदर अस्पताल में मरीजों के निवाले पर खाना खिलाने वाले ठेकेदारों की बुरी नजर है। जिससे अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा होना है लाजमी है।


Body:गौरतलब है कि सासाराम के सदर अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों को सरकारी मेन्यू के हिसाब से भोजन देने का प्रावधान किया गया है। जिसमें सुबह दोपहर शाम तक के भोजन मरीजों को मुहैया कराना है। सुबह के भोजन में 400 ग्राम दूध के अलावा 6 पीस केला के अलावे एक सेब देने का भी प्रदान किया गया है। लेकिन खाना खिलाने वाली आउटसोर्सिंग कंपनी के कर्मचारियों के द्वारा नियमों को ताक पर रखकर मरीजों को खाना उपलब्ध करा जारहा है। वहीं इस मामले की पड़ताल में जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने सासाराम सदर अस्पताल के जनरल वार्ड और महिला वार्ड में पड़ताल किया तो तस्वीर हैरान परेशान कर देने वाली थी। वहां भर्ती हुए मरीजों ने बताया कि यहां रात का खाना नहीं मिलता और ना ही सुबह में उन्हें नाश्ता मेन्यू के हिसाब से मिलता है। वही आउटसोर्सिंग कंपनी के द्वारा 400 ग्राम दूध की जगह महज एक कप दूध दिया जाता है। इसके अलावा 6 केले की जगह एक अकेला ही देकर मरीजों को चलता कर दिया जाता है। इतना ही नहीं हर दोपहर में मिलने वाले चावल दाल सब्जी को आउटसोर्सिंग कंपनी के द्वारा सुबह में ही मुहैया करा दिया जाता है। जिसके बाद उन्हें दिनभर अस्पताल में भूखे प्यासे रहना पड़ता है। वहीं इस बारे में मरीज ने बताया कि अस्पताल प्रशासन के द्वारा उन्हें सही ढंग से खाना नहीं दिया जाता है। इतना ही नहीं प्रसूति वार्ड में एक महिला ने बताया की वह रात से एडमिट है लेकिन उसे रात में खाना नहीं मिला और ना सुबह में नाश्ते में दूध और फल ही मिला। ऐसे में सवाल खड़ा होना लाजमी है कि आखिर जब सरकार मरीजों के खाने के नाम पर करोड़ों रुपया खर्च करती है तो आखिर मरीजों को उनका हक क्यों नहीं मिलता। लिहाज़ा ईटीवी भारत के रिपोर्टर ने अपनी पड़ताल आगे बढ़ाते हुए जब सासाराम सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर जनार्दन शर्मा से सवाल किया गया तो उन्हें कहां की इसकी जानकारी मुझे नहीं है। लिहाज़ा मैं अस्पताल मैनेजर को भेजकर जांच करूंगा और दोषी पाए जाने वाले पर कार्रवाई की जाएगी। लिहाज़ा सासाराम सदर अस्पताल के मैनेजर ईटीवी भारत के रिपोर्टर के सामने ही अस्पताल के वार्ड में पहुंचकर जांच किया तो तो खाना खिलाने वाले आउटसोर्सिंग कंपनी की सच्चाई की परत दर परत खुलने लगी। जिसके बाद अस्पताल मैनेजर ने कहा कि जांच से पता चलता है कि यहां मरीजों को खाना नहीं मिला है ऐसे में दोषियों पर जल्द करवाई किया जाएगा।


Conclusion:बहरहाल मरीजों को मिलने वाला खाना अस्पताल प्रशासन और आउटसोर्सिंग कंपनी दोनों मिलकर हजम कर जाते हैं। ऐसे में अस्पताल प्रशासन भी इसके लिए कम जिम्मेदार नहीं है।

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