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LOCKDOWN: कुछ दूर ट्रक से तो कभी पैदल, ऐसे प्रवासी पहुंच रहे अपने घर

प्रवासी महिला रिंकू देवी कहती हैं कि किसी तरह 15-15 सौ रुपये देकर यहां तक तो चले आये. अभी आगे जाना है. अब खाने के लिये भी पैसे नहीं बचे हैं. ये बात हम तो समझ जायेंगे लेकिन ये मासूम बच्चे कैसे समझेंगे.

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Published : May 17, 2020, 7:56 PM IST

Updated : May 17, 2020, 10:55 PM IST

रोहतास: लॉकडाउन शुरू होने के इतने समय बीत जाने के बाद भी अभी तक देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रवासी मजदूर बिहार पहुंच रहे हैं. प्रवसन के इस दौर में सबसे अधिक परेशानी महिलाओं और बच्चों को हो रही है. तस्वीरों में दिख रहा यह परिवार छोटे-छोटे बच्चों को लेकर किसी तरह ट्रकों आदि पर सवार होकर जयपुर से सासाराम तक आ गया, लेकिन अब सासाराम से भोजपुर जाने के लिए ये परिवार घंटों सड़क किनारे बैठा रहा.

इन लोगों ने बताया कि राजस्थान के जयपुर से कभी पैदल, तो कभी ऑटो पर, तो कभी ट्रकों पर सवार होकर यह श्रमिक परिवार सासाराम तक पहुंच गया. अब उन्हें भोजपुर के पीरो जाना है. काफी देर इंतजार करने के बाद पोस्ट ऑफिस चौराहे पर ड्यूटी कर रहे कुछ जवानों ने इन सभी को एक ऑटो पर बिठाकर आगे तक भेज दिया. आलम ये है कि जयपुर से बच्चों को किसी तरह कुछ खिला-पिलाकर महिलाएं यहां तक पहुंची हैं. ये इनकी इच्छाशक्ति ही है कि इस विषम परिस्थित में भी अपने घर तक पहुंच गईं.

देखें रिपोर्ट

महिलाएं और बच्चे परेशान
प्रवासी महिला रिंकू देवी कहती हैं कि किसी तरह 15-15 सौ रुपये देकर यहां तक तो चले आये. अभी आगे जाना है. अब खाने के लिये भी पैसे नहीं बचे हैं. ये बात हम तो समझ जायेंगे लेकिन ये मासूम बच्चे कैसे समझेंगे. वहीं सासाराम के एसडीएम ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन लगातार काम कर रहा है.

रोहतास: लॉकडाउन शुरू होने के इतने समय बीत जाने के बाद भी अभी तक देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रवासी मजदूर बिहार पहुंच रहे हैं. प्रवसन के इस दौर में सबसे अधिक परेशानी महिलाओं और बच्चों को हो रही है. तस्वीरों में दिख रहा यह परिवार छोटे-छोटे बच्चों को लेकर किसी तरह ट्रकों आदि पर सवार होकर जयपुर से सासाराम तक आ गया, लेकिन अब सासाराम से भोजपुर जाने के लिए ये परिवार घंटों सड़क किनारे बैठा रहा.

इन लोगों ने बताया कि राजस्थान के जयपुर से कभी पैदल, तो कभी ऑटो पर, तो कभी ट्रकों पर सवार होकर यह श्रमिक परिवार सासाराम तक पहुंच गया. अब उन्हें भोजपुर के पीरो जाना है. काफी देर इंतजार करने के बाद पोस्ट ऑफिस चौराहे पर ड्यूटी कर रहे कुछ जवानों ने इन सभी को एक ऑटो पर बिठाकर आगे तक भेज दिया. आलम ये है कि जयपुर से बच्चों को किसी तरह कुछ खिला-पिलाकर महिलाएं यहां तक पहुंची हैं. ये इनकी इच्छाशक्ति ही है कि इस विषम परिस्थित में भी अपने घर तक पहुंच गईं.

देखें रिपोर्ट

महिलाएं और बच्चे परेशान
प्रवासी महिला रिंकू देवी कहती हैं कि किसी तरह 15-15 सौ रुपये देकर यहां तक तो चले आये. अभी आगे जाना है. अब खाने के लिये भी पैसे नहीं बचे हैं. ये बात हम तो समझ जायेंगे लेकिन ये मासूम बच्चे कैसे समझेंगे. वहीं सासाराम के एसडीएम ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन लगातार काम कर रहा है.

Last Updated : May 17, 2020, 10:55 PM IST
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