रोहतास: बिहार के रोहतास की बेटियां हमेशा अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेरती रही हैं. चाहे वह ज्ञान का क्षेत्र हो या फिर खेलकूद. आज भी ये बेटियां अपनी प्रतिभा दिखा रही हैं. ये बेटियां कराटे और ताइक्वांडो सीख रही हैं. जिसमें योग भी समाहित है. उनका कहना है कि मार्शल आर्ट (Martial Arts Training in Rohtas) सीखने से वे आत्मनिर्भर बनेंगी. ये हुनर सिर्फ आत्म रक्षार्थ ही नहीं बल्कि उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला है.
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बता दें कि जिला मुख्यालय सासाराम के न्यू स्टेडियम फजलगंज में इन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है. जिसके बाद यह विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेती है. एक साथ बूसू, बॉक्सिंग, ताइक्वांडो, जूडो-कराटे तथा योगा की प्रतियोगिता देखने को मिलती है. इन सभी प्रतिभागी छात्राओं में तमाम हुनर है. जो विभिन्न प्रतियोगिताओं में दिखाती हैं. वहीं, उनके कोच कहते हैं कि यह एक युद्ध कला है, जो संपूर्णता देती है.
वहीं, प्रतिभागी छात्राओं का कहना है कि वह आत्मनिर्भर बनने के लिए बूसू, बॉक्सिंग, ताइक्वांडो, जूडो-कराटे और योगा का प्रशिक्षण ले रहे. इसका प्रशिक्षण वे सेल्फडिफेंस के लिए रही हैं. इसके बाद वे स्टेल लेवल की प्रतियोगिता में भाग लेगी. इसके साथ उन्होंने कहा कि इससे उन्हें खुशी मिलती है.
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